आर ई सी लिमिटेड ने 24 मई तक 4.58 लाख किलोग्राम खाद्यान्न, भोजन के 1.26 लाख पैकेट, 9,600 लीटर सैनिटाइजर, 3400 पीपीई किट और 83,000 मास्क वितरित किए
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। ऊर्जा मंत्रालय के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के केंद्रीय उपक्रम और भारत के बड़े ऊर्जा वित्तदाताओं में से एक आर ई सी लिमिटेड प्रमुख सरकारी अस्पतालों के चिकित्सा कर्मियों के साथ साथ पूरे देश में दिहाड़ी पर काम करने वाले गरीब श्रमिकों को सहयोगपूर्ण कोशिशों के जरिए भोजन खिलाने के मिशन की अगुवाई कर रहा है।
आर ई सी लिमिटेड की सीएसआर इकाई आर ई सी फाउंडेशन ने नई दिल्ली स्थित सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा कर्मियों को विशेष तौर पर निर्मित पौष्टिक भोजन के पैकेट देने के लिए ताजसैट्स (आईएचसीएल और एसएटीएस लिमिटेड के संयुक्त उपक्रम) को अपना पार्टनर बनाया है। नई दिल्ली में अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ योद्धाओं के प्रति कृतज्ञता के भाव के रूप में हर रोज भोजन के 300 पैकेट उन्हें पहुंचाए जा रहे हैं। इस पहल के जरिए नई दिल्ली में भोजन के 18 हजार से अधिक पैकेट वितरित किए जाएंगे।
जिलाधिकारी ने अमृत एप का किया शुभारम्भ
अमृत एप सामुदायिक स्तर पर कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए शक्तिशाली माध्यम साबित होगा- जिलाधिकारी
प्रयागराज, जन सामना ब्यूरो। जिलाधिकारी प्रयागराज भानु चन्द्र गोस्वामी ने संगम सभागार में अमृत एप का शुभारम्भ किया। उन्होंने कहा कि अमृत एप कोविड-19 संक्रमण को सामुदायिक स्तर पर कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए एक अत्यंत प्रसांगिक और एक शक्तिशाली माध्यम साबित होगा। उन्होंने कहा कि अमृत एप कोरोना कंट्रोल रूम के लिए सीधे तौर पर संदिग्ध कोरोना मरीजों पर नजर रखने का वरदान बन सकता है तथा अंजाने में संक्रमित व्यक्ति दूसरे को संक्रमित कर सकता है, ऐसे लोगो को चिन्हित करने में प्रशासन के लिए यह एप सहायक हो सकता है। कोविड-19 जैसी आपात स्थिति से निपटने के लिए भारत सरकार के मानव संसाधन के डिजाईन इनोवेशन प्रोजेक्ट के तहत अमृत एप को डिजाइन किया गया है एवं यह अन्य प्रकार के संक्रमक रोगो और महामारियों के लिए भी इस एप्लीकेशन को आगे भविष्य में भी उपयोग में लाया जा सकता है। इस एप में रोगी के मोबाइल से सीधे क्यूआर कोड को स्कैन करने और प्रिस्क्रिप्शन अपलोड करने की सुविधा है, जो मैन्युअल रूप से विवरण दर्ज करने की तुलना में समय की बचत करेगा, हालांकि मैनुअल प्रवेश विकल्प भी है। प्रशासन ऐसे संदिग्ध कोरोना रोगियों को आसानी से ट्रैक कर सकता है और परीक्षण किया जा सकता है, जिससे समय और संसाधनों की बचत होगी। इसके अतिरिक्त ऐप को स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं/समाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा सुविधा के लिए डोर-टू-डोर सर्वेक्षण के लिए डिजाइन किया गया है, जहां वे आसानी से बिना किसी देरी के संदिग्ध कोरोना रोगियों के बारे में जानकारी भेज सकते हैं।
एक तरफ कोरोना, तो दूसरी तरफ झुलसाती गर्मी का रोना
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। भारत के कई राज्यों में खतरनाक लू चल रही है। भीषण गर्मी से राहत के लिए लोगों को बारिश का इंतजार है। पिछले कुछ दिनों से तपिश इतनी ज्यादा है कि लोगो की बाहर निकलने की हिम्मत नहीं पड़ रही है। भारतीय मौसम विभाग ने भी खतरनाक लू को देखते हुये अपील की है कि लोग दोपहर में घर के भीतर ही रहें। मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले दो-तीन दिन तो इस गर्मी से राहत नहीं मिलेगी। हां उम्मीद की एक किरण 28 मई के बाद जरूर दिख रही है। तब कुछ इलाकों में बारिश के आसार हैं।
दिल्ली को मई एंड में मिलेगी राहत-
राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को कुछ जगहों का तापमान 47 डिग्री को छू सकता है। यहां दो दिन तक हालात ऐसे ही रहने का अनुमान है। मौसम विभाग का अंदाजा है कि 28 मई की रात से आंधी और हल्की बारिश शुरू होगी जो तापमान को 35-38 डिग्री तक गिरा सकती है।
सावधान:- नौकरी ढूंढ रहे 3 करोड़ भारतीयों का डाटा लीक
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। इंटरनेट पर काम करना जितना सरल है उतना ही खतरनाक भी है। इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले लोगों को हमेशा ही साइबर क्राइम का खतरा बना रहता है। अगर आप भी इंटरनेट पर नौकरी ढूंढ रहे हैं तो ये खबर निश्चित तौर पर आपके काम की है। देश में नौकरी ढूंढने वाले करीब 3 करोड़ लोगों की जरूरी जानकारियां इंटरनेट पर लीक हो गई हैं। वहीं करीब 2,000 भारतीयों के पहचान पत्र जिनमें आधार कार्ड भी शामिल हैं वो भी हैकिंग फोरम पर लीक देखे गये हैं। साइबर इंटेलिजेंस से जुड़ी फर्म साइबल ने ये जरूरी जानकारी साझा की है। 24 मई को लिखे अपने ब्लॉग में कंपनी ने बताया है कि पिछले 12 घंटे के भीतर भारतीयों के आधार कार्ड से जुड़ी जानकारी भी हैकर्स ने अलग-अलग फोरम पर साझा किया है। हालांकि ये जानकारियां कहां से लीक की जा रही हैं इस बारे में अब तक कोई खुलासा नहीं हो पाया है। फर्म की तरफ से बताया गया है कि लीक हुये डाटा में मध्यप्रदेश के नागरिकों से जुड़ीं 18 लाख लोगों की जानकारियां एक्सेल शीट के फॉर्मेट में इंटरनेट पर उपलब्ध हैं। साथ ही दिल्ली-एनसीआर, कर्नाटक, पुणे, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, मुंबई समेत देश के कई बड़े शहरों से जुड़े लोगों के और नौकरी से जुड़ी कई वेबसाइट्स के डाटा लीक होने का दावा किया गया है।
Read More »केन्द्र पश्चिम बंगाल में राहत और पुनर्वास कार्यों की प्रगति की समीक्षा कर रहा है
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। पश्चिम बंगाल में चक्रवात अम्फान से प्रभावित क्षेत्रों में तालमेल के प्रयासों और पुनर्वास उपायों को जारी रखते हुए, राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने आज कैबिनेट सचिव श्रीराजीव गाबा की अध्यक्षता में चौथी बार बैठक की।
प्रधानमंत्री द्वारा अपने हवाई सर्वेक्षण और पश्चिम बंगाल सरकार के साथ राहत प्रयासों की समीक्षा के बाद घो की गई घोषणा के अनुसार राज्य सरकार को 1,000 करोड़ रुपये पहले ही जारी किए जा चुके हैं।
पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव ने राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए प्रदान की गई सहायता के लिए केन्द्र को धन्यवाद दिया। राज्य के चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों में बिजली और दूरसंचार सेवाओं की बहाली को प्राथमिकता दी जाएगी। हालांकि अधिकांश क्षेत्रों में दूरसंचार सम्पर्क बहाल कर दिया गया है, लेकिन स्थानीय बिजली वितरण नेटवर्क को नुकसान ने कुछ क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति की पूर्ण बहाली को प्रभावित किया है। इन प्रयासों में केन्द्रीय एजेंसियों को पड़ोसी राज्यों की टीमों के साथ तैनात किया गया है।
घरेलू उत्पादन क्षमता बढ़ी: प्रतिदिन 3 लाख से अधिक किटों का निर्माण किया जा रहा
सख्त प्रोटोकॉल के माध्यम से पीपीई की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा रही है
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। मीडिया में कुछ रिपोर्टें आईं हैं, जिसमें व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) कवरऑल की गुणवत्ता के बारे में चिंता व्यक्त की गयी है। उक्त उत्पाद, केंद्र सरकार द्वारा की जा रही खरीद के संदर्भ में प्रासंगिक नहीं है। एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड (एचएलएल), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की खरीद एजेंसी है, जो वस्त्र मंत्रालय (एमओटी) द्वारा नामित आठ प्रयोगशालाओं में से एक द्वारा कवरऑल का परीक्षण करने और अनुमोदित करने के बाद निर्माताओं / आपूर्तिकर्ताओं से पीपीई कवरऑल खरीद रही है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की तकनीकी समिति (जेएमजी) द्वारा निर्धारित परीक्षण में उत्पादों के योग्य होने के बाद ही उनकी खरीद की जाती है।
सरकारी एजेंसियों ने पिछले साल की तुलना में इस बार अधिक गेहूं खरीदा
कोविड के कारण एक पखवाड़े की देरी के बावजूद इस बार गेहूं की खरीद पिछले साल के कुल 25,000 टन की तुलना में 341.56 लाख मीट्रिक टन रही
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। कोविड-19 की वजह से देश व्यापी लॉकडाउन के कारण उत्पन्न तमाम बाधाओं के बावजूद सरकारी एजेंसियों ने इस बार 24 मई 20 तक 341.56 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की जबकि पिछले साल यह आंकडा 341.31 लाख मीट्रिक टन था।
गेहूं की कटाई आम तौर पर मार्च के अंत में शुरू होती है और अप्रैल के पहले सप्ताह में सरकारी एजेंसियों द्वारा इसकी खरीद शुरू हो जाती है। हालांकि, 24 और 25 मार्च की आधी रात से देशव्यापी लॉकडाउन शुरु हो जाने की वजह से सभी गतिविधियां रुक गई थीं। इस बीच फसल तब तक पक चुकी थी और कटाई के लिए तैयार थी। ऐसे हालात को देखते हुए भारत सरकार ने लॉकडाउन अवधि के दौरान कृषि और उससे संबंधित गतिविधियां आरंभ करने की छूट दे दी। ऐसे में अधिकांश राज्यों में 15 अप्रैल से गेहूं की खरीद प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। हरियाणा में इसके 20 अप्रैल से थोड़ीसे शुरु होने की संभावना है।
बैंड संचालकों ने सरकार से श्रमिकों के लिए आर्थिक सहायता की मांग की
कानपुर नगर, जन सामना ब्यूरो। आज कानपुर बैंड संचालक वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश चन्द्र कुंडे के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल कोरोना महामारी समय में बैंड संचालकों की समस्याओं से सम्बंधित ज्ञापन उत्तर प्रदेश पशुधन विकास परिषद के सदस्य व अपना दल (एस) के राष्ट्रीय महासचिव अजय प्रताप सिंह को सौंपा ज्ञापन के माध्यम से बताया कि कोरोना काल में शादी आदि में लोगों की संख्या सीमित होने से बैंड संचालकों व बैंड वादको को भुखमरी का सामना करना पड़ रहा है। इस समय सहालक का समय है और इसी समय बैंड संचालक पूरे वर्ष के लिए अपने जीवनयापन की व्यवस्था करते है। बैंडसंचालको ने अजय प्रताप सिंह को दिए ज्ञापन के माध्यम से सरकार से मांग की है शादी में कम से कम 100 व्यक्तियों व 11 बैंड कर्ताओं की अनुमति प्रदान की जाए ताकि बैंड वालो का भी काम चल सके और ऐसा न होने पर बैंड संचालकों व श्रमिकों के जीवन यापन के लिए आर्थिक सहायता की मांग की है।
Read More »5 दिनों से लापता दो पार्टी कार्यकर्ताओं का कोई सुराग नहीं
विश्वात्मा भारत गांधी की रिहाई के खिलाफ षड्यंत्र
दीमापुर/नागालैंड, जन सामना ब्यूरो। वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल के दो पार्टी कार्यकर्ताओं के होटल मून स्टार, दीमापुर से लापता हुए 5 दिन हो चुके हैं, लेकिन पुलिस अभी तक उन्हें खोज नहीं पाई है। दोनों पार्टी कार्यकर्ताओं के गायब होने के पीछे का कारण नागालैंड में वोटर पार्टी इंटरनेशनल के नीति निदेशक विश्वात्मा भारत गांधी की रिहाई को रोकना है। श्री विश्वात्मा को दीमापुर में चल रहे राजनीतिक प्रशिक्षण के 3 दिवसीय सत्र के बाद 13 मार्च को दीमापुर पुलिस ने धोखे से गिरफ्तार कर लिया था।
पुलिस ने बिना किसी कारण श्री विश्वात्मा को 10 दिनों तक हिरासत में रखा और फिर 23 मार्च को जेल भेज दिया। पार्टी के अखिल भारतीय समिति के सचिव शिवाकांत गोरखपुरी और उनके सहायक नवीन कुमार, 14 मार्च को श्री विश्वात्मा की गिरफ्तारी के बाद नागालैंड पहुंचे। वे जेल से उसकी रिहाई के लिए काम कर रहे थे। दुर्भाग्य से विश्वात्मा की रिहाई से पहले ही वे लॉकडाउन के कारण दीमापुर में ही फंस गए। विश्वात्मा लॉकडाउन खत्म होने के बाद 20 मई को जमानत पर रिहा होने वाले थे।
बाइक पलटने से अधेड़ की गई जान
चकिया/चन्दौली, दीपनारायण यादव। कोतवाली क्षेत्र के जलेबिया मोड़ के पास सोनभद्र से बाइक द्वारा अपने घर भुड़कुआ आ रहे सियाराम 56 वर्षीय एक अधेड़ की गिरने से मौत हो गयी। बताया गया कि उक्त व्यक्ति सोनभद्र के नेडा कार्यालय में कार्यरत था जो इलिया थाना क्षेत्र स्थित अपने गांव भुड़कुड़ा आ रहा था। बताया गया कि यह घटना बाइक अनियंत्रित होने के कारण हुई है। घटना के बाद घायल व्यक्ति को किसी तरह जिला संयुक्त चिकित्सालय चकिया लाया गया जहां चिकित्सक ने मौत की पुष्टि की।सूचना मिलने पर पहुंचे परिजनों ने पुलिस को फोन से बताया, जिस पर पुलिस शव को अपने कब्जे में लेकर अगली कार्यवाही में जुट गयी।
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