Saturday, April 20, 2024
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जीएसटी की प्रथम वर्षगांठ पर श्रद्धांजलि यात्रा निकाल मोदी सरकार को व्यापारी विरोधी बताया

कानपुर, स्वप्निल तिवारी। आज सपा व्यापार सभा और प्रान्तीय व्यापार मण्डल के संयुक्त तत्वाधान और प्रान्तीय व्यापार मण्डल के प्रदेश अध्यक्ष व सपा व्यापार सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष अभिमन्यु गुप्ता के नेतृत्व में गुमटी बाजार में श्रद्धांजलि सभा व पदयात्रा आयोजित हुई जिसमें श्रद्धांजलि चित्र पे माला डाल कर जीएसटी का एक वर्ष व्यापार हत्या का एक वर्ष के नारे व्यापारियों ने लगाते हुए जटिल और व्यापार विरोधी जीएसटी के प्रथम वर्षगांठ पे विरोध जताया। प्रदेश अध्यक्ष अभिमन्यु गुप्ता ने कहा की ठीक 1 वर्ष पहले 1 जुलाई 2017 को जब जीएसटी व्यवस्था लागू की गई थी तब व्यापारियों को प्रधानमंत्री ने दिलासा दिया गया था की सरल टैक्स प्रणाली और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए एक देश एक टैक्स के उद्देश्य से जीएसटी लागू की जा रही है पर एक वर्ष में ही व्यापार तबाह हुआ और वेंटिलेटर पे पहुंचा। जीएसटी लागू होने से व्यापार मर चुका है अर्थव्यवस्था डूब चुकी है। अभिमन्यु ने कहा की व्यापारी खासकर छोटा, मझोला व्यापारी सबसे ज्यादा परेशानी झेल रहा है। एक देश एक टैक्स की जगह एक देश कई टैक्स वाली जटिल जीएसटी में इतना तनाव है कि व्यापारी बीपी और दिल की बीमारियों का मरीज बन रहा है।सीए और वकील के खर्चों से व्यापारी दर्द में चीख रहा है। जीएसटी से बाजार की चाल, चेहरा और चरित्र सब बिगड़े हुए हैं। कमाई ठप है और लोग हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। बाजार में कहीं अगर डिमांड है भी, तो कारीगर नहीं मिल रहे हैं। अभिमन्यु गुप्ता ने कहा कि सरकार ने जल्दबाजी में संवेदनहीन तरीके से जिएसटी लागू की जिसकी वजह से 20000 करोड़ रुपये प्रति माह के राजस्व का जनता को नुकसान हुआ। प्रथम वर्ष में पूरे देश को लगभग 2 लाख करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ है और 10 लाख करोड़ का व्यापार पूरे देश में बराबर पे खत्म हुआ। जिएसटी लागू करने के बाद से ही सरकार ने जीएसटी में सैकड़ों संशोधन किए जो की इस बात को दर्शाता है कि सरकार अपनी गलती मान रही है क्योंकि सरकार ने जीएसटी जल्दबाजी में बिना सोचे समझे लागू की। नोटबंदी के बाद इस जटिल और व्यापार विरोधी जीएसटी लागू करने से व्यापारी के अलावा किसान, युवा, महिला सब बर्बाद हुई क्योंकि व्यापारी की बर्बादी की वजह से किसानों की खरीद पे असर पड़ा और युवाओं के रोजगार पे और महिलाओं की गृहस्ती पे। विश्व बैंक तक ने माना की भारत में लागू की गई जीएसटी दुनिया मे सबसे जटिल है। ऐसी जीएसटी लागू हुई जिसमें हजयात्रा और कफन पे टैक्स है। खाने वाले बिस्किट पे टैक्स सोने के बिस्कुट से ज्यादा है। इंस्पेक्टर राज चरम पे पहुंचा और अधिकारी अब प्रताड़ित न करने के नाम पे महीने की सुविधा शुल्क घुस के रूप में वसूल रहे हैं। जब रिटर्न का समय निश्चित है तो रिफंड का क्यों नहीं। सबकी पूंजी रिफंड में ही फंसी है जिसपे बैंक का कर्ज चढ़ता जा रहा है। मांग रखी गई की जीएसटी को सरल बनाया जाए, हर माह की जगह तिमाही रिटर्न की व्यवस्था की जाए, हज यात्रा और धार्मिक कामों की खरीद से जीएसटी हटे, पेट्रोल डीजल को जीएसटी में लाया जाए और टैक्स 18 प्रतिशत से ज्यादा न लिया जाए, सभी का रिफण्ड दस दिन में वापिस किया जाए, एचएसएन कोड के नियमों में बदलाव किए जाए, मंडी शुल्क समाप्त किये जाएं। मांगे पूरी न होने पे संघर्ष जारी रहेगा। प्रान्तीय व्यापार मण्डल के प्रदेश अध्यक्ष और सपा व्यापार सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष अभिमन्यु गुप्ता, कानपुर नगर अध्यक्ष शुभम जेटली, कानपुर ग्रामीण अध्यक्ष विनय कुमार, महिला अध्यक्ष पूजा बंसल, प्रदेश महासचिव हरप्रीत सिंह बब्बर, प्रदेश वारिष्ठ उपाध्यक्ष संजय बिस्वारी, जितेंन्द्र सिंह संधू, बॉबी सिंह, जफर अहमद, पारस गुप्ता, अभिलाष द्विवेदी, अंकुर गुप्ता, फैसल जमाल, मनोज सोनी, अमर सोनी, मो शादाब, मुकेश कनौजिया, सुखबीर सिंह, सवी गांधी, गजेंद्र यादव आदि थे।