Thursday, April 18, 2024
Breaking News
Home » 2016 » November » 28 (page 3)

Daily Archives: 28th November 2016

ऐतिहासिक लाल इमली मिल को चलाने हेतु किया भौतिक निरीक्षण

कानपुर, जन सामना ब्यूरो। ऐतिहासिक लाल इमली मिल को चलाने हेतु उसका भौतिक निरीक्षण भारतीय मजदूर संघ एवं इंटक एवं सभी कर्मचारी संघो के संयुक्त तत्वाधान में मिलकर के वर्तमान में मिल की स्थिति और मजदूरों की भावना को जानने हेतु तथा मिल से संबंधित वर्तमान परिस्थिति के अनुसार एक विस्तृत रिपोर्ट वरिष्ठ नेता सांसद मुरली मनोहर जोशी जी को दिल्ली में ले जाकर की दी जाएगी और उनके आशीर्वाद से  कपड़ा मंत्री स्मृति इरानी जी से भेंट करके वास्तविक वस्तु स्थिति से अवगत कराया जाएगा । मिल के मजदूर और कर्मचारी चाहते हैं कि मिल चले। उसके लिए वह कोई भी सैक्रिफाइस के लिए भी तैयार है यह बात कपड़ा मंत्री के संज्ञान में दी जाएगी और साथ ही मजदूरों के हितों की अनदेखी न हो इस पर भी चर्चा की जाएगी। पार्टी का पूरा प्रयास होगा कि मंत्रालय को और सरकार को विश्वास में लेकर कानपुर कि इस ऐतिहासिक मिल को चलवाने का काम करवाया जाए। जिस प्रकार से ऊपर यह रिपोर्ट कि वहां की कर्मचारी यूनियने इस मिल को चलने नहीं देना चाहती हैं और उसके लिए बराबर बाधा पहुंचा रही हैं ऐसी रिपोर्ट मंत्रालय बराबर भेजी जा रही है 

Read More »

टीटीएफ लीडरशिप एण्ड मोटिवेशन ट्रेनिंग कार्यक्रम का आयोजन 30 नवम्बर से 3 दिसम्बर तक

कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। जिलाधिकारी कुमार रविकान्त सिंह ने निर्देश दिए है कि भारत निर्वाचन आयोग के आदेशो के क्रम में जनपद स्तर पर टीटीएफ लीडरशिप एण्ड मोटिवेशन ट्रेनिंग कार्यक्रम का आयोजन वीआई0पी0 सभागार विकास भवन माती में 30 नवम्बर 2016 से 03 दिसम्बर 2016 तक प्रातः 10.00 बजे से सायं 5.00 बजे तक किया जाएगा। प्रशिक्षण में निर्वाचन कार्य हेतु नामित जिला स्तरीय अधिकारीगण, आर0ओ0/ए0आर0ओ0 अपर पुलिस अधीक्षक, समस्त पुलिस उपाधीक्षक जिनमे प्रमुख रूप से सी0डी0ओ0 के0के0गुप्ता, ए0डी0एम0 शिवशंकर गुप्ता, अमर पाल सिंह ए0एस0पी0 मनोज सोनकर, समस्त एस0डी0एम0 व समस्त तहसीलदार आदि को प्रतिभाग करना है। समस्त नामित अधिकारी उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम में नियत तिथि व समय से प्रतिभाग करना सुनिश्चित करें। प्रशिक्षण के उपरान्त प्रशिक्षण में प्रतिभाग करने वाले सभी अधिकारी अपना फीडबैक/रिपोर्ट निर्धारित प्रपत्र पर उपजिलानिर्वाचन अधिकारी/नोडल अधिकारी को उपलब्ध करायें।

Read More »

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘राष्ट्र के नाम संदेश’ नहीं था लाइव!

2016-11-27-2sspjs-pankaj⇒दूरदर्शन के पत्रकार सत्येन्द्र मुरली का खुलासा
⇒पत्रकार का दावा पूर्व रिकाॅर्डेड और एडिट किया हुआ था संदेश, हैं पुख्ता सुबूत
⇒500 व 1000 के नोटबन्दी पर अचानक घोषणा वाला नाटक किया प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने!
⇒पत्रकार ने कहा, मोदी ने संविधान व नियम-कानूनों को ताक पर रखकर देश की जनता को गुमराह किया
⇒भारतीय प्रेस क्लब में काॅन्फ्रेंस कर पत्रकार सत्येन्द्र मुरली ने किया बड़ा खुलासा गोपनीय नहीं था नोटबन्दी का फैसला, पत्रकार का दावा पुख्ता सबूत मौजूद

पंकज कुमार सिंह
नई दिल्ली/कानपुर। देशभर के तमाम चैनलों के जरिए आमजन को अचानक मिली पाॅंच सौ व एक हजार के नोटबन्दी की खबर ने देश-दुनियां में हलचल पैदा कर दी थी। इस खबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत 8 नवंबर की रात 12 बजे से 500 और 1000 के नोट को प्रतिबन्धित करने की घोषणा की थी। दूरदर्शन के लाईव बैंड के साथ तमाम चैनल्स् ने इस खबर का प्रसाारण किया था। दरअसल यह घोषणा दूरदर्शन पर लाईव नहीं थी और ना ही प्रधानमंत्री मोदी सीधा प्रसाारण में घोषणा कर रहे थे। यह पहले से रिकाॅर्डेड और एडिटेड था। यह दावा भारतीय प्रेंस क्लब नई दिल्ली में अयोजित प्रेस कांफ्रेस के दौरान दूरदर्शन के जानेमाने पत्रकार सत्येन्द्र मुरली ने किया है। उन्होंने यह दावा भी किया है कि उक्त प्रकरण में उनके पास पुख्ता सबूत भी मौजूद है।

Read More »

अगर बदलाव लाना है तो कानून नहीं सोच बदलनी होगी

यह जो लड़ाई शुरू हुई है, वह न सिर्फ बहुत बड़ी लड़ाई है बल्कि बहुत मुश्किल भी है क्योंकि यहाँ सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि इस लड़ाई को वो उसी सरकारी तंत्र के ही सहारे लड़ रहे हैं जो भ्रष्टाचार में लिप्त है इसलिए लोगों के मन में सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि सिस्टम वही है और उसमें काम करने वाले लोग वही हैं तो क्या यह एक हारी हुई लड़ाई नहीं है?

नोट बंदी के फैसले को एक पखवाड़े से ऊपर का समय बीत गया है  बैंकों की लाइनें छोटी होती जा रही हैं और देश कुछ कुछ संभलने लगा है।
जैसा कि होता है  , कुछ लोग फैसले के समर्थन में हैं तो कुछ इसके विरोध में  स्वाभाविक भी है किन्तु समर्थन अथवा विरोध तर्कसंगत हो तो ही शोभनीय लगता है।
जब किसी भी कार्य अथवा फैसले पर विचार किया जाता है तो सर्वप्रथम उस कार्य अथवा फैसले को लागू करने में निहित लक्ष्य देखा जाना चाहिए यदि नीयत सही हो तो फैसले का विरोध बेमानी हो जाता है।
यहाँ बात हो रही थी नोटबंदी के फैसले की  । इस बात से तो शायद सभी सहमत होंगे कि सरकार के इस कदम का लक्ष्य देश की जड़ों को खोखला करने वाले भ्रष्टाचार एवं काले धन पर लगाम लगाना था।
यह सच है कि फैसला लागू करने में देश का अव्यवस्थाओं से सामना हुआ लेकिन कुछ हद तक वो अव्यवस्था  काला धन रखने वालों द्वारा ही निर्मित की गईं थीं और आज भी की जा रही हैं।
जिस प्रकार बैंकों में लगने वाली लम्बी लम्बी कतारों के भेद खुल गए हैं उसी प्रकार आज बैंकों में अगर नगदी का संकट हैं तो उसका कारण भी यही काला धन रखने वाले लोग है।
सरकार ने जिन स्थानों को पुराने नोट लेने के लिए अधिकृत किया है वे ही कमीशन बेसिस पर कुछ ख़ास लोगों के काले धन को सफेद करने के काम में लगे हैं और जिन लोगों के पास नयी मुद्राएँ आ रही हैं  वे उन्हें बैंकों में जमा कराने के बजाय मार्केट में ही लोगों का काला धन  सफेद करके पैसा कमाने में लगे हैं  इस प्रकार बैंकों से नए नोट  निकल तो रहे हैं लेकिन वापस जमा न होने के कारण रोटेशन नहीं हो पा रहा।

Read More »