Friday, April 19, 2024
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Daily Archives: 31st January 2018

पीजीआई आने वाले मरीजों को हो रही दिक्कत, कई घायल

सैफई के मुचेहरा में सड़क में गड्डा, जल भराव, तालाब पर ग्रामीणों का कब्जा
सैफई, इटावा, जन सामना संवाददाता। सैफई में मुचेहरा से सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी आने वाला सड़क मार्ग में पानी भरा होने के कारण मरीजों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। ग्राम प्रधान दर्शन सिंह यादव ने इस मामले में जिलाधिकारी को पत्र भी लिखा है। सूबे में सत्ता परिवर्तन क्या हुआ अधिकारी भी बेलगाम हो गए सरकार बनने के बाद सैफई से अधिकारियों ने पूरी तरह ध्यान हटा लिया है हालात यह है कि काफी दिनों से मुचेहरा से सैफई आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय आने वाले रास्ते में सड़क के बीचो बीच पानी भरा रहता है जिसकी वजह से रूप पर गहरा गड्डा हो गया है पास ही तालाब होने के कारण पानी सड़क पर आ जाता है

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भारत में अभी भी पकौड़े और चाय में बहुत स्कोप है साहेब

‘साधु ऐसा चाहिए जैसा सूप सुभाय। सार सार को गहि रहै थोथा दे उड़ाय।।’
कबीर दास जी भले ही यह कह गए हों, लेकिन आज सोशल मीडिया का जमाना है जहाँ किसी भी बात पर ट्रेन्डिंग और ट्रोलिंग का चलन है। कहने का आशय तो आप समझ ही चुके होंगे। जी हाँ, विषय है मोदी जी का वह बयान जिसमें वो ‘पकौड़े बेचने’ को रोजगार की संज्ञा दे रहे हैं। हालांकि इस पर देश भर में विभिन्न प्रतिक्रियाएँ आईं लेकिन सबसे अधिक ध्यान आकर्षित किया देश के पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बयान ने जिसमें वो इस क्रम में भीख माँगने को भी रोजगार कह रहे हैं। विपक्ष में होने के नाते उनसे अपनी विरोधी पार्टी के प्रधानमंत्री के बयानों का विरोध अपेक्षित भी है और स्वीकार्य भी किन्तु देश के भूतपूर्व वित्त मंत्री होने के नाते उनका विरोध तर्कयुक्त एवं युक्तिसंगत हो, इसकी भी अपेक्षा है। यह तो असंभव है कि वे रोजगार और भीख माँगने के अन्तर को न समझते हों लेकिन फिर भी इस प्रकार के स्तरहीन तर्कों से विरोध केवल राजनीति के गिरते स्तर को ही दर्शाता है।
सिर्फ चिदंबरम ही नहीं देश के अनेक नौजवानों ने पकौड़ों के ठेले लगाकर प्रधानमंत्री के इस बयान का विरोध किया। हार्दिक पटेल ने तो सभी हदें पार करते हुए यहां तक कहा कि इस प्रकार की सलाह तो एक चाय वाला ही दे सकता है। वैसे ‘आरक्षण की भीख’ के अधिकार के लिए लड़ने वाले एक 24 साल के नौजवान से भी शायद इससे बेहतर प्रतिक्रिया की अपेक्षा नहीं थी।

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