⇒90 मरीजों का किया गया मोतियाबिंद का आॅपरेशन
फिरोजाबादः जन सामना संवाददाता। फिरोजाबाद सिटी फिलिंग स्टेशन (एस्सार पेट्रोल पंप) कौशल्या नगर पर सुबह नौ बजे से दोपहर एक बजे तक लायन्स क्लब फिरोजाबाद फ्रेन्डस द्वारा एक विशाल निःशुल्क नेत्र परीक्षण शिविर का आयोजन किया गया।
जिसमें विशेषज्ञ डा. शहर के प्रतिष्ठित डा. रमाशंकर सिंह एवं डा. डीके डुडेजा और डा. सुभाष शर्मा के नेतृत्व में और इन डाक्टरों की समस्त टीम द्वारा शिविर में मरीजों को देखा गया। जिसमें लगभग 90 मरीजों का मोतियाबिंद (लैंस प्रत्यारोपण) का आॅपरेशन डा. रमाशंकर सिंह फेको आई सर्जरी सेंटर जलेसर रोड पर किया गया।
Daily Archives: 3rd December 2017
हदिया जैसी लडकियां लव नहीं, जिहाद का शिकार होती हैं
परिवर्तन तो संसार का नियम है। व्यक्ति और समाज के विचारों में परिवर्तन समय और काल के साथ होता रहता है लेकिन जब व्यक्ति से समाज में मूल्यों का परिवर्तन होने लगे तो यह आत्ममंथन का विषय होता है।
अखिला अशोकन से हदिया बनी एक लड़की आज देश में एक महिला के संवैधानिक अधिकारों और उसकी ‘आजादी’ की बहस का पर्याय बन गई है।
दरअसल आज हमारा देश उस दौर से गुजर रहा है जहाँ हम हर घटना को कभी अपनी अभिव्यक्ति तो कभी अपनी स्वतंत्रता, कभी जीने की आजादी तो कभी अपने संवैधानिक अधिकारों जैसी विभिन्न नई नई शब्दावलियों के जाल में उलझा देते हैं। और प्रतिक्रियाएँ तो इतनी त्वरित और पूर्वाग्रहों से ग्रसित होती हैं कि शायद अब हमें पहले यह सोचना चाहिए कि समाज में अपने हकों की बात करते करते कहीं हम इतने नकरात्मक तो नहीं होते जा रहे कि मानव सभ्यता के प्रति अपना सकरात्मक योगदान देने का कर्तव्य लगभग भूल ही चुके हैं?
सवाल उठाए जा रहे हैं कि क्या हमारे देश में एक लड़की अपने पसंद के लड़के से शादी नहीं कर सकती?
क्या वो अपने पसंद का जीवन नहीं जी सकती?
क्या वो अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन नहीं कर सकती?
ऐसे अनगिनत प्रश्न हैं जो एक सभ्य समाज के लिए उचित भी हैं।
लेकिन ऐसे सवाल पूछने वालों से एक प्रश्न कि क्या ये तब भी ऐसे ही तर्क देते अगर हदिया उनकी खुद की बेटी होती?
क्या हम अपनी बेटियों को हदिया बनाने के लिए तैयार है?
जबकि प्रश्न यह उठना चाहिए कि क्यों एक लड़की ने विद्रोह का रास्ता चुना?
क्यों एक मामला जो कि पारिवारिक था कानूनी और सामाजिक मुद्दा बन गया?
क्या वाकई में यह मामला ‘लव’ का है या फिर एक लड़की किसी लड़के के लिए ‘जिहाद’ का मोहरा भर है?
अन्तरजनपदीय पुलिस बैडमिन्टन एवं टेबिल टेनिस का आयोजन
कानपुर देहातः जन सामना ब्यूरो। अन्तर जनपदीय पुलिस बैडमिन्टन एवं टेबिल टेनिस प्रतियोगिता के दूसरे माती सिविल लाइन स्थित स्टेडियम में टेबिल टेनिस 9 जनपदों से आयी पुलिस खिलाडियों की टेबिल टेनिस खेलकर धुआधार टकटकाटक टेबिल गेद को उछालकर टेनिस खिलाडियों ने दर्शको के सामने अच्छा जौहर दिखाकर की तालियों की वाहवाही लूटी। पुलिस खिलाडी टीम द्वारा बैडमिन्टन व टेबिल टेनिस प्रतियोगिता में बढ़ चढकर हिस्सा लिया गया। आयोजित प्रतियोगिता में सहायक निदेशक सूचना प्रमोद कुमार ने उपस्थित होकर कहा कि टेबिल टेनिस भी सबसे तेज गेंद खेल है, अविश्वसनीय गति तक पहुंचने वाली गेंद, विशेष रूप से काफी रोटेशन लागू करने की क्षमता के कारण ही होती है। इस खेल का भी विश्व में अन्य खेलों की भांति अच्छा प्रभुत्व है, पूरी दुनिया में लोकप्रियता दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। किसी भी खेल में खिलाड़ी खेलों को खेल की भावना से खेले व देश व समाज में नाम रोशन करें।
Read More »जिलाधिकारी की अनूठी पहल, “द स्टील फ्रेम आफ ग्लास सिटी” में संजोया जनपद का इतिहास
फिरोजाबाद: जन सामना ब्यूरो। जिलाधिकारी नेहा शर्मा जनपद फिरोजाबाद में विकास और इसकी सुन्दरता में वृद्धि के लिए अभिनव प्रयोग करती रही हैं। इसी प्रकार के प्रयोग के तहत उन्होंने जनपद के गठन तिथि 05 फरवरी 1989 के बाद जनपद में तैनात रह चुके सभी जिलाधिकारियों को के फोटोग्राफ को आकर्षक तरीके से जिलाधिकारी कार्यालय में लगवाकर ने केवल उसके सौन्दर्य में वृद्धि की है बल्कि पूर्व के जिलाधिकारियों से अवगत होने का मौका जनता को मिलेगा। इस स्टील फ्रेम में जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर लगाया गया है। इस फ्रेम में क्रमवार लगी पूर्व जिलाधिकरियो की तस्वीरें न केवल उनकी यादें ताजी कर देती हैं बल्कि एक प्रेरणा भी देती हैं। इसके साथ ही कलेक्ट्रेट की दीवारों पर स्वच्छता से सम्बंधित सन्देश आकर्षक रूप से चित्रित किये गए हैं जो लोगों को स्वच्छ भारत मिशन की ओर बढ़ने को प्रोत्साहित करते हैं।
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