नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। लॉकडाउन उपायों पर संशोधित संयुक्त दिशा-निर्देशों को जारी रखते हुए गृह मंत्रालय (एमएचए) ने दिनांक 17.05.2020 को फंसे हुए श्रमिकों की ट्रेनों से आवाजाही के बारे में संशोधित मानक परिचालन प्रोटोकॉल (एसओपी) जारी किया है।
एसओपी फंसे हुए श्रमिकों की ट्रेनों से आवाजाही की निम्नलिखित तरीके से अनुमति देता है:
रेल मंत्रालय (एमओआर) एमएचए के साथ परामर्श के बाद श्रमिक स्पेशलन ट्रेनों के आवागमन की अनुमति देगा।
सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को नोडल अधिकारी नामित करने चाहिए और फंसे हुए व्यक्तियों की अगवानी करने और उन्हें भेजने के लिए आवश्यक व्यवस्था करनी चाहिए।
राज्यों/ संघ शासित प्रदेशों की आवश्यकताओं के आधार पर, ट्रेन की समय सारणी, जिसमें ट्रेन के ठहरने और उनका गंतव्य शामिल हैं, उसे एमओआर द्वारा अंतिम रूप दिया जाएगा। ऐसे फंसे हुए श्रमिकों को भेजने और उन्हें लेने की उपयुक्त व्यवस्था करने के लिए राज्य/संघ शासित प्रदेशों को एमओआर द्वारा सूचित किया जाएगा।
नोडल अधिकारी ने विभिन्न आश्रय स्थलों, कम्यूनिटी किचन का किया निरीक्षण
सम्बंधित अधिकारी सह्रदयता के साथ श्रमिकों/यात्रियों की हरसम्भव सहायता करें-नोडल अधिकारी
कोविड-19 के विरूद्ध प्रभावी 3‘एस’ (सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजेशन, सुपर फूड क्वालिटी) का कड़ाई के साथ करें पालन-नोडल अधिकारी
प्रयागराज, जन सामना ब्यूरो। नोडल अधिकारी, प्रयागराज सैमुअल पाॅल एन ने आज प्रयागराज शहर तथा तहसील करछना के अन्तर्गत विभिन्न आश्रय स्थलों, कम्यूनिटी किचन का निरीक्षण किया। नोडल अधिकारी सबसे पहले बी0एच0एस0 स्थित ट्रांजिट सेंटर का निरीक्षण करने पहुंचे, वहां पर उन्होंने श्रमिकों/यात्रियों की सुविधाओं के साथ स्वास्थ्य परीक्षण सम्बंधी व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने वहां पर मौजूद अधिकारियों से श्रमिकों/यात्रियों के साथ मानवीय तरीके से व्यवहार करने व उनकी हरसम्भव मदद करने को कहा। उन्होंने कोविड-19 के विरूद्ध प्रभावी हथियार 3‘एस’ (सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजेशन, सुपर फूड क्वालिटी) का निरीक्षण कर सम्बंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। नोडल अधिकारी इसके उपरांत नैनी स्थित ट्रांजिट कैम्प का निरीक्षण कर प्रवासी श्रमिकों को दिए जा रहे लंच पैकेट की गुणवत्ता की जानकारी ली।
कानपुर कचहरी परिसर में बने मिल्कबार में लगी आग
कानपुर नगर, अर्पण कश्यप। आज मंगलवार दोपहर लगभग दो बजे कानपुर कचहरी परीसर में बनी अमूल मिल्क बार में आग लग गई। बार एसोसिएशन कानपुर के महामंत्री कपिलदीप सचान ने बताया की कचहरी परिसर में रजिस्ट्री आफिस के बगल में स्थित अमूल मिल्क बार के ऊपर से गुजरी बिजली के तारो में शार्ट सर्किट से गिरी चिंगारी से मिल्कबार में आग लग गई थी। जिसे मौके पर मौजूद वकीलों ने बस्ते में मौजूद पीने का पानी डाल कर बुझाया। जिससे बड़ा हादसा टलने से बच गया महामंत्री ने बताया की साथ ही किसी भी तरह का कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ हैं।
Read More »अफवाहों से लोगों को दूर रखें, ट्रेन/बस प्रस्थान पर सही स्थिति से अवगत कराएं -गृह मंत्रालय
प्रवासी श्रमिकों की सुव्यवस्थित आवाजाही हेतु कई और ट्रेनें चलाने के लिए राज्यों एवं रेलवे के बीच सक्रिय समन्वय आवश्यक; जिला अधिकारियों को अपनी आवश्यकताओं से रेलवे को जरूर अवगत कराना चाहिए
अधिक बसें चलाएं, सभी राज्यों में और अंतर-राज्य सीमाओं पर प्रवासी श्रमिकों का सुचारू आवागमन सुनिश्चित करें
पैदल ही अपने घर जा रहे लोगों के लिए रास्ते में बुनियादी सुविधाओं के साथ विश्राम स्थलों की व्यवस्था तब तक करें जब तक कि वे बस/रेलवे स्टेशनों की ओर अग्रसर न हो जाएं
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने राज्यों को भेजे पत्र में यह बात रेखांकित की है कि मुख्यत: कोविड-19 के संक्रमण के भय और आजीविका छिनने की आशंका की वजह से ही विभिन्न स्थानों पर फंसे श्रमिक अपने-अपने घरों की ओर अग्रसर होने के लिए व्याकुल हैं। प्रवासी श्रमिकों की कठिनाइयों को कम करने के लिए इस पत्र में उन उपायों या कदमों पर विशेष जोर दिया गया है जिन्हें राज्य सरकारों को केंद्र के साथ सक्रियतापूर्वक समन्वय कर उठाना चाहिए। ये कदम निम्नलिखित हैं:
राज्यों एवं रेल मंत्रालय के बीच सक्रिय समन्वय सुनिश्चित कर कई और स्पेशल ट्रेनें चलाएं; प्रवासियों की आवाजाही के लिए अधिक बसें चलाएं; प्रवासियों को ले जाने वाली बसों को अंतर-राज्य सीमा पर प्रवेश की अनुमति दें;
एनसीएमसी ने सुपर चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ से निपटने की तैयारियों का फिर से जायजा लिया
20 मई, 2020 को पश्चिम बंगाल के तट से टकराएगा ‘अम्फान’
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। कैबिनेट सचिव राजीव गाबा ने राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की तीसरी बैठक की अध्यक्षता की जिसमें सुपर चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ से निपटने के लिए राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों/एजेंसियों द्वारा की गई तैयारियों का जायजा लिया गया।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने बताया कि इस ‘सुपर चक्रवाती तूफान’ के 20 मई, 2020 की दोपहर/शाम में पश्चिम बंगाल के तट से टकराने की प्रबल संभावना है। इस दौरान हवाओं की रफ्तार पहले 155-165 किलोमीटर प्रति घंटे तक होने एवं इसके बाद और भी अधिक तेज होकर 185 किलोमीटर प्रति घंटे के उच्च स्तर को भी छू जाने की प्रबल संभावना है। इसके साथ ही राज्य के तटीय जिलों में भारी बारिश होगी और समुद्र में 4-5 मीटर ऊंची लहरें उठेंगी। इस तूफान से पूर्वी मेदिनीपुर, दक्षिण एवं उत्तर 24 परगना, हावड़ा, हुगली और कोलकाता जिलों के काफी प्रभावित होने का अंदेशा है। ‘अम्फान’ तूफान से नुकसान की संभावना इससे पहले आए चक्रवाती तूफान ‘बुलबुल’ से हुई भारी क्षति से भी कहीं अधिक होने का अंदेशा है, जो 9 नवंबर, 2019 को पश्चिम बंगाल के तट से टकराया था।
लॉकडाउन के बीच डेयरी आपूर्ति श्रृंखला को सामान्य बनाए रखने में मदर डेयरी का योगदान
मदर डेयरी विदर्भ और मराठवाड़ा क्षेत्र में दुग्ध उत्पादकों से प्रतिदिन औसतन 2.55 लाख लीटर दूध खरीद रही है
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। कोविड -19 महामारी से जूझने के बीच लॉकडाउन के तहत देश में भोजन और स्वास्थ्य सेवाओं जैसी जरूरी चीजों की उपलब्धता बनाए रखना बेहद महत्वपूर्ण है। प्रतिबंधो के बीच एक ओर जहां उपभोक्ताओं के लिए आवश्यक चीजों की आपूर्ति बनी रहना जरुरी है तो वहीं दूसरी ओर किसानों के लिए उनके उत्पाद बाजार तक पहुंचे सके इसके लिए आपूर्ति श्रृंखला का सामान्य बने रहना भी आवश्यक है। इस संदर्भ में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, मदर डेयरी ने पहल करते हुए, विदर्भ और मराठवाड़ा क्षेत्र में लॉकडाउन के बीच डेयरी आपूर्ति श्रृंखला को सामान्य बनाए रखने में बड़ा योगदान दिया है।
विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना में लाभान्वित हेतु करें आवेदन: चन्द्र भान सिंह
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। उ0प्र0 सरकार द्वारा प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के स्थानीय दस्तकारों तथा पारम्परिक कारीगरों के विकास हेतु ’’विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’’ लागू की गयी है। योजनान्तर्गत पारम्परिक कारीगर जैसे कुम्हार, राजमिस्त्री, बढ़ई, नाई, लोहार, दर्जी, हलवाई एवं मोची के आजीविका के साधनों का सुदृढ़ीकरण करते हुये उनके जीवन स्तर को उन्नत किया जायेगा।
उपरोक्त जानकारी देते हुए उपायुक्त उद्योग चन्द्र भान सिंह ने बताया कि इस योजनान्तर्गत पारम्परिक कारीगरों को कौशल वृद्धि हेतु उन्हें उ0प्र0 कौशल मिशन के आर0पी0एल0 से जहां सम्भव हो सकेगा जोड़ा जायेगा तथा ऑन जाॅब ट्रेनिंग हेतु मास्टर क्राफ्ट्समैन द्वारा प्रशिक्षण दिलाया जायेगा साथ ही उद्यम के आधार पर कौशल वृद्धि हेतु 06 दिवसीय प्रशिक्षण एवं टूल किट्स भी प्रदान किया जायेगा। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम निःशुल्क एवं आवासीय होगा।
खाद्य पदार्थो का घर बैठे फोन के माध्यम से प्राप्त करे प्रशिक्षण: नरेश कुमार सचान
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के अधीन कार्यरत राजकीय फल संरक्षण एवं प्रशिक्षण केन्द्र रनियां, कानपुर देहात द्वारा लॉकडाउन के चलते किसानों को उचित मूल्य न मिल पाने के कारण अब नव युवक/युवतियों को आनलाइन या फोन के माध्यम से घर बैठे निःशुल्क प्रशिक्षण प्राप्त प्रारम्भ है।
उपरोक्त जानकारी देते हुए प्रभारी राजकीय फल संक्षरण केन्द्र नरेश कुमार सचान ने बताया कि वर्तमान समय में आम से बनने वाले खाद्य पदार्थ जैसे अचार, चटनी, गर्वत, स्क्वैभ तथा टमाटर से निर्मित पदार्थ सांस, प्यूरी, चटनी, आदि विभिन्न फल/सब्जियों से खाद्य पदार्थो का प्रशिक्षण प्राप्त कर लाभान्वित हो सकते है। उन्होंने बताया कि घर बैठे प्रशिक्षण लेने हेतु मोबाइल नम्बर 9919555515 पर कार्यालय अवधि में जानकारी ले सकते है।
हुजूर को सहयोग के लिए मुख्यमंत्रियों का एहसान मंद होना चाहिए- संजय रोकड़े
भारत में कोरोना को हराने के लिए हर नागरिक ने वही किया जो देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई दामोदर दास मोदी ने समय-समय पर सुझाया। हुजूर ने कहा ताली-थाली बजाओ, तो ताली-थाली बजाई गई। दीये जलाओ तो दीये जलाए गए। और तीसरे इवेंट में उनने आसमान से फुल बरसाने का प्लान दिया उसमें भी सबने पूरा सहयोग किया। हालाकि सब ये अच्छे से जानते थे कि यह पीएम की प्रतीकात्मक पहल है। मोदी का पीआर इवेंट है बावजूद इसके उनके इस इवेंट को सबके सब सफल बनाने में जुट गए। हुजूर की इन प्रतीकात्मक पहलों का किसी ने भी विरोध नही किया।
ऐसा नही है कि उनका विरोध नही किय जा सकता था, लेकिन सबने उनका साथ दिया। आज जनता से लेकर हर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने दलगत राजनीति से उपर उठकर उनके हर पीआर इवेंट को सफल बनाया जबकि वे सब जानते थे कि एक समय के बाद मोदी इसका राजनीतिक लाभ उठाने में पीछे नही हटेगें बावजूद इसके सबने एकजुटता दिखाई। इस एकजुटजा और हर कहे को मान्य करने के लिए आखिर क्यूं नरेन्द्र मोदी को अपने मुख्यमंत्रियों का एहसान मंद होना चाहिए।