Saturday, November 30, 2024
Breaking News
Home » मुख्य समाचार » विश्व हेपेटाइटिस दिवस के अवसर पर उर्सला हॉस्पिटल के सभागार में बैठक

विश्व हेपेटाइटिस दिवस के अवसर पर उर्सला हॉस्पिटल के सभागार में बैठक

कानपुर नगर, जन सामना ब्यूरो। विश्व हेपेटाइटिस दिवस के अवसर पर आज उर्सला हॉस्पिटल के सभागार में जिलाधिकारी डॉ0 ब्रह्म देव राम तिवारी की अध्यक्षता में हेपेटाइटिस बी एवं सी जानकारी से बचाओ संभव है जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित डॉक्टरों को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी महोदय ने कहा कि बीमारियों के लक्षण जानकारी के अभाव में बीमारियां लोगों में पनप जाती हैं और जब उन्हें पता चलता है। तब तक बहुत देर हो चुकी होती है, इसलिए किसी भी प्रकार के संक्रमण होने पर तत्काल डॉक्टर की सलाह ले मर्ज को छिपाए नहीं बल्कि उसे बताएं, ताकि समय रहते उसका इलाज कराया जा सके। सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लोगों को जागरूक करते हुए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं जो जानकारी आपको बताई जाए उसको अनदेखा मत करें। संक्रमण से बचें और अपने परिवार को सुरक्षित रखें। कार्यक्रम में हेपेटाइटिस बी एवं सी से बचाव के लिए एक्पर्ट के रूप में पी0जी0आई 0 लखनऊ से लीवर डिपार्टमेंट से डॉ0 प्रवीर राय ने बताया कि हेपेटाइटिस बी से घबराने की जरूर नही है उसका इलाज उपलब्ध है । यह रोग निम्न प्रकार से फैलता है,
असुरक्षित इंजेक्शन, प्रयोग किए गए इंजेक्शन अथवा सिरिज का पुनः उपयोग, इंजेक्शन की सुईयों का साझा किया जाना, व्यक्तिगत उपयोग की वस्तुओं का साझा किया जाना .जैसे रेजर, ब्लेड, नेल कटर, टूथब्रश , संक्रमित सुई एवं स्याही ,टैटू एवं शारीरिक अंग यथा नाक ,कान इत्यादि भेदने के लिए प्रयोग संक्रमित सुई, असुरक्षित यौन संबंध, असुरक्षित समलैंगिक एवं विषमलैंगिक यौन संबंध तथा संक्रमित रक्त एवं रक्त उत्पाद, संक्रमित रक्त एवं रक्त उत्पाद का संचार डायलिसिस आदि से सावधानी न बरतने से यह रोग फैल सकता है। उक्त असावधानी के कारण रोग के लक्षण निम्न प्रकार है।
◆ उल्टी बुखार खाने की इच्छा नहीं
◆ गहरे रंग का मूत्र
◆यकृत ;लीवर में दर्द . दायीं ओर पसलियों के नीचे, जोड़ो में दर्द
◆ पीले रंग की आँखे एवं त्वचा हो जाना। यह संकेत है। हेपेटाइटिस बी को डॉक्टर ने तीन भागों में बाटा है ए0 बी0तथा सी0 ए कंडीशन का मरीज आता है तो उसे ऐसी दवा दी जाती है कि उसका संक्रमण वहीं रुक जाए बी कंडीशन वाले मरीज को इस तरह की दवा दी जाती है कि उसका संक्रमण वही रुक जाये वह सी कंडीशनल तक न पहुचे तथा सी0 कंडीशन के मरीज के पेट मे पानी आने लगता है जिससे उसे कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है ऐसे मरीज को दवा देकर कैंसर होने से रोका जा जाता है ए तथा बी कंडीशन के मरीजों को दवा देकर 15 से 20 साल तक उन्हें सुरक्षित रखा जा सकता है जबकि सी कंडीशन के मरीज में कैंसर पनपने का खतरा बना रहता है ,इस तरह के मरीजों को ऐसी दवा दी जाती है जिसमें उसे कैंसर होने से रोका जा सके। यह स्थिति उस कंडीशन पर लागू होती है जब व्यक्ति समय से अपने संक्रमण को डाक्टर के संपर्क में आकर बताएं। लगातार दवाइयों के कोर्स से इन बीमारियों को रोका जा सकता है। इसका पूर्ण इलाज उपलब्ध है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 अनिल मिश्र ने बताया कि सरकार द्वारा टोल फ्री नम्बर 1800116666 से व्यक्ति होने वाले लक्षण के विषय मे जानकारी ले सकता है। बैठक में प्राचार्य मेडिकल कालेज डॉ0 कमल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 अनिल मिश्र तथा अन्य सम्बन्धित डॉक्टर उपस्थित रहे।