Thursday, March 28, 2024
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Jan Saamna Office

सभी निजी क्लिनिकों, नर्सिंग होम और प्रयोगशालाओं को खुला रखना सुनिश्चित करें

नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। मंत्रिमंडल सचिव ने 10 मई 2020 को वीडियो कॉन्‍फ्रेंस के जरिये एक बैठक की, जिसमें कुछ राज्‍यों और संघ शासित प्रदेशों द्वारा डॉक्‍टरों और अर्द्ध चिकित्‍सा कर्मियों की गतिविधियों पर कुछ राज्यों /संघ शासित प्रदेशों द्वारा लागू प्रतिबंधों का मुद्दा उठा।
इस बैठक के परिणामस्‍वरूप, गृह मंत्रालयने सभी राज्यों /संघ शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने और बहुमूल्‍य मनुष्‍य जीवन को बचाने के लिए सभी डॉक्‍टरों गतिविधियां बेरोकटोक जारी रहना आवश्यक है। इसमें कहा गया कि डॉक्‍टरों और अर्द्ध चिकित्‍सा कर्मियों की गतिविधियों पर किसी भी प्रकार का प्रतिबंध कोविड और गैर-कोविडचिकित्सा सेवाएं प्रदान करने में गंभीर बाधाएं पैदा कर सकता है।

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गृह मंत्रालय की राज्‍यों को हिदायत: ‘श्रमिक स्‍पेशल’ ट्रेनें चलाने में रेलवे के साथ सहयोग करें

नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। मंत्रिमंडल सचिव ने बसों और ‘श्रमिक स्‍पेशल’ ट्रेनों से जाने वाले श्रमिकों को सभी राज्‍यों और संघ शासित प्रदेशों द्वारा प्रदान की गई सहायता की समीक्षा करने के लिए 10 मई 2020 को वीडियो कॉन्‍फ्रेंस के जरिये एक बैठक की अध्‍यक्षता की।
इस बैठक के परिणामस्‍वरूप, गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों /संघ शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर कहा कि वे पलायन करके आए श्रमिकों को उनके मूल स्थानों तक पहुंचने के लिए सड़क और रेलवे पटरियों पर चलने से रोकें। इस बात पर जोर दिया गया कि ‘श्रमिक स्‍पेशल’ट्रेनों और बसों को चलने की अनुमति दी जा चुकी है। इसलिए, उन्‍हें अपने घर जाने के लिए ‘श्रमिक स्‍पेशल’ट्रेनों या बसों की सुविधा दी जा सकती है और तब तक पलायन करके आए श्रमिकों को परामर्श दिया जा सकता है और उन्हें पास के आश्रयों में ले जाया जा सकता है।
इस बात पर भी जोर दिया गया कि सभी राज्य / संघ शासित प्रदेशों की सरकारों को बिना किसी बाधा के और ‘श्रमिक स्‍पेशल’ ट्रेनें चलाने में रेलवे के साथ सहयोग करना चाहिए ताकि फंसे हुए श्रमिक तेजी से अपने घर तक पहुंच सकें।

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भारतीय रेलवे ने देश भर में 468 ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेनें चलाईं

यात्रियों को दिया जा रहा है मुफ्त भोजन और पानी
यात्रियों को भेजने वाले राज्‍य और यात्रियों का आगमन स्‍वीकार करने वाले राज्‍य दोनों की ही सहमति के बाद ही रेलवे द्वारा चलाई जा रही हैं स्‍पेशल ट्रेनें
सामाजिक दूरी बनाए रखने के दिशा-निर्देश का किया जा रहा है सख्‍ती से पालन
इनमें से प्रत्येक ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेन से तकरीबन 1200 यात्री करते हैं सफर
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। विभिन्न स्थानों पर फंसे प्रवासी श्रमिकों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों, विद्यार्थियों और अन्य व्यक्तियों की आवाजाही विशेष रेलगाड़ियों से सुनिश्चित करने के बारे में गृह मंत्रालय का आदेश (ऑर्डर) प्राप्‍त होने के बाद भारतीय रेलवे ने ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेनें चलाने का निर्णय लिया था।
11 मई 2020 (10 बजे) तक देश भर के विभिन्न राज्यों से कुल 468 ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेनें चलाई गई हैं, जिनमें से 363 ट्रेनें अपने गंतव्य तक पहुंच भी चुकी हैं और 105 ट्रेनें फि‍लहाल अपने-अपने गंतव्यों की ओर अग्रसर हैं।

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सेवाभाव के 51 दिन पूरे मोहम्मदी यूथ ग्रुप लॉकडाउन में कोई भूखा नहीं सोएगा

कानपुर नगर, स्वप्निल तिवारी। मोहम्मदी यूथ ग्रुप मार्च से लगातार सभी धर्मों के मज़दूरो, बेसहारों को भोजन, गरीबों को राशन व मरीज़ो को दवा बांटने का कार्य कर रहा है। कानपुर शहर के विभिन्न क्षेत्रों में ग्रुप की टीम ने इंसानियत-मानवता के कार्यों के आज 51 दिन पूरे किये ग्रुप ने सेवाभाव के कार्यों को और बढ़ाने का संकल्प लिया। रमज़ानुल मुबारक माह में खिदमते खल्क़ का कारवां और आगे बढ़ा। लॉकडाउन में कोई भूखा नहीं सोएगा हॉटस्पॉट इलाकों में लोगों की परेशानियों को दूर करने के लिए ग्रुप की टीम जिला प्रशासन के माध्यम व अपने द्वारा हर संभव जनता की सहायता के लिये सदैव आगे रही। गरीबों-मज़दूरों की मदद मे सबसे आगे सेवाभाव के लिये दिन-रात जुटे रहते है।

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छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति नियमावली में बदलाव

कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति योजना का लाभ पाने के लिए अब सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों को कम से कम 60 प्रतिशत अंक लाने होंगे। तमाम स्थितियों को देखते हुए समाज कल्याण विभाग छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति योजना की नियमावाली में बदलाव करने जा रहा है। निदेशालय ने अर्हता का प्रतिशत बढ़ाने समेत अन्य सिफारिशों संबंधी प्रस्ताव शासन को भेज दिया है, जहां से अंतिम फैसला लिया जायेगा।
सूत्र बताते हैं कि सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए कम मिले बजट की वजह से पात्रता कम से कम हो इसलिए यह प्रतिशत बढ़ाया जा रहा है। बीते साल सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों के लिए करीब 850 करोड़ रुपये का बजट था। इस पर भी विभाग सामान्य वर्ग के तकरीबन चार लाख विद्यार्थियों को पात्रता के बावजूद स्कॉलरशिप नहीं दे पाया था। इस बार यह बजट घटकर केवल 500 करोड़ रुपये ही रह गया है। ऐसे में जाहिर है कि बीते साल से भी कम संख्या में विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप और शुल्क प्रतिपूर्ति दी जा सकेगी। ऐसे में यह बदलाव लाजिमी माना जा रहा है। अब स्कॉलरशिप और शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए अर्हता का प्रतिशत 50 से बढ़ाकर 60 कर दिया जायेगा। इससे कम संख्या में छात्र आवेदन करेंगे और पहले की अपेक्षा कम आवेदन आने पर विभाग को कुछ राहत मिलेगी।

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एक ही चैनल पर होगी कक्षा 1 से 12 तक की पढ़ाई

एनसीईआरटी तैयार करेगी अध्ययन सामग्री
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। ऑनलाइन शिक्षा की पहुंच सिर्फ शहरी या इंटरनेट की उपलब्धता वाले कस्बाई क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं रहेगी बल्कि अब यह दूरदराज व सीमावर्ती क्षेत्रों के छात्रों को भी सहज ही हासिल हो सकेगी। इसको लेकर सरकार ने एक बड़ी योजना पर काम शुरू किया है। योजना के तहत देश में बच्चों को पढ़ाने के लिए 12 नये डेडीकेटेड टीवी चैनल शुरू किये जाएंगे। यानी प्रत्येक क्लास के पास मौजूद स्वयं प्रभा के 32 चैनलों में से ही उपलब्ध क्लास के पाठ्यक्रम के आधार पर ही कराये जाएंगे। इन चैनलों में हर दिन लाइव कक्षाओं के लिए अलग-अलग टीवी चैनल होंगे जिनमें स्कूलों की तरह तय समय पर विषयवार कक्षाएं लगेंगी। इसका एक टाइम टेबल भी गतिविधियों को जारी रखने के लिए लागू किया जायेगा।

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जाने आगे क्या होगा….!

जब प्रधानमंत्री जी ने 22 मार्च को ट्रायल के रूप में संपूर्ण भारत भारत बंद का ऐलान किया था तब तक लॉक डाउन जैसे शब्द से हम बहुत से भारतीय परिचित नहीं थे। बहुत से भारतीयों को यह तक नहीं मालूम था कि 22 मार्च के दिन संपूर्ण भारत बंद क्यों किया गया है आखिर सरकार का क्या उद्देश्य है अचानक इस तरह का कदम उठाकर। जिस कोरोना कोविड-19 जैसी महामारी को तब तक हम कुछ नहीं समझते थे हम बस इसे केवल एक सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर गुड मॉर्निंग और गुड नाइट मैसेज की तरह ले रहे थे पर आज कोरोना जैसी वैश्विक बीमारी का नाम बच्चे बच्चे की जुबां पर आ गया है। इस समय लॉक डाउन का तीसरा चरण चल रहा है पर सड़कों पर बेवजह घूमते हुए लोग और बेवजह ग्रुप बनाकर गपशप करते लोगों को देखकर कहीं भी प्रतीत नहीं हो रहा कि लॉक डाउन जैसा कुछ चल रहा है। और तो और कुछ दिनों पहले जब से शराब की दुकानें खुलने का आदेश दे दिया गया तब से लोग बेखौफ होकर कहीं भी घूम रहे हैं किसी भी तरह के नियम का पालन नहीं हो रहा है आखिर हम भारतीय जो है जो बिना डर के और बिना लालच के कुछ नहीं करते। इस समय पुलिस विभाग भी अब पूरी तरह से पस्त नजर आ रहा है क्योंकि उन्होंने लगभग 45 दिन खूब मेहनत की पर अचानक इस तरह से शराब की दुकाने खुलने से उनके किए कराए पर भी पानी फिर गया। अब वह किसी से कुछ कह भी नहीं सकते क्योंकि पहले अगर कोई दवा भी लेने जा रहा होता था तो पुलिस उससे कई तरह की पूछताछ करती थी पर आज वो शान से कहता है कि मैं दारू लेने जा रहा हूं और पुलिस कुछ नहीं कर पाती क्योंकि यह सरकार का एक आदेश है जिसका पालन उन्हें करना ही है।

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मखदुमपुर चौकी को मिली सफलता

चायल/कौशाम्बी, जन सामना ब्यूरो। कौशाम्बी पुलिस अधीक्षक द्वारा अपराध एवं अपराधियों के विरुद्ध चलाये जा रहे अभियान के तहत क्षेत्राधिकारी चायल के पर्यवेक्षण में मखदूमपुर चौकी प्रभारी अशोक कुमार सिंह ने अपने टीम अरविन्द कुमार सिंह, नागेन्द्र सिंह, अनुपम सिंह के साथ मुखबिर की सूचना पर संध्या आई. टी. आई. कालेज खानपुर सतवा से मंजीत सिंह पुत्र स्व बचऊ सिंह, नाहर सिंह पुत्र स्व बचऊ सिंह, रामराज सिंह पुत्र झल्लर सिंह को गिरफ्तार किया। तलाशी लेने पर अभियुक्त मंजीत सिंह के पास से एक अदद तमंचा 12 बोर एवं एक अदद जिंदा कारतूस 12 बोर बरामद किया गया। तीनों के विरुद्ध विधिक कार्यवाही पंजीकृत कर न्यायालय भेज दिया गया है।

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परिषदीय स्कूलों में होंगे अहम बदलाव ड्रेस कोड में शामिल होगा मास्क

कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। कोरोना संकट के बाद बेसिक और माध्यमिक शिक्षा में बड़ा बदलाव होगा। इस दिशा में काम चल रहा है। स्कूल संचालकों से जो फीडबैक लिया गया है, उसके मुताबिक स्कूलों में एक साल तक खेल, प्रार्थना सभा और सभी तरह के समारोहों पर रोक लगाई जा सकती है। इसका खाका मानव संसाधन विकास मंत्रालय तैयार कर रहा है। लैब, लाइब्रेरी भी बंद की जा सकती है। इंटरवल को भी प्रतिबंधित करने की तैयारी है। कोरोना के कारण स्कूल मार्च से ही बंद हैं। संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखकर यह कहा जा सकता है कि जुलाई से पहले स्कूलों के खुलने के कोई आसार नहीं हैं। इससे पहले ही पठन-पाठन के नियमों में बदलाव की कवायद शुरू कर दी गई है। हाल ही में मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से आयोजित वीडियो कांफ्रेंसिंग में स्कूल संचालकों से इस सिलसिले में बात की गई थी।

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अफ्रीका के युगांडा में 80 लोग संक्रमित, 52 लोग स्वस्थ्य होकर अपने घर लौटे

कानपुर नगर, स्वप्निल तिवारी। यशोदा नगर निवासी विजय तिवारी वर्तमान समय में ईस्ट अफ्रीका के युगांडा में रहते है। जहां पर वो राजधानी कंपाला में स्थित टेम्बो स्टील लिमिटेड कंपनी में सीनियर सेल्स ऑफिसर है। उन्होंने फोन पर जानकारी देते हुए बताया कि जनवरी में घर गया था जहाँ पर पत्नी अनामिका और बच्चे अभिनव के साथ कुछ दिन बिताने के बाद वापस युगांडा आ गए। इसके बाद हालात बिगड़ गए, युगांडा में भी 31 मार्च से लॉकडाउन हो गया। यहां पर लोग लॉकडाउन का लगातार पालन कर रहे है। जिससे यहां पर ज्यादा केस सामने नही आये है विजय तिवारी ने कहा मैं भारतवासियों को ये संदेश देना चाहता हूं कि इस वैश्विक कोविड-19 जैसी महामारी के समय अपने देश से दूर हूं और लगातार अपने गांव और देश के लोगों के लिए प्रार्थना करता हूं कि भगवान सभी की रक्षा करें और इस भयावह महामारी को खत्म करें। यहां युगांडा में सरकार ने बहुत अच्छे कदम उठाएं और जनता ने भी लॉकडाउन का पालन बहुत ही बेहतर तरीके से किया है। इसलिए यहां अभी तक 80 लोग संक्रमित हुए है जिसमें 52 लोग स्वास्थ्य होकर घर लौट चुके हैं। आप सभी से निवेदन है कि कृपया लॉक डाउन का पालन करे और घर में रहे अनावश्यक घर से बाहर न निकले सभी देशवासियों से लॉकडाउन का पालन करने की अपील की पिता व भाई को पैसे भेज गरीबों में बंटवा रहे भोजन। विजय ने बताया कि कानपुर में रोज घरवालों से फोन पर बात होती है जिससे कोरोना के मरीज और लॉकडाउन की जानकारी भी मिल जाती है पिता और भाई को 90 हजार रुपये भेजे है। जिससे वो जरूरत मंद लोगों को भोजन पहुंचा रहे है आगे भी पैसे भेजता रहूंगा जिससे जरूरतमंदों तक भोजन पहुंचता रहे।

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