Friday, April 19, 2024
Breaking News
Home » मुख्य समाचार » जीएसटी की जटिलताओं के विरोध में किया व्यापारियों ने प्रदर्शन

जीएसटी की जटिलताओं के विरोध में किया व्यापारियों ने प्रदर्शन

हाथरस, नीरज चक्रपाणि। उ.प्र. उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मण्डल के प्रांतीय नेतृत्व के आव्हान पर आज व्यापारियों ने जीएसटी में आ रहीं विभिन्न जटिलताओं व समस्याओं के समाधान के लिए आज शहर में जुलूस निकाला और तहसील सदर पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम सदर को ज्ञापन सौंपा तथा समाधान की मांग की।
उ.प्र. उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मण्डल के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष एवं जिलाध्यक्ष अनुभव अग्रवाल के संयुक्त नेतृत्व में व्यापारियों ने आज जीएसटी में व्याप्त तमाम जटिलताओं के विरोध में गांधी चैक घण्टाघर स्थित अपना वाली धर्मशाला से जुलूस निकाला और तहसील सदर पर पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम सदर को ज्ञापन सौंपा तथा व्यापारियों ने कहा कि जीएसटी की जटिलताओं में ही व्यापारी उलझा हुआ है।
व्यापारियों ने ज्ञापन में कहा है कि हर जनपद में बडी कम्पनियों के डिस्ट्रीब्यूटर अपने सेल्स वाहनों से प्रतिदिन विभिन्न उत्पादनों को लेकर नगर एवं गांव की दुकान-दुकान बेचने जाते हैं। जिस दुकान पर जो माल बिकता है वहीं उसका बिल काटा जाता है। सेल्स वाहन में सभी उत्पादन मिलाकर 50 हजार से अधिक का माल होता है। जनपद की सीमा को ई वे बिल से मुक्त किया जाये। गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश ने इसे मुक्त कर दिया है। उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने भूमिका इण्टरप्राइजेज के वाद में आदेश दिया है कि ई वे बिल की फिजीकल कापी न होने के बावजूद भी जीएसटी अधिकारी द्वारा माल जब्त नहीं किया जा सकता है। इस आदेश का कडाई से पालन किया जाये। जीएसटी में समाधान योजना के लिए 1 करोड से बढाकर 1.5 करोड रूपये किये जाने की घोषणा की गई थी परन्तु उसका सरकुलर जारी नहीं हुआ। तत्काल सरकुलर जारी कराने के आदेश पारित किये जायें।, ई वे बिल का पार्ट बी भरने की जिम्मेदारी ट्रांसपोर्टर पर होनी चाहिये। यदि ट्रांसपोर्टर ने पार्ट बी नहीं भरा है तो पैनल्टी ट्रांसपोर्टर पर लगनी चाहिये न कि व्यापारी पर।, धारा 138 (7) जो कि निलम्बित है तत्काल प्रभाव से लागू की जाये। जिससे ट्रांसपोर्टर की जिम्मेदारी तय हो सके तथा करवंचन पर रोक लगेगी और व्यापारी पर भी पैनल्टी नहीं लगेगी।, रिफण्ड करने की व्यवस्था हर महीने की जाये जिससे व्यापारी की पूंजी न फंसे। सभी रिफण्ड की व्यवस्था रिटर्न भरने के दो माह बाद करने का प्रावधान है जो कि गलत है। हर महीने यदि व्यापारी अपना रिफण्ड चाहे तो उसे मिलना चाहिये।
प्रदर्शन एवं ज्ञापन देने वालों में मदन मोहन अपना वाले, अभय कुमार अग्रवाल, मोहनलाल सर्राफ, महेशचन्द्र वर्मा, चौ. मोहन सिंह, नरेन्द्र शर्मा, शैलेश दीक्षित, राजकुमार अग्रवाल, माधव सिंघल, वीनेश कुमार, गंगासरन वाष्र्णेय, लिरिल सिंघल, मनोज वर्मा, रजत वर्मा, श्यामबाबू टिम्बर वाले, दिनेश खण्डेलवाल, आकाश गुप्ता, सादाबाद से चौ. राजेन्द्र सिंह, विपिन कुमार अग्रवाल, सिकन्द्राराऊ से अतुल अग्रवाल, देवेन्द्र कुमार गुप्ता, हसायन से विष्णु कुमार, रामकुमार वाष्र्णेय आदि व्यापारी मौजूद थे।