सासनी/हाथरस, जन सामना संवाददाता। वाह से इंसां सही कहा हैं, किसी ने कि तेरी फितरत का कोई पता नहीं। यदि पत्थर दिल हो जाए तो क्या न कर दे। ऐसा ही कस्बा के चंपा बाग में हुआ, एक पत्थरदिल मां अपने जिगर के टुकडे को पैदा होते ही झाडियों में फेंक गई। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। जानकारी होने पर जुटी भीड और खेतों में काम कर रहे, किसानों ने घटना से पुलिस को अवगत कराया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर उसका अंतिम संस्कार कराया।
कस्बा के चंपाबाग में होकर कई गांव के लिए रास्ते जाते हैं यहीं गांव नगला लुड्डी की ओर जाने वाले लिंक मार्ग पर एक पत्थर दिल मां ने अपने जिगर के टुकडे केा पैदा होते ही ऐसा फेंका कि उसकी झाडियों में गिरने के बाद मौत हो गई। इसकी जानकारी खेतों में घास खोदने वाले लोगों को एक मेंड के निकट खास खोदते हुए हुई। घास खोद रहे वृद्ध ने खेत की मेंड के निकट झाडियों में एक नये कपडे में कुछ लिपटा देखा तो जिज्ञासा जाग उठी, वृद्ध ने कपड़े को जैसे ही खोल तो उसमें एक नवजात शिशु का शव था। जिसे देखकर उसने शोर मचाया तो खेतों में काम करने वाले अन्य किसान और रास्ते में चल रहे, लोगों की भीड जुट गई। लोगों ने घटना की जानकारी पुलिस को दी। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और नवजात शिशु के शव को कब्जे में लेकर अंतिम संस्कार करा दिया। जुटी भीड मृत नवजात शिशु की पत्थरदिल मां और पापी पिता को कोस रही थी।