आखिर 2019 आ ही गया… मतलब सत्ता के 5 साल की अवधि पूरी होने को आई। 2014 में पूर्ण बहुमत के साथ वर्तमान सरकार बहुत सारे वादों के साथ सत्ता में आई थी। काले धन की वापसी,नोटबंदी, भ्रष्टाचार का खात्मा, बेरोजगारी, जीएसटी, किसान, शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों से भाजपा सरकार ने जनता को लुभाया। वर्तमान सरकार ने 700 से अधिक योजनाएं शुरू की लेकिन सिर्फ आंकड़ों में ही योजनाएं सफल दिख रही हैं, जमीनी स्तर पर नहीं।
काला धन वापस आया? नोट बंदी से भ्रष्टाचार में कमी आई? दो करोड़ रोजगार देने का वादा पूरा हुआ? किसानों की आत्महत्या रुकी? बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान कितना सफल रहा?महिला सुरक्षा कितनी कारगर? नमामि गंगे परियोजना कितनी सफल? आदर्श ग्राम योजना कितनी सफल? जवान कितने सुरक्षित? अभी हालिया घटना पर ही ध्यान दें। नक्सली हमलों में कितनी कमी? राम मंदिर मुद्दा इन 5 सालों में कितना सुलझा? यह सिर्फ भाजपा सरकार की बात नहीं है पिछली सरकार में भी यही समस्यायें मुंह बाए खड़ी थी। लोगों की बात सही है जो काम 70सालों में नहीं हुआ वह 5 साल में कैसे पूरा होगा लेकिन फिर एक सवाल कि कहीं तो आंशिक सफलता दिखाई देती इन मुद्दों में? सवर्ण नाराज, दलित नाराज और अल्पसंख्यक नाखुश, धर्म के नाम पर सियासत, सांप्रदायिकता को बढ़ावा, आम आदमी डर कर जी रहा।