कानपुरः जन सामना संवाददाता। डीजल-पेट्रोल की कीमतों में लगातार की जा रही बेतहासा वृद्धि के विरोध में बर्रा-8 स्थित चौ राम गोपाल यादव चौराहा में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बैलगाड़ी में मोटर साइकिल लादकर अर्धनग्न प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी अपने अपने हांथों में योगी-मोदी इस्तीफा दो…जब से भाजपा आई है कमरतोड़ महंगाई है… आदि नारे लिखे तख्तियां अपने अपने हांथों में लिये थे।
इस मौके पर चौ संतोष यादव ने कहा कि केन्द्र सरकार की जनविरोधी नीतियों ने आम जनता का जीना दुश्वार कर दिया है। डीजल-पेट्रोल की कीमतों में बेतहासा वृद्धि के कारण दैनिक उपभोग की वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि हो रही है। अन्तरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में गिरावट के वावजूद देश में डीजल-पेट्रोल की कीमतों में कमी करने के वजाय केन्द्र सरकार महंगे दामों में बेंचकर महंगाई को बढ़ावा दे रही है।
हेल्थकेयर डेटा को कार्यों में परिवर्तित करने का एक मजबूत दृष्टिकोण: इंद्रप्रीत कैम्बो
हेल्थकेयर में डेटा एक उभरता हुआ क्षेत्र है लेकिन नौसिखिए पेशेवरों और कंपनियों के लिए समझने के लिए काफी जटिल है। स्वास्थ्य सेवा में डेटा का उपयोग करने की यात्रा लंबी और कठिन है, लेकिन कई लोग पसंद करते हैं इंद्रप्रीत कैमबो पहले से ही इस दृष्टिकोण में महारत हासिल कर रहे हैं। वे उस तरीके को प्रभावित करके डोमेन में अधिक मूल्य पैदा कर रहे हैं जिस तरह से डेटा का संस्थान पर प्रभाव पड़ता है।
स्वास्थ्य सेवा में डेटा सीढ़ी चढ़ने के लिए संगठनों को यह मूल्यांकन करने की आवश्यकता होती है कि वे अपने डेटा पर कैसे उत्पन्न, संग्रह, स्टोर, प्रक्रिया और रिपोर्ट करें। इसका मतलब है कि एक रोडमैप विकसित करना जो डेटा यात्रा के साथ हर अवसर की पहचान करता है। इंद्रप्रीत कैम्बो संगठनों को एक योजना से शुरू करने में मदद करते हैं – नैदानिक से लेकर संचालन तक व्यापार से तकनीकी तक। उनकी योजनाएँ व्यापक हैं और इनके माध्यम से बहुत सोचा जाता है। वह निर्णय लेने से पहले ही कार्रवाई करने में विश्वास रखता है। उनका अनुभव संगठनों को नेतृत्व के साथ एक बहु-विषयक टीम को एक साथ लाकर डेटा प्रक्रिया शुरू करने में मदद करता है, जिसमें चिकित्सक, नर्स, कंपनी निदेशक, आईटी विभाग, रोगी प्रतिनिधियों के साथ शामिल होते हैं।
विश्वव्यापी कोरोना त्रासदी का सूत्रधार चीन आज क्यों बौखलाया -एक मुद्दा
नवंबर 2019 से अपनी विषाणु प्रयोगशाला से जनित मानवजीवन के लिए घातक विषाणु कोरोना को अपनी धरती के छोटे से शहर वुहान से निकाल कर पश्चिमी देशों से घुमाते हुए पूरे विश्व मे प्रसारित करने वाला आपराधिक देश चीन आज किस तरह गिरगिट जैसी रँगबदलती चाल चल रहा है। यह आश्चर्यजनक तो नहीं क्योकि उसका भयावह इतिहास उसकी यह दोगली प्रवृति का साक्षी है किन्तु यह अति निम्नकोटि का व घृणित है जो एक जिम्मेदार विश्व महाशक्ति को कतई शोभा नहीं देता।
चीन का सबसे बड़ा शत्रु अमेरिका है किंतु उसने भारत से पंगा लिया। क्यों? क्योकि एशिया महाद्वीप में उसको यदि कोई चुनौती दे सकता है तो वह भारत है और चीन भारत पर दबाव बनाना चाहता है। कोरोना महामारी संकट की चुनौती को भारत ने 24 मार्च से ही सम्पूर्ण लॉक डाउन लगाकर आत्मसंयम, अनुशासन, आत्मनिर्भरता के दम पर जिस तरह स्वीकारा है और उस पर बड़े बड़े देशों की अपेक्षा बेहतर तरीके से नियंत्रण किया है उसका लोहा अमेरिका सहित पूरे विश्व ने माना है। यह बात चीन को पची नहीं। उसने अपना कोरोनॉ संकट तो वुहान तक ही निपटाकर देश की सभी गतिविधियां सामान्य कर ली किन्तु पूरा विश्व अभी भी कोरोनॉ मकड़जाल में फंसा है। भले ही हमने भी लॉक डाउन 4 के बाद 8 जून से शिक्षासंस्थान छोड़कर सभी औद्योगिक, व्यापारिक गतिविधियों को पूर्ववत चालू कर अपनी अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाना प्रारम्भ कर दिया।
जिला अस्पताल सहित प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कोविड हेल्प डेस्क शुरू
हेल्प डेस्क पर कोरोना से मिलते जुलते लक्षण यथा बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ इत्यादि की होगी प्रारम्भिक जांच, कोरोना के बचाव संबंधी आवश्यक एवं सही जानकारी की जायेगी प्रदान: जिलाधिकारी
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। शासन के निर्देशों के तहत जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कोरोना के प्रारम्भिक जांच हेतु जनपद के जिला अस्पताल सहित समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केंन्द्र तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर हेल्प डेस्क स्थापित करा दिये गए हैं। उन्होंने निर्देशित किया है कि सभी हेल्प डेस्क सही प्रकार से संचालित किये जाये तथा किसी भी प्रकार की लापरवाही नही मिलनी चाहिए अगर किसी भी तरह से लापरवाही पायी जायेगी तो कडी कार्यवाही की जायेगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि हेल्प डेस्क पर कोरोना से मिलते जुलते लक्षण यथा बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ इत्यादि की प्रारम्भिक जांच की जाएगी और कोरोना के बचाव संबंधी आवश्यक एवं सही जानकारी प्रदान की जाएगी।
सत्रह पेटी अंग्रेजी शराब एवं दो पेटी बीयर के साथ तस्कर गिरफ्तार
चन्दौली, जन सामना ब्यूरो। सैयदराजा पुलिस ने एक लाल रंग की टाटा सोमो गाड़ी से कई पेटी अवैध अंग्रेजी शराब के साथ बीयर की खेप को पकड़ने में कामयाबी हासिल की है। इस सम्बन्ध में बताया गया कि पुलिस अधीक्षक के द्वारा अवैध मादक पदार्थों की बिक्री व तस्करी पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाये जाने तथा इस अवैध कार्य में संलिप्त व्यक्तियों की गिरफ्तारी एवं बरामदगी हेतु दिये गये निर्देश के क्रम में उ0नि0 मनोज कुमार मिश्र, उ0नि0 देवेन्द्र सिंह यादव थाना सैयदराजा मय पुलिस फोर्स के साथ यातायात के सुगम संचालन हेतु नौबतपुर के पास कर्तव्यरत थे कि तभी एक लाल रंग की टाटा सोमो संख्या- BR 45 P 0665 के चालक का हाव भाव संदिग्ध दिखने पर गाड़ी को चेक किया गया तो उसमें छुपा कर अवैध रूप से बिहार ले जायी जा रही सत्रह पेटी अवैध अंग्रेजी शराब व दो पेटी बीयर के साथ मनोज कुमार पुत्र स्व0 राजाराम निवासी बढैयाबाग थाना माडन टाउन जनपद रोहतास (सासाराम) बिहार को गिरफ्तार किया गया। थाने लाने पर गिरफ्तार व्यक्ति के ऊपर आवश्यक विधिक कार्यवाही की गयी।
Read More »दुर्घटना के बाद इलाज कराने पहुंचे वृद्ध निकला कोरोना पॉजिटिव
अधिशाषी अधिकारी अझुवा और चौकी इंचार्ज ने उस क्षेत्र को किया सील
अझुवा/कौशाम्बी, राहुल चौधरी। सैनी कोतवाली क्षेत्र के अझुवा कस्बे का एक वृद्ध 4 दिन पहले सीढ़ी से गिरकर घायल हो गया था जिससे उसे चोट लग गई थी घायल अवस्था में परिजन उसे इलाज कराने एक अस्पताल लेकर गए जहां इलाज के दौरान जांच में वृद्ध कोरोनावायरस पाया गया है जिसके बाद हड़कंप मच गया है।
जानकारी के मुताबिक सैनी कोतवाली के अझुवा कस्बा वार्ड नं 8 जीटी रोड निवासी वृद्ध होरीलाल उम्र लगभग 75 वर्ष पुत्र स्व शीतल प्रसाद 22 जून को पड़ोस की दुकान से शैम्पू लेने गए थे जहाँ पर फिसलकर गिर गए थे। जिससे उन्हें चोट लग गई थी और कूल्हे की हड्डी टूट गयी थी वृद्ध को चोट लगने के बाद परिजन इलाज कराने पहले स्थानीय अस्पताल ले गए लेकिन फिर बाद में परिजनों को प्रयागराज के अस्पताल में उन्हें भर्ती कराना पड़ा इलाज के दौरान चिकित्सकों ने कोरोनावायरस की जांच कराई जिस पर बृद्ध की जांच में कोरोना पॉजीटिव पाया गया है जिससे नगर पंचायत अझुवा सहित आसपास के गांवों में हड़कंप मचा हुआ है।
मौके पर डॉक्टर की टीम पहुंचकर जांच कर रही है पूरे क्षेत्र को सेनेटाइज करवाया जा रहा है।
अनाथ मां की बेटी की शादी की पूरी जिम्मेदारी समाजसेवी शिव जी दुबे ने निभाई
रसूलाबाद/कानपुर देहात, संतोष गुप्ता। कहते है जिसका कोई नहीं उसका मालिक भगवान होता है लेकिन भगवान को किसी ने देखा नहीं फिर भी उन्ही की प्रेरणा से किसी गरीब अनाथ मां की बेटी की शादी की पूरी जिम्मेदारी सभी रश्म अदायगी की कोई निभा दे तो उसे आज के समय में एक फरिश्ता ही कहा जायेगा। ऐसा ही नेकी का कार्य ग्राम बिल्हा में समाजसेवी शिव जी दुबे ने किया जिसकी हर जगह चर्चाएं हो रही है।
कहानी कुछ इस प्रकार है कि रसूलाबाद के ग्राम बिल्हा में आर्थिक विपन्नता के चलते आज से 10 वर्ष पूर्व कल्लू शर्मा नामक व्यक्ति ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी मृतक के तीन पुत्रियां व एक पुत्र था जिनकी जिम्मेदारी का भार मृतक की पत्नी मालती पर आ गयी। मालती ने घोर मुसीबत उठाकर अपने बच्चों का पालन आर्थिक विपन्नता व गांव के चंद भले लोगो की थोड़ी बहुत सहायता से कर लिया। धीरे-धीरे बड़ी लड़की सपना शादी योग्य हो गयी तो एक मां के सामने सपना के हाथ पीले करने की बहुत बड़ी समस्या उत्पन्न हो गयी तो उसने गांव के लोगो व परिवार रिश्तेदारों से सहयोग की बात चलाई हताश निराश एक मां की मार्मिक पीड़ा से द्रवित होकर समाजसेवी शिव जी दुबे ने सपना की शादी में तन मन धन से मदद करने बीड़ा उठाया।
जनपद न्यायाधीश के निर्देशन में अकबरपुर वृद्धाश्रम का हुआ निरीक्षण
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ व जनपद न्यायाधीश यशवन्त सिंह के अनुपालन में जनपद में संचालित वृद्धाश्रम, अकबरपुर कानपुर देहात का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान निरीक्षण समिति के अध्यक्ष राममिलन सिंह, प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सदस्य कमलकान्त गुप्ता, प्रथम अपर मुख्य न्यायिक मजिस्टेªट एवं साक्षी गर्ग द्वारा अकबरपुर वृद्धा आश्रम का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान वृद्धजनोे को कोरोनाकाल में कोविड-19 महामारी से बचाव हेतु सभी को मास्क लगाने एवं हर 20 मिनट के अन्तराल पर किसी भी साबुन से अपने हाथ अच्छी तरह साफ करने के लिए कहा गया। निरीक्षण समिति द्वारा वृद्धश्रम में नियुक्त प्रबन्धक एवं अन्य कर्मचारियों को भी निर्देशित किया गया कि वृद्धजनों को मास्क तथा सैनेटाइजर यथा समय उपलब्ध कराये तथा वृद्धजनों को सामाजिक दूरी का भी अनुपालन कराने का निर्देश दिये।
ऑनलाइन शिक्षा… कितनी सही?
भारत में स्कूल कॉलेज समेत तमाम शिक्षण संस्थान अपने अपने सत्र पूरे कर पाते, इससे पहले कोरोना संकट के चलते लॉकडाउन लगा दिया गया। ऐसे में शिक्षा संबंधी कार्यों और बच्चों की पढ़ाई पर प्रभाव पड़ना स्वाभाविक था। करीब तीन महीने से कोरोना का कहर जारी है और बच्चों की पढ़ाई पर इसके असर को देखते हुए बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध कराई गई। हालांकि इस सुविधा के अपने नफे नुकसान हैं और जो दृष्टिगोचर भी हो रहे हैं और साथ ही इस दौर की सक्रिय पीढ़ी को कठिन परिस्थितियों से भी गुजरना पड़ रहा है।
अभी कई कक्षाओं के पिछले शिक्षा सत्र के मसले ही हल नहीं हुए थे, परीक्षाएं नहीं हुईं, रिजल्ट नहीं आया था और नया सत्र शुरू भी कर दिया गया। छोटी कक्षाओं का शिक्षा सत्र अप्रेल में ही शुरू हो जाता है। स्कूलों ने आडियो-वीडियो क्लिप और कांफ्रेंसिंग एप के जरिये पढ़ाई शुरू कर दी है। इस विषय पर दो मत हो सकते हैं कि स्कूलों ने आनलाइन पढ़ाई का फार्मूला अपना शिक्षा व्यवसाय बचाने, फीस वसूली की चिंता या शिक्षकों को वेतन भुगतान की शुभेच्छावश ईजाद किया है या फिर इसका मकसद ” शो मस्ट गो आन” है। मगर इसका सकारात्मक नजरिया यह भी है कि भविष्य की शिक्षा प्रणाली में यह दौर कुछ बेहतर जोड़कर जायेगा।
अंतरराष्ट्रीय मधुमेह जागृति दिवस पर जागरूकता जरूरी
प्रतिवर्ष २७ जून को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मधुमेह जागृति दिवस मनाने की जरूरत इसलिए महत्वपूर्ण हुई क्योंकि इस बीमारी के कारण और बचाव के विषय में लोगों के बीच काफी मतभेद और अनभिज्ञता देखी जा रही है। यही कारण है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के रिपोर्ट के मुताबिक पूरे विश्व की लगभग ६-७ % आबादी मधुमेह नामक बीमारी से ग्रसित है। मधुमेह से पीडि़तों की संख्या में इतनी तेजी से वृद्धि लोगों में मधुमेह के प्रति अनभिज्ञता की उपज है। भारत के परिपेक्ष में यह बीमारी आम बात है , इस बीमारी से ग्रसित लोगों की बड़ी जनसंख्या भारत में निवास करती है। इंटरनेशनल डायबिटीज फाउंडेशन की रिपोर्ट के अनुसार लगभग ७.७ करोड़ पीड़ितों के साथ मधुमेह की दृष्टि से भारत का विश्व में दूसरा स्थान है। इसीलिए भारत को विश्व मधुमेह की राजधानी का दर्जा प्राप्त है। इन आंकड़ों के मद्देनजर वैश्विक स्तर पर हर पांचवां मधुमेह रोगी भारतीय है। मधुमेह के यह आंकड़ें इतने चिंतनशील हैं कि पूरी दुनिया में इसके निवारण व उपचार में प्रतिवर्ष करीब २५० से ४०० मिलियन डॉलर का खर्च वहन किया जाता है। इस बीमारी के कारण वैश्विक स्तर पर प्रतिवर्ष करीब ५० लाख लोग अपनी नेत्र ज्योति खो देते हैं और करीब १० लाख लोग अपने पैर गवां बैठते हैं । मधुमेह के कारण विश्व भर में लगभग प्रति मिनट ६ लोग अपनी जान गंवा देते हैं और किडनी के निष्काम होने में इसकी मुख्य भूमिका होती है।
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