Tuesday, April 16, 2024
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Monthly Archives: May 2018

व्यापारियों ने श्रमिक दिवस पर अंगौछा का वितरण किया

कानपुर नगर, चंदन जायसवाल। कानपुर मार्बल व्यापारी सेवा समिति एवं आईरा परिवार के संयुक्त तत्वावधान में श्रमिक दिवस पर व्यापारियों के द्वारा आम जनमानस के मध्य भीषण गर्मी से कुछ राहत हेतु अंगौछो का वितरण किया गया। कार्यक्रम का संचालन प्रखर शुक्ला के द्वारा किया गया। श्रमिक दिवस की उत्पत्ति देश विदेश मे इस प्रकार हुई कि अंतरारष्ट्रीय मई दिवस यानी 1 मई 1886 को अमेरिका के शिकागों शहर में अनेक श्रमिक संगठनों ने काम करने की अधिकतम सीमा 8 घंटे करने के लिए हड़ताल की थी। इस हड़ताल के दौरान एक व्यक्ति ने शिकागों के हेय मार्केट में विस्फोट कर दिया। यह देख पुलिस ने श्रमिक पर गोलियां चलाई, जिसमें सात श्रमिक की मौत हो गई। अमेरिकी सरकार ने अपनी प्राथमिक जांच में पाया कि पुलिस की गलती थी। घटना के कुछ ही समय बाद ही अमेरिकी सराकर ने श्रमिक की काम करने की अधिकतम सीमा 8 घंटे निश्चित कर दी। तभी से अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस को 1 मई को मनाया जाता है। मई दिवस मनाने की शुरुआत शिकागो में ही शुरू हो गई थी।
1 मई अर्थात शिकागो आंदोलन की बदौलत अधिकतर देशों में श्रमिक के लिए 8 घंटे काम करने का कानून बना। वैसे तो भारत में मजदूर दिवस के मनाने की शुरुआत चेन्नई में 1 मई 1923 से हुई थी। वरिष्ठ भाजपा नेता अंकित अग्रवाल ने बताया की भारत देश सभी बाशिंदे किसी न किसी प्रकार से अपनी सेवा को प्रदान करते हुए मजदूरी करते हैं। जैसे चिकित्सक स्वास्थ्य व्यवस्था का मजदूर होता है, शिक्षक शिक्षा व्यवस्था का, पत्रकार लोकतंत्र का, किसान राष्ट्र का, व्यापारी वस्तु विनिमय व्यवस्था का मजदूर होता है। इसी प्रकार हम सभी मजदूर हैं। अध्यक्ष पवन गौड़ ने बताया की मजदूरों कि सुरक्षा के उपाय सरकार के द्वारा युद्ध स्तर पर चलाने चाहिए। क्योंकि मजदूर सुरक्षित तो देश की तरक्की सुनिश्चित है। कार्यक्रम में मुख्य रूप से अनूप तिवारी, कमल उत्तम, पवन गौड़, अंकित अग्रवाल, शिवांशू गुप्ता, प्रखर शुक्ला, अजय श्रीवास्तव, मनीष गौड़, शंटू गौड़, श्याम गौड़, सुनील सक्सेना सेठी, आशीष गुप्ता आदि उपस्थित रहे।

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बच्चों ने शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए निकाली रैली

सैफई में गींजा न्याय पंचायत में निकाली गई स्कूल चलो रैली
सैफई, इटावा, जन सामना संवाददाता। सर्व शिक्षा व स्कूल चलो अभियान को सफल बनाने तथा सब पढ़ें-सब बढ़ें के तहत विकास खण्ड सैफई के अन्तर्गत न्याय पंचायत गींजा में रैली निकाल कर लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक किया गया। प्राथमिक विद्यालय गींजा से शुरू हुई स्कूल चलो रैली विद्यालय से होती हुई पूरा गींजा गांव घूमकर वापस विद्यालय पर आकर समाप्त हुयी। इन स्कूलों के बच्चो ने हाथों में सब पढ़ें-सब बढ़ें, कोई न छूटे इस बार-शिक्षा है। सबका अधिकार, घर-घर विद्या दीप जलाओ- अपने बच्चे सभी पढाओ, मम्मी पापा हमें पढ़ाओ -स्कूल में चलकर नाम लिखाओ, आदि की तख्तियाॅ लिये विभिन्न नारे लगाते हुये ग्रामीणों के बीच शिक्षा के प्रति बड़ा माहौल बनाने का एक अलग सा प्रयास किया।
इस दौरान बच्चों ने बताया कि हम सभी शिक्षा के अलख जगाने का काम कर रहे हैं। बच्चों ने महात्मा गांधी, नेता जी सुभाष चन्द्र बोस, खिलाड़ी, क्रांतिकारी की भूमिका में शामिल होकर अपनी छाप छोड़ी। इस अवसर पर संकुल प्रभारी अनिल यादव, श्रीमती मीनाक्षी गोयल प्रधानाध्याक, श्रीमती पूजा गौतम सहायक अध्यापक, रजनीबाला, विमलेश कुमारी, धर्मेंद्र कुमार, के सी, सुघर सिंह, राजेश यादव प्रधानाध्यापक, मालती यादव प्रधानाध्यापक, रविंद्र यादव, महाराज सिंह यादव, रुखसार बानो, कुसुम, आदि मौजूद रहे।

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कानपूर में यूपी के श्रम मंत्री ने प्रधानमंत्री द्वारा राहुल गांधी को दिए जवाब

कानपुर नगर, चंदन जायसवाल। अंतर्राष्ट्रीय मजदूर संघ के अवसर पर आज शास्त्री नगर स्थिति सेन्टर पार्क में श्रम विभाग के उत्तर प्रदेश भवन एवं सन्निर्माण एवं कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा संचालित ’कन्या विवाह सहायता योजना’ के अंतर्गत सामूहिक विवाह समारोह के आयोजन में 434 श्रमिकों की पुत्रियों के सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया गया। सामूहिक विवाह के सुअवसर पर श्रम विभाग की ओर से सभी दाम्पत्य जोड़ो को सरकार द्वारा 65000/- रुपये की प्रोत्साहन धनराशि प्रमाण पत्र के माध्यम से प्रदान किया गया। यूपी के श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने सभी दाम्पत्य जोड़ों को उनके उज्जवल भविष्य के साथ बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
बताते चले पत्रकारों के सवाल पर सामूहिक विवाह कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे यूपी के श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कर्नाटक में प्रधानमंत्री द्वारा राहुल गांधी को दिए जवाब पर कहा की राहुल गांधी प्रधानमंत्री को पंद्रह मिनट अपने भाषण का सामना करने की जो चुनौती दी थी प्रधानमंत्री ने आज उसी का जवाब दिया है। राहुल गांधी को सोचना चाहिए की तीन महीने चली संसद में वह खड़े नहीं हुए वह प्रधानमंत्री से भाषण का मुकाबला कैसे करेंगे? प्रधानमंत्री से भाषण का मुकाबला करना जिस तरह सूरज को आँख दिखाने से जिस तरह से आँख दिखाने वाले की आँख अंधी हो जाती है। उसी तरह राहुल गांधी की हक्की बक्की बोलती बंद हो जाती है। उन्होंने अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में लगी जिन्ना की स्टेचू को हटाए जाने की बीजेपी सांसद सतीश गौतम की मांग पर कहा की देश के महापुरुषों के चिन्हों को हटाने की इस तरह मांग करने वाले चाहे मेरी पार्टी के हो चाहे दूसरी घटिया सोच है, जिन्ना का आजादी से पहले देश में योगदान था।

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नई नवेली दुल्हन ने अपने पति के साथ घूघंट से सरकार की उपलब्धियों का देखा सजीव प्रसारण

रामगंज राजपूत मोहल्ले के जनों ने एलईडी वैन पर सरकार की उपलब्धियों का सजीव प्रसारण देख व एक साल नई मिसाल पुस्तक पाकर की खुशी जाहिर
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। अकबरपुर के रामगंज राजपूत मोहल्ले में सूचना विभाग की एलईडी के माध्यम से सरकार की योजनाओं का सीधा लाभ जनता तक पहुंचे सजीव प्रसारण आमजन के साथ ही जीवन के साथ नये गठबन्धन में जुडी एक नई नवेली दुल्हन ने घूघंट से व उसके पति ने साथ साथ सरकार की योजनाओं को जहां सजीव प्रदर्शन देखा वही अपने अन्य वैवाहिक कार्यक्रमों को भी सम्पन्न कराया। ग्राम स्वराज अभियान के तहत चयनित विभिन्न गांव, कलेक्ट्रेट प्रागढ़, बाढ़ापुर रोड अकबरपुर, बीएसए कार्यालय के पास, जिला पंचायत कार्यालय माती, रसूलाबाद, भटौली, रूरा, रनियां, सरवनखेड़ा मैथा, भोगनीपुर, शिवली, अमरौधा, राजपुर, सिकन्दरा, झींझक, सन्दलपुर, भोगनीपुर, अकबरपुर, मैथा, सिकन्दरा, रसूलाबाद, डेरापुर, बेहमई गांव आदि के दूर दराज क्षेत्र के गांव लोक कल्याण मेलो, लाभार्थी सम्मेलन आदि क्षेत्रों में चल चुकी एलईडी वैन के माध्यम से सरकार के एक वर्ष पूर्ण होने पर एक साल नई मिसाल कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का प्रदेशवासियों के नाम सम्बोधन प्रदेश सरकार की उपलब्धियों, कल्याणकारी योजनाओं, यातायात के सडक सुरक्षा नियमों का सीधा प्रसारण जिसे सांसद देवेन्द्र सिंह भोले, प्रतिभा शुक्ला, अजीत पाल सिंह, विनोद कटियार, निर्मला संखवार, पूर्व सांसद अनिल शुक्ल वारसी, जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह, एसपी रतन कान्त पाण्डेय, सीडीओ केदारनाथ सिंह आदि सहित ग्रामवासियों लाभार्थी सम्मेलन, लोक कल्याण मेले में आये जनों सहित हजारों लोगों ने देखा गया।

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सेवानिवृत्त लेखाकार को दी गयी भावभीनी विदाई

कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। सूचना कार्यालय में कार्यरत लेखाकार रामसेवक गुप्ता को अपनी सेवायें पूरी करने पर भावभीनी विदाई सहायक निदेशक सूचना कानपुर देहात/इटावा/हमीरपुर प्रमोद कुमार ने सेवानिवृत्त लेखाकार रामसेवक गुप्ता को महामानव गौतम बुद्ध की प्रतिमा, प्रज्ञा पुस्तक, ग्रीन सेब, शाॅल आदि भेट कर व माला पहनाकर भावभीनी विदाई दी गयी। सहायक निदेशक सूचना प्रमोद कुमार ने लेखाकार कर्मचारी रामसेवक गुप्ता के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि शासकीय कार्यों को बाखूबी अंजाम देने में रामसेवक गुप्ता समाज के हर तबके से जुडे़ रहे। प्रतिदिन डायरी में किए गए कार्यों का लेखा-जोखा रखना इनकी एक विशेष कला थी। डा0 जयचन्द्र भदौरिया, दयाशंकर, देवेन्द्र कुमार बघेल, नीलम, आरडी सिंह, जितेन्द्र कुमार, दिनेश कुमार तथा इटावा के एडीआईओ मातादीन, आशू यादव सहित बड़ी संख्या में सूचना कार्यालय के कर्मियों द्वारा सेवा निवृत लेखाकार के कार्यों की प्रशंसा की गयी। सेवा निवृत्त लेखाकार तृतीय श्रेणी कर्मचारी रामसेवक गुप्ता ने कहा कि मैने शासकीय कार्यों को अपने घरेलू कार्यों की तरह प्राथमिकता के आधार पर किया। इसके अलावा प्रतिदिन सहजयोग के माध्यम से अपने को सक्रिय रखा। डायरी लिखना इसलिए जरूरी था कि प्रायः लोग अपने जरूरी कार्यों को भूल जाते हैं जिससे प्रशासनिक कार्यों में बाधा उत्पन्न होती है। कानपुर देहात, औरैया, इटावा के भी कर्मचारी व अन्य जन भी उपस्थित रहे।

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मजदूर नहीं मजबूर हैं, हम

बाल मजदूरी अपराध है, कलम कागज ही हथियार हैं
दोस्तों, दुनियां में एक और भारत का योग, कला, अध्यात्म और अनुसंधान के क्षेत्र में डंका बज रहा है। पूरी दुनिया आज भारत का लोहा मान गयी है वो चाहे चांद पर पानी खोजने की बात हो या लार्ड हैड्रल कोलाइड्रल महामशीन से बृह्माण्ड़ का सबसे शूक्ष्म कंण (गॉड पाॉटिकिल) की खोजने की चल रही हो। यह देख और सुन कर हमारा सिर गर्व से ऊँचा हो जाता है और दूसरी तरफ जब बात हमारे उस गरीब पिछड़े तबके की आती है जो कि मजदूर के घर में सिर्फ मजदूर होने के लिये मजबूर है। जिन तक सरकारी सुविधायें नहीं पहुंचती जिनका बचपन भूख, गरीबी, बेकारी, बेबसी और जिम्मेदारियों और लालच तले हर पल रोंदा जा रहा है। जिनका बचपन पेट की आग में हर पल सुलगता रहा है। वह होटलों पर बंधुआ मजदूर बनकर झूठे बर्तन धोने को मजबूर हैं। छोटे-बड़े ढ़ाबों, बस, ट्रेन, स्टेशनों पर चाय बेचने को मजबूर है। दोस्तों पूरे बाजार में कौन सी दुकान ऐसी जहाँ पर बाल मजदूर काम न कर रहे हों और ये किस से छिपा है आज। जबकि 12 जून को प्रतिवर्ष बालमजदूर विरोध दिवस पूरे देश में मनाया जाता है। आईएलओ 2002 से हर साल इस दिन को मनाता आ रहा है। हमारे देश में इतना सख्त कानून भी है। फिर भी दोस्तों हमारे देश में 5-17 वर्ष की छोटी उम्र के 57लाख बाल मजदूर हैं। और विश्व में यह संख्या पूरे 2.5 करोड़ पार कर रही है। एक करोड़ बाल मजदूर हैं और सबसे बड़ी दुख की बात यह है कि उसमें पचास फीसदी बच्चियाँ हैं जो बहुत शर्मनाक है। देश का कानून कहता है कि 14साल के बच्चों से जबरन श्रम करवाया तो दण्ड़नीय अपराध है पर आकंड़े बताते हैं कि देश दुनिया में 11 वर्ष के छोटे बच्चे प्रत्येक दिन पूरे 20 घण्टे बालश्रम में लगे हैं। हालत यह है कि राजधानी दिल्ली में 14 बच्चे प्रत्येक दिन गायब हो जाते हैं और दोस्तों यही बच्चे फिर बाल मजदूरी और वैश्यावृत्ती जैसी घिनौनी दुनियां में जबरन उतारे जाते हैं। यूनीसेफ कहता है 5000-7000 नेपाली बच्चे मजबूरीवश वैश्यावृत्ति लिप्त हैं। आज देश में जो भी मर्यादाहीनता दिख रही यह नेट पर गंदी सोशल साइटस का नतीजा है।

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