बांग्लादेश में भारत विरोधी गतिविधियां तथा आतंकवाद की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ती जा रही है। बांग्लादेश की रैपिड एक्शन बटालियन ने पिछले कुछ समय में चटगांव के पहाड़ी क्षेत्रों से भारी मात्रा में अवैध हथियारों तथा गोला-बारूद के साथ अनेक जेहादियों तथा कट्टरपंथी आतंकियों को समय-समय पर गिरफ्तार किया है। भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी ‘एनआईए’ को भी इस आशय की सूचनाएं निरंतर मिलती रही हैं कि बांग्लादेश के चटगांव स्थित पहाड़ी क्षेत्रों में कट्टर आतंकी गुटों तथा जेहादी संगठनों द्वारा आतंकी प्रशिक्षण शिविर चलाए जा रहे हैं।
‘एनआईए’ द्वारा इस प्रकार की सूचनाओं को बांग्लादेश रैपिड बटालियन के साथ साझा कर समय-समय पर आवश्यक कार्रवाई की जाती रही है। इन आतंकवाद निरोधी अभियानों में समय-समय पर भारी मात्रा में राइफल, पिस्तौल, आधुनिक आग्नेयास्त्र, विस्फोटक सामग्री तथा कारतूस इत्यादि जब्त किए जाते रहे हैं।
Daily Archives: 10th September 2017
आतंकवाद के विरुद्ध आधी-अधूरी लड़ाई
आतंकवाद के अनेक खौफनाक विवरणों और उनके बढ़ते दायरे की दास्तानों के बावजूद यह नहीं कहा जा सकता कि वे इतने सक्षम हो गए हैं कि संपूर्ण विश्व की शासन व्यवस्था को अपने हाथों में ले सकें। मुठ्ठीभर आतंकी केवल इसलिए अपनी शक्ति और दायरे को बढ़ा सके हैं, क्योंकि वैश्विक महाशक्तियों द्वारा निहित स्वार्थों के कारण उनको हथियारों से लेकर समस्त अन्य संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं। बहरहाल अब यह सिद्ध हो गया है कि ‘अच्छे आतंकवाद और बुरे आतंकवाद’ में अंतर का सिद्धांत पूरी तरह विफल रहा है। अपनी शक्ति और सामर्थ्य बढ़ाने के बाद यह आतंकी संगठन अंततः किसी के भी नियंत्रण में नहीं रह जाते हैं और यह संपूर्ण मानव सभ्यता के लिए घातक सिद्ध होते हैं। यह उम्मीद की जानी चाहिए कि इस प्रकार के अनुभवों के बाद वैश्विक महाशक्तियों को यह ज्ञान अवश्य हो गया होगा कि इस प्रकार की घातक रणनीति अंततः उनके लिए भी विनाशकारी सिद्ध होती है। वैसे भी वैश्विक महाशक्तियों का यह दायित्व बनता है कि वह संपूर्ण विश्व और मानव सभ्यता की सुरक्षा के प्रति अपने दायित्व और जिम्मेदारियों को न केवल ठीक से समझें, वरन पूरी ईमानदारी के साथ उसका अनुसरण भी करें।
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