जन सामना ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राज्य सरकार गंगा नदी के निर्मलीकरण, अविरलता और संरक्षण के लिए प्रत्येक आवश्यक कदम उठाएगी। गंगा के प्रवाह का ज्यादातर हिस्सा उत्तर प्रदेश में है। इसलिए इसकी सफाई की सर्वाधिक जिम्मेदारी भी इसी राज्य की है। ‘नमामि गंगे’ परियोजना की सफलता के लिए गंगा की सहायक नदियों की सफाई भी जरूरी है। प्रदेश की पूरी सरकारी मशीनरी को इसके लिए युद्धस्तर पर काम करना होगा।
मुख्यमंत्री आज यहां शास्त्री भवन में केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री सुश्री उमा भारती के साथ एक बैठक में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गोमती रिवर फ्रण्ट परियोजना को ‘नमामि गंगे’ परियोजना से सम्बद्ध करने का प्रयास होना चाहिए था। ‘नमामि गंगे’ परियोजना के साथ ही वर्ष 2019 में प्रयाग में होने वाले अर्द्धकुम्भ को भी ध्यान में रखकर गंगा की सफाई और संरक्षण पर काम होना चाहिए, जिससे इस मेले के दौरान श्रद्धालुओं को स्वच्छ, साफ व अविरल गंगा के दर्शन हों, और स्नान का अवसर मिले।
श्री योगी ने कहा कि गंगा की सफाई के लिए इस नदी के किनारे के जनपदों के विकास खण्डों के प्रमुख, क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान आदि के साथ एक बैठक आयोजित हो और गंगा की सफाई और संरक्षण को एक अभियान के रूप में संचालित किया जाए। उन्होंने भरोसा जताया कि केन्द्रीय मंत्री सुश्री उमा भारती के मार्गदर्शन में प्रदेश की नदियों को निर्मल और अविरल बनाने में सफलता मिलेगी।
Daily Archives: 8th April 2017
राष्ट्रीय लोक अदालत में 19 मुकदमों का निस्तारण
बढ़ती मानसिक समस्याएं और अवसाद
तकनीकी विकास और आर्थिक प्रगति के इस अंतहीन युग में नए युग के सापेक्ष अनेक जटिल मनोवैज्ञानिक तथा सामाजिक समस्याएं भी उभरनी शुरू हो गई हैं। भारत जैसे देश नए युग की देन बनी इन सामाजिक तथा मनोवैज्ञानिक चुनौतियों से जूझने का प्रयास कर रहे हैं। तेजी से बदलती जीवनशैली संपूर्ण विश्व में तनाव और अवसाद का प्रमुख कारण बन गई है। बढ़ता तनाव और असंतोष ही आज विश्व में हिंसा और आतंकवाद का प्रमुख कारण और स्रोत बना हुआ है। तेजी से बढ़ता तनाव अब किसी भी सामान्य नागरिक को भी असामान्य व्यवहार की ओर खतरनाक ढंग से प्रेरित करने का कारण बनता जा रहा है। ऐसी कई घटनाएं विश्व में जब-तब सामने आती रहती हैं, जब अनायास ही बहुत छोटे-मोटे कारणों अथवा बिना किसी कारण के ही किसी नागरिक ने अन्य नागरिकों के जीवन के लिए गंभीर संकट खड़ा कर दिया। सार्वजनिक स्थानों पर इस प्रकार की घटनाएं अब आम होती जा रही हैं। संपूर्ण विश्व में मनोरोग और मानसिक समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। यदि मनुष्य और उससे निर्मित समाज मानसिक रूप से स्वस्थ व संतुष्ट नही होगा, तो समस्त विकास प्रक्रिया और आर्थिक समृद्धि पूरी तरह व्यर्थ होगी।
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