Friday, April 19, 2024
Breaking News
Home » 2018 » April » 18 (page 3)

Daily Archives: 18th April 2018

चचेरे भाई-बहन की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हत्या या आत्महत्या?

हाथरस, नीरज चक्रपाणि। हाथरस की हाथरस जंक्शन कोतवाली क्षेत्र के गांव नगला आलिया में चचेरे भाई-बहन की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। ग्रामीणों का कहना है कि दोनों ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। दरवाजा तोड़कर दोनों के शवों को बाहर निकाला गया। सूचना मिलने के काफी देर बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा दिया।

हाथरस जंक्शन के गांव नगला अलिया निवासी राकेश व रविकांत चचेरे भाई हैं। राकेश के बेटे (17) व रविकांत की बेटी (15) की मौत चर्चा विषय बन गई है। कुछ ग्रामीणों की माने तो मंगलवार की दोपहर किसी बात को लेकर विवाद हो गया था। इस बात पर राकेश ने दोनों को डांट दिया, इस डांट से क्षुब्ध दोनों ने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया। परिजनों ने इस बात पर ज्यादा गौर नहीं किया। अंदर गुस्से में दोनों ने एक दुपट्टे के दो टुकड़े किए और कमरे में दो पंखे थे, एक से बेटे ने फांसी लगा ली तथा दूसरे से बेटी ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली कमरे से अजीब से आवाजें आने पर परिवार के लोगों ने कमरा खोलने का प्रयास किया, लेकिन अंदर से बंद था। जंगले से देखा तो दोनों पंखे से लटके हुए थे। यह देख घर में चीख-पुकार मच गई। आसपास के लोग भी एकत्रित हो गए। सब ने मिलकर कमरे का दरवाजा तोड़ा तथा दोनों को तत्काल नीचे उतारा, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। दोनों को प्राइवेट अस्पताल भी ले जाया गया, लेकिन उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। संदिग्ध परिस्थितियों में युवक युवती की मौत की सूचना पहुंचे पत्रकारों को खबर बनाने से रोक दिया गया। सूचना पर एसएचओ हाथरस जंक्शन जगदीशचंद्र मौके पर पहुंचे। एएसपी डॉ. अरविन्द कुमार भी घटना स्थल पर आए, और छानबीन की। एएसपी डा. अरविन्द कुमार ने कहा कि अभी कोई कम्प्लेंट नहीं हुई है, दोनों के शव को पोस्ट मार्टम के लिए भेज दिया गया है जांच की जा रही है, जांच और पीएम रिपोर्ट देखने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

Read More »

डाॅ0 आशा त्रिपाठी द्वारा सम्पादित पुस्तक ‘‘रामायण में राजनीति’’ का हुआ लोकार्पण

कोलकाता, जन सामना ब्यूरो। विगत दिनों कोलकाता में श्री बड़ा बाजार कुमारसभा पुस्तकालय, कोलकोता द्वारा आयोजित डा0 हेडगेवार प्रज्ञा सम्मान समारोह में महामहिम  राज्यपाल प0बं0 केसरीनाथ त्रिपाठी के करकमलों से डा0 आशा त्रिपाठी, पूर्व प्राचार्या महिला महाविद्यालय द्वारा सम्पादित और सोशल रिसर्च फाउण्डेशन, कानपुर, उ0प्र0 द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘‘रामायण में राजनीति’’ का भव्य लोकार्पण किया गया। बहुत ही सुखद अनुभव रहा कि वहाँ पर लोगों ने जिज्ञासापूर्ण जानकारी के साथ पुस्तक को हाथों हाथ लिया।

रामायण में राजनीति: पुस्तक वाल्मीकि कृत ‘‘रामायण’’ पर आधारित है न कि तुलसीदास कृत ‘‘रामचरित मानस’’ पर। रामायण विश्व प्रसिद्ध ग्रन्थ है। धार्मिक दृष्टि से तो हिन्दुओं के लिए ‘‘रामायण’’ एक अनुपम ग्रन्थ है, परन्तु धार्मिक भावनाओं के अलावा भी उसमें बहुत कुछ है। जो लोग भगवान रामचन्द्र को ईश्वर मानने के लिए तैयार नहीं उनके मनन करने योग्य भी उसमें बहुत कुछ सामग्री है। राजनीतिक दृष्टिकोंण से देखने पर रामायण में धर्म आच्छादित राजनीतिक दाँव पेंच के दर्शन होते हैं। यद्यपि धर्म और राजनीति के दायरे अलग-अलग हैं पर दोनों की जड़े एक हैं। धर्म दीर्घकालीन राजनीति है तो राजनीति अल्पकालीन धर्म है।

Read More »