नई दिल्ली। केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग तथा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री नितिन गडकरी 12 जनवरी, 2021 को अपने आवास पर खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग द्वारा विकसित एक अभिनव पेंट को लॉन्च करेंगे। ‘खादी प्राकृतिक पेंट’ नामक यह पेंट पर्यावरण अनुकूल, विष-रहित है, जो फफूंद-रोधी, जीवाणु-रोधी गुणों के साथ अपनी तरह का पहला उत्पाद है। मुख्य घटक के रूप में गाय के गोबर पर आधारित यह पेंट किफायती और गंधहीन है, जिसे भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा प्रमाणित किया गया है।
खादी प्राकृतिक पेंट दो रूपों यानी डिस्टेंपर पेंट तथा प्लास्टिक इम्यूलेशन पेंट में उपलब्ध है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के किसानों की आय बढ़ाने की दृष्टि के अनुसार खादी प्राकृतिक पेंट का उत्पादन किया जा रहा है। खादी ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष द्वारा मार्च, 2020 में इस परियोजना की अवधारणा तैयार की गई थी। इसके बाद कुमारप्पा नेशनल हैंडमेड पेपर इंस्टीट्यूट, जयपुर (केवीआईसी की इकाई) द्वारा इसे विकसित किया गया।
यह पेंट सीसा, पारा, क्रोमियम, आर्सेनिक, कैडमियम तथा अन्य भारी धातुओं से मुक्त है। इससे स्थानीय निर्माता सशक्त बनेंगे और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के माध्यम से टिकाऊ स्थानीय रोजगार पैदा होगा। इस प्रौद्योगिकी से पर्यावरण अनुकूल उत्पादों के लिए कच्चे माल के तौर पर गाय के गोबर की खपत बढ़ेगी और किसानों तथा गोशालाओं की आय भी बढ़ेगी। एक अनुमान के अनुसार किसानों/गौशालाओं की प्रति वर्ष, प्रति मवेशी लगभग 30,000 रुपये की अतिरिक्त आय होगी। गाय के गोबर के इस्तेमाल से पर्यावरण भी स्वच्छ होगा तथा जल निकासी का अवरोध भी दूर होगा।
तीन प्रख्यात राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं- नेशनल टेस्ट हाउस, मुंबई, श्री राम इंस्टीट्यूट फॉर इंडस्ट्रियल रिसर्च, नई दिल्ली और नेशनल टेस्ट हाउस, गाजियाबाद में खादी प्राकृतिक डिस्टेंपर तथा इम्यूलेशन पेंट की जांच की गई है।
खादी प्राकृतिक इम्यूलेशन पेंट बीआईएस 15489-2013 मानकों को पूरा करता है, जबकि खादी प्राकृतिक डिस्टेंपर पेंट बीआईएस 428:2013 मानकों को पूरा करता है।