कही कमल को खिलने का मौका तो नही दे गए कमलनाथ ! क्योंकि जिस भ्रष्टाचार के मुद्दे को चुनावी मुद्दा बनाकर कांग्रेस अपना जनाधार बढ़ाने का प्रयास कर रही थी अब उसी भ्रष्टाचार के जाल मे खुद उलझती प्रतीत हो रही। हाल ही में न्यूज चैनलों के ओपेनियन पोल में जो कांग्रेस 90 सीटे जीतती दिख रही थी अब वो आकड़ा 60 पर सिमट रहा। इस गिरावट का प्रमुख कारण म0 प्र0 में कमलनाथ सरकार का हवाला भ्रष्टाचार मुख्य रूप से राहुल गांधी के लिए मुसीबत बन गयी है। ईडी और सीबीआईं ने बेहतरीन कार्य किया है। भले ही विपक्ष मुख्य सत्ताधारी पार्टी पर ये आरोप प्रत्यारोप लगाये की ईडी और सीबीआईं सरकार के इसारे पर बदले की भावना से कार्य कर रही पर आप आरोप लगा कर खुद को बचा भी नहीं पा रहे। आखिर आप पकड़े जा रहे आपकी चोरी सरे आम उजागर हो तो रही मतलब आपने भ्रष्टाचार किया है तभी आप ई डी के हत्थे चढ़ रहे। सरकार बेशक अपना काम करा रही पर आप के पास से अवैध दस्तावेज और बेनामी सम्पत्ति व बड़ी मात्रा में नगद मिल रहे तो आप बिल्कुल भ्रष्ट साबित हो रहे। ममता बेनर्जी भी खुद के पैर पर कुल्हाड़ी चला चुकी है क्योंकि शारदा चिटफंड मामले में सीबीआईं को रोकने के लिए सत्ता का दुरुपयोग जिस प्रकार दीदी ने किया यदि हिटलर जिंदा होता तो ममता दीदी की तानाशाही देख आत्महत्या कर लेता।
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