– 195 एकड़ भूमि पर लगनी थी 500 फीट की बुद्ध प्रतिमा, देश के बौद्ध धर्मानुलम्बियों में रोष
– अखिलेश सरकार ने रखी थी परियोजना की आधार शिला
– डीएम भूपेन्द्र चौधरी बोले मुझे पता है पर पूरी जानकारी संस्कृति विभाग ही दे पाएगा
लखनऊ/कानपुर, पंकज कुमार सिंह। देश-विदेश में बुद्ध के नाम पर वाहवाही लूटने वाली भाजपा सरकार ने बुद्ध तीर्थ स्थल व पर्यटन क्षेत्र की एक बङी परियोजना को रद् कर दिया है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने कुशीनगर जिले में प्रस्तावित 250 करोड़ की मैत्रेय परियोजना का एमओयू (करार) निरस्त कर दिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक परियोजना रद् करने का फैसला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की एक बैठक में लिया गया। परियोजना के तहत उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग ने मैत्रेय ट्रस्ट को 195 एकड़ भूमि मुहैया करायी थी जिसपर 200 फीट ऊंची बुद्ध प्रतिमा सहित अस्पताल, स्कूल, दीक्षा स्थल, पुस्तकालय, फूडकोर्ट, गेस्ट हाउस आदि का निर्माण होना था। इसके साथ ही बौद्ध तीर्थ स्थलों के विकास व जनहित के कार्य को पंख लगने थे। लेकिन परियोजना रद् होने की खबर से बुद्ध प्रेमियों को धक्का लगा है इससे सरकार के प्रति रोष है।
शनिवार को जन सामना ने कुशीनगर डीएम भूपेन्द्र एस चौधरी से फोन पर मैत्रेय परियोजना रद् होने के बाबत जानकारी चाही तो डीएम ने कहा कि इसकी पूरी जानकारी संस्कृति विभाग से मिल सकती है। जब हमने डीएम से पूंछा कि क्या आपकों इस बाबत जानकारी नहीं? तो डीएम ने कहा कि जानकारी है पर पूरी जानकारी संस्कृति विभाग ही देगा। मैत्रेय प्रोजेक्ट के बड़े दूरगामी लाभ के साथ तैयार किया गया था। जिसके तहत उत्तर भारत को अध्यात्म के प्रति आकर्षण सहित सामाजिक व आर्थिक लाभ भी शामिल था। साथ ही अन्तर्राष्ट्रीय मानचित्र पर बुद्ध विरासत की अनोखी पहचान जमानी थी। जिससे विदेशी पर्यटकों को लुभाया जाए और भारत की ख्याति में इजाफा होता। लोगों का कहना है कि कुशीनगर में एयरपोर्ट की स्थापना की बात कहकर यूपी सरकार ने मैत्रेय परियोजना पर कैंची चलाई है।
वर्ष 2003 में सपा सरकार ने किया था एमओयू साईन
वर्ष 2003 में तत्कालीन मुलायम सरकार और मैत्रेय ट्रस्ट के बीच एमओयू हस्ताक्षर कर करार किया था। और इस परियोजना को सुन्दर सुसज्जित रखने के लिए कुशीनगर के 50 किलोमीटर व्यास के क्षेत्र को प्रदूषण मुक्त रखने के आदेश जारी किए थे और कोई भी वायुप्रदूषण पैदा करने वाले उद्योगों की मनाही थी। परियोजना के लिए भूमि किसानों से अधिग्रहित की गई थी। भूमि उपलब्ध कराए जाने के बाद ट्रस्ट को कार्य शुरू करना था। परियोजना के तहत बुद्ध की 500 फुट ऊंची कास्य प्रतिमा, विश्व स्तरीय विपश्यना स्थल , अस्पताल, काॅलेज आदि का निर्माण होना था। भूमि उपलब्ध कराए जाने के बाद भी ट्रस्ट ने कार्य शुरू नहीं किया। कुशीनगर के विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी ने कई सवाल उठाए थे और सरकार से ट्रस्ट की शिकायत की थी।
विधायक की शिकायत पर सरकार ने जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी। रिपोर्ट में ट्रस्ट व परियोजना की सरंचना, वित्तीय व तकनीकी आदि पहलुओं पर अलग-अलग रिपोर्ट दी गई प्रशासन का कहना था कि परियोजना को लागू करने में ट्रस्ट शिथिल रहा इसके बाद सरकार ने एमओयू रद् करने का फैसला लिया।
-अंतर्राष्ट्रीय प्रजेक्ट पर लगता रसा ग्रहण योगी सरकार ने किया दरकिनार
मैत्रेय प्रोजेक्ट एक अन्तर्राष्ट्रीय प्रोजैक्ट है। मैत्रेय संस्था के चेयरमैन वेन कबीर भन्ते हैं। यह एशिया में 1990 से सक्रीय है। भारत सहित तकरीबन 11 अन्य देशों में इस प्रोजेक्ट के तहत बुद्ध प्रतिमा की स्थापना सहित कई विकास कार्य होते हैं। इसी के निमित्त कुशीनगर व बोधगया में यह परियोजना कार्यान्वित होनी थी। तिब्बती बौद्ध धर्मानुलम्भी संस्था द्वारा मैत्रेय परियोजना की आधारशिला रखी गई थी। भारत में यूपी के जिले कुशीनगर में यह महत्वपूर्ण योजना थी। यहां पर गौतम बुद्ध का महापरिनिर्वाण।हुआ था। कुशीनगर देश दुनियां के बौद्धों के तीर्थ स्थलों में से खास है। 13 दिसम्बर 2013 को यूपी सरकार को 275 एकङ जमीन पर यह योजना कार्यान्वित करनी थी। तत्कालीन मुख्यमंत्रीअखिलेश यादव ने परियोजना की आधारशिला रखी पर 2017 तक यह शुरू नहीं हो पाई । इस योजना के तहत 110 लाख डाॅलर का निवेश होना था। भूमि अधिग्रहण को लेकर हुए खींचतान में 195 एकड़ भूमि परियोजना के लिए तय की गई थी। लामाजोपा रिंपोचे के अनुसार दुनियां अन्य देशों में इस प्रोजेक्ट के तहत 1000 बुद्ध प्रतिमाएं स्थापित करनी है।
“यूपी में राजनाथ सरकार के समय हमने बामियान से ऊंची प्रतिमा लगाने के लिए पहल की थी और 500 फीट ऊंची बुद्ध प्रतिमा कुशीनगर में स्थापना करने का प्रस्ताव रखा था। अखिलेश सरकार ने बुद्ध प्रतिमा 500 से घटाकर 200 फीट की। इस परियोजना के रद् होने की जानकारी नहीं है। मै इस मामले में संस्कृति विभाग से बात करूंगा।”
-डाॅ. लालजी प्रसाद निर्मल
राज्यमंत्री, अध्यक्ष अनु. जाति वित्त विकास निगम उ.प्र.
” भाजपा नेता विदेशों में बुद्ध के नाम पर वाहवाही लूटते है और देश में बुद्ध की उपेक्षा रखते हैं। योगी सरकार ने पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर परियोजना रद् की है। यह दुर्भावनापूर्ण है। हम सरकार से परियोजना के तहत कुशीनगर में बुद्ध तीर्थ व क्षेत्र में पर्यटन के विकास की मांग करते हैं “
– दद्दू प्रसाद,
पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर उत्तर प्रदेश शासन
” यह बहुत घिनौनी हरकत की है भाजपा सरकार ने। बुद्ध प्रतिमा की स्थापना व पर्यटन स्थल के विकास के साथ स्कूल, अस्पताल, पुस्तकालय आदि का निर्माण होना था। जबकि मैत्री परियोजना रद् कर एयरपोर्ट की घोषणा करके डैमेज कंट्रोल कर रही है सरकार। यह सरासर गलत है।”
– बौद्ध भिक्खु सुमित रत्न
संयोजक साकेत मुक्ति आन्दोलन