Friday, April 26, 2024
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Daily Archives: 21st September 2017

युवती को गायब कर बेचने का आरोप

घाटमपुर, कानपुर, संवाददाता। जाजपुर पुलिस चैकी क्षेत्र के ग्राम चैबेपुर निवासी महिला ने स्थानीय पुलिस से शिकायत की है कि उसकी पुत्री बीते मंगलवार को पढ़ने के लिए संत बैरागी बाबा महाविद्यालय मुइया गई थी। देर शाम तक वापस नहीं लौटने पर उसकी सभी जगह तलाश की गई। पीड़ितो को पता चला है कि गांव का ही अमरनाथ व बलराम उसकी पुत्री को बहला-फुसलाकर कहीं ले गए और बेच दिया है पीड़िता की शिकायत पर स्थानीय पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।

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टप्पेबाजों ने उड़ाए कान के बाले

घाटमपुर, कानपुर, संवाददाता। गुरुवार अपराहन मूसानगर रोड स्थित जनता इंटर कॉलेज के नजदीक दो युवकों व एक महिला ने बातों बातों में झांसा देकर महिला के कान के बाले उड़ा दिए। पीड़िता ग्राम काटर निवासी रमेश की बेवा राजकुमारी ने पुलिस को बताया कि वह नौरंगा से दवाई करा कर वापस गांव लौट रही थी। रास्ते मे मिली एक महिला व दो युवकों ने उसे बातों में लगाकर उसके कान में पहने सोने के बाले उड़ा दिए और चम्पत हो गये पीड़ित महिला की शिकायत पर स्थानीय पुलिस टप्पेबाजो की तलाश कर रही है।

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स्वच्छता पर जोर

देश के प्रधानमंत्री के आहवाहन पर पूरे देश में मनाये जा रहे स्वच्छता पखवाड़े से स्वच्छ भारत अभियान को काफी गति मिलती दिख रही है। साफ-सफाई को विशेष बल देने वाले सरकारी कार्यक्रमों से आम लोगों की जागरूकता में एक ओर कई गुणा बढ़ोतरी हुई है। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग भी पिछले तीन वर्षों में स्वच्छता और साफ-सफाई को लेकर काफी जागरूक हुए है लेकिन यह कहना उचित ही होगा कि कई जगहों पर यह कार्यक्रम फोटो खिचाऊ अभियान तक ही सीमित है। महानगरों में तमाम नजारे आज भी दिखते हैं जो पीएम के स्वच्छता अभियान को मुंह चिढ़ाते नजर आते हैं। प्रधानमंत्री ने वर्ष 2014 में गांधी जयंती के अवसर पर इस महत्वाकांक्षी अभियान का शुभारंभ किया था। सुरक्षित पेयजल और साफ-सुथरे शौचालय के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ी है और इससे स्वच्छता को एक नया अर्थ मिला है। लेकिन शौचालय योजना जहां एक ओर लोगों को खुले में शौच करने से बचाव का माध्यम बनी है तो दूसरी ओर शौचालय योजना में भी भ्रष्टाचाररूपी ईंटगारे का बोलबाला दिख रहा है और यह योजना भी जेब भरने का माध्यम बनती दिखी है।
शौचालय अभियान के तहत बड़ी संख्या में शौचालयों का निर्माण हुआ है। फिर भी यह कहना अनुचित नहीं कि जो परिणाम आने चाहिए वो लाख प्रयासों के बावजूद नहीं आये क्योंकि कागजी हकीकत कुछ और है और जमीनी हकीकत कुछ और।

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