दुनिया का सर्वश्रेष्ठ देश भारत और यहाँ के निवासी महासर्वश्रेष्ठ। यहाँ की मान्यता है कि ईश्वर जब भी अवतार (जन्म) लेता है तो वो भारत में ही लेता है क्योंकि यहाँ की भूमि पावन - पवित्र है। यहाँ सबसे अधिक भगवान पाये जाते हैं और सभी बड़े शक्तिशाली होते हैं। इनके भक्त आये दिन आपस में लड़ - लड़ कर कट - मर जाते हैं पर इनके भगवान कभी इन्हें बचाने - समझाने या बीच - बचाव भी कराने नहीं आते । आश्चर्य की बात तो यह है कि यहाँ हर रोज एक - दो नये भगवान पैदा हो जाते हैं। यहाँ भगवानों का निवास रेलवेस्टेशनों पर और पटरियों के बीच में भी पाया जाता है। भारतीय भगवान लखपती नहीं, करोड़पति नहीं, अरबपति नहीं खरबपति और इससे भी ज्यादा अमीर हैं, लेकिन आप विश्वास कीजिये कि यहाँ गरीबी भी इतनी ज्यादा है कि लोगों को कूड़े के ढेरों में कुत्ता - बिल्ली, सुअरों के साथ खाते हुए देखा जा सकता है। अब कुछ अंग्रेज वंशज मुझपर भौंकेगे कि हमने तो कभी नहीं देखा। मैं उनसे कहना चाहूंगा कि पहले वो अपनी आंखों पर से अमीरी के घमण्ड वाला चश्मा उतारें फिर सबकुछ साफ - साफ दिखाई देगा। खैर यह सब छोड़िये अब बाकी मुद्दों पर बात करते हैं। भ्रष्टाचार कोई बुरा शब्द नहीं है। भारत में तो सारे के सारे भगवान ही भ्रष्टाचारी हैं फिर यहाँ के खूंसट नेताओं, अधिकारीयों की बात ही करना बेकार है। अब देखिये यहॉ ऐसा कोई मठ - मंदिर, मस्जिद, चर्च या गूरूद्वारा नहीं जहाँ चढ़ावा - बढ़ावा न होता हो द्य यहाँ लोगों में होढ़ मची रहती है कि वह सबसे ज्यादा चढ़ायेगा ताकि उसकी मनोकामना पहले पूरी हो जाये। कुलमिलाकर भगवान भी भ्रष्टाचारी हैं फिर दल्लों की तो बात ही करना बेकार है। अब कुछ लोग दलील देंगे कि भगवान कभी किसी से कुछ नहीं मांगते। मेरा जवाब - भईया सीधे - सीधे तो यहाँ के मंत्री - संत्री, अधिकारी भी कुछ नहीं मांगते। देखिये पिछले दिनों मैंने एक इण्टरव्यू दिया, मैं इंटरव्यू में पास भी हो गया, किसी ने मुझसे इशारों - इशारों में चालीस हजार का चढ़ावा चढाने को कहा मैंने कोई ध्यान नहीं दिया। सूची लगी पर मेरा नाम नहीं था, कारण... चढ़ावा न चढ़ाना ही रहा होगा।Read More »
Daily Archives: 30th November 2017
गीता जयन्ती पर डिजीटल प्रदर्शनी का शुभारम्भ होगा
हाथरसः जन सामना ब्यूरो। गीता जयन्ती के अवसर पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के अलीगढ़ रोड स्थित आनन्दपुरी कालोनी के सहज राजयोग प्रशिक्षण केन्द्र पर ‘‘गीता द्वारा नवयुग की स्थापना’’ डिजिटल प्रदर्शनी का शुभारम्भ किया जायेगा। जो बाद में चित्र प्रदर्शनी के रूप में जनमानस के मध्य प्रसारित की जायेगी ताकि लोगों को भगवान के सत्य स्वरूप और उनके द्वारा नवयुग सतयुग की स्थापना के लिए दिये गये परम सत्य ज्ञान का परिचय मिल सके। यह जानकारी राजयोग शिक्षिका शान्ता बहिन ने गीता जयन्ती की पूर्व सन्ध्या पर दी।
उन्होंने बताया कि गीता धर्म शास्त्र, कर्म शास्त्र है जो लोगों को अपने अन्दर के विकारों को निकालने के लिए मनोयुद्ध करने तथा सात्विक, राजसिक, तामसिक लोग और उनके भोजन आदि के बारे में व्याख्यान तथा काम, क्रोध, लोभ, मोह आदि मानवी शत्रुओं पर विजय प्राप्त कराने के लिए प्रोत्साहित करने वाला, योग के विभिन्न आयामों का वर्णन करने वाला एक धर्मशास्त्र है न कि किसी को मारने की प्रेरणा देने वाला धर्मशास्त्र है।
दरअसल सामान्य लोगों ने भी यह समझ लिया है कि यह शस्त्र अर्जुन को हिंसक युद्ध लड़ने के लिए प्रेरित करने के लिए दिया गया ज्ञान है। परन्तु भारत के अनेक विद्वान चाहे वह स्वामी विवेकानन्द हों या मोहनदास कर्मचन्द गाँधी, आचार्य विनोवा भावे हों या राधाकृष्णन, स्वामीपाद हों या सैकड़ों आध्यात्मिक पुस्तकों के विद्वान लेखक ब्रह्माकुमार जगदीशचन्द्र हसीजा हों सभी ने अपनी टीकाओं में सिर्फ एक ही निचोड़ साररूप में दिया है कि उपनिषद श्रीमद् भगवद गीता में दिया गया ज्ञान चाहे वह किसी के द्वारा भी लिखी गयी हो लेकिन यह किसी हिंसक युद्ध के लिए नहीं बल्कि मानव को अपने अन्दर छिपी हुई खराब मनोवृत्तियों को निकाल बाहर फेंकने के लिए और उन्हें निकालते समय होने वाले मनोयुद्ध करने की सबल
हिस्ट्रोस्कोपी जांच कैम्प 1 को 12 बजे से
हाथरसः जन सामना ब्यूरो। शहर के मधुगढ़ी रोड स्थित झा हास्पीटल पर महिलाओं के लिये उनकी गंभीर बीमारी हिस्ट्रोस्कोपिक जांच के लिये 1 दिसम्बर को दोपहर 12 बजे से कैम्प आयोजित किया जा रहा है जिसमें जर्मनी की अति सूक्ष्म 3 मिलीमीटर की दूरबीन के द्वारा अनचाहे बच्चेदानी के आपरेशन से बचा जा सकता है।
उक्त जानकारी देते हुये झा हास्पीटल की संचालिका डा. मीनाक्षी मिश्रा ने बताया कि अभी उक्त तकनीक विदेशों या मेट्रो शहरों के बड़े अस्पतालों में थी और उक्त जांच जो कि अभी तक 10 हजार रूपये में होती थी वह उक्त कैम्प में मात्र 4 हजार रूपये में होगी तथा उन्होंने बताया कि उक्त जांच से पता चल जायेगा कि बच्चेदानी का आपरेशन जरूरी है या नहीं।