कानपुर, स्वप्निल तिवारी। निमोनिया से होने वाली शिशुओं की मौत पर विराम लगाने को लेकर न्यूमोकॉकल कंजुगेट वैक्सीन( पीसीवी )लांच की जा रही है। आठ अगस्त से इस वैक्सीन को नियमित टीकाकरण में शामिल कर लिया जाएगा। टीका शिशुओं को न सिर्फ निमोनिया बल्कि सेप्सिस {खून का इंफेक्शन} बैक्टीरीयल मेनिनजाइटिस (दिमागी बुखार) से भी बचाएगा। इस वैक्सीन को लेकर सीएमओ कार्यालय के प्रशिक्षण भवन में विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनीसेफ के विशेषज्ञों द्वारा चिकित्साधिकारियों और ब्लॉक में कार्यरत कर्मियों के लिए 27 व 28 जुलाई दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन मुख्य चिकित्साधिकारी की मौजूदगी में हुआ । अब ब्लाक स्तर पर बैठकों और प्रशिक्षण के माध्यम से आशाओं को विशेषज्ञों द्वारा वैक्सीन के बारे में जानकारी दी जा रही है।
डॉ. एके कन्नौजिया ने बताया कि जन्म से एक साल की उम्र तक के बच्चों को वैक्सीन तीन टीकों के रूप में दी जाएगी। दो प्राइमरी टीके क्रमश छह और 14 सप्ताह की उम्र पर और बूस्टर टीका नौ महीने की उम्र पर दिया जाएगा। इस टीके के बाद निमोनिया से होने वाली शिशु मृत्यु दर में निश्चित तौर पर कमी आएगी। उन्होंने बताया कि अभी इस वैक्सीन को प्रदेश के 19 जिलों में नियमित टीकाकरण के तहत दी जा रही थी। अब आठ अगस्त से कानपुर सहित कुल 56 जनपदों में इस वैक्सीन को एक साथ लांच किया जा रहा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरसौल के ब्लॉक कार्यक्रम प्रबंधक अंशुमान सिंह ने बताया की वैक्सीन लगाने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों की टीमों को प्रशिक्षण दिया गया है। आठ अगस्त से यह टीका अन्य महत्वपूर्ण वैक्सीन के साथ ही बच्चों को लगना शुरू हो जाएगा। पहला टीका डेढ़ माहए दूसरा साढ़े तीन माह और तीसरा नौवें माह में टीका लगाया जाएगा। टीम जनपद के सभी बूथों पर बच्चों का टीकाकरण करेंगी।मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ अनिल कुमार मिश्रा ने बताया कि न्यूमोकोकस जिसे स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनिए भी कहते हैं, एक बैक्टीरिया है। यह स्वस्थ लोगों के नाक और गले में बिना कोई बीमारी किए हुए भी पाया जाता है। यह शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल सकता है और कई बीमारियों न्यूमोनिया बैक्टीरीमिया, सेप्सिस खून का इंफेक्शन, बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस ,दिमागी बुखार, ओटाइटिस मीडिया ;कान का इंफेक्शन, साइन्यूसाइटिस, ब्रोन्काइटिस आदि को पैदा कर सकता है। न्यूमोकॉकल बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को खांसने और छींकने से फैलती है। यह बैक्टीरिया 5 साल से छोटे बच्चों खासकर 2 साल से छोटे बच्चों, कम प्रतिरोधक क्षमता वाले बच्चों एवं वृद्धों को बीमार कर सकता है। निमोनिया के लक्षण. खांसी आना कफ या बलगम आना, बुखार, सांस लेने में तकलीफ ठंड से कंपकपी गहरी सांस लेते समय या खांसते समय सीने में दर्द, उल्टी होना, दस्त लगना, पसीना आना, सिरदर्द होना मांसपेशियों में दर्द होना।