प्रयागराज, जन सामना। शिक्षा व्यक्ति के व्यक्तित्व और मानव को अच्छा इंसान बनाती है। शिक्षा से व्यक्ति में ज्ञान, उचित आचरण, तकनीकी दक्षता, कौशल विकासव्यापार, व्यवसाय एवं मानसिक, नैतिक, भौतिक आध्यात्मिक सौन्दर्य उत्कर्ष का ज्ञान होता है। शिक्षा से समाज के आधारभूत नियमोंए व्यवस्थाओंए समाज के प्रतिमानों एवं मूल्यों का ज्ञान होता है। शिक्षा मनुष्य के शरीर, मन, आत्मा का सर्वांगीण एवं सर्वोत्कृष्ट विकास करती है। अन्तर्निहित क्षमता तथा उसके व्यक्तित्व को विकसित करने वाली प्रक्रिया है।उत्तर प्रदेश सरकार ने माध्यमिक शिक्षा के सुधार पर विशेष बल दिया है। सरकार का मन्तव्य है कि बच्चे स्कूलों में मात्र प्रमाण पत्र/डिग्री न प्राप्त करें बल्कि वे ज्ञान प्राप्त करें।छात्र.छात्राएं जब स्कूल काॅलेजों से ज्ञान प्राप्त करेंगे| तो वे अपने जीवन का ध्येय बनायेंगे और राष्ट्रीय विकास में सहभागी बनेंगे। आज के विद्यार्थी कल के देश निर्माणकर्ता हैं। सरकार ने शिक्षा के समस्त कार्यों को पारदर्शी बनाया है।माध्यमिक शिक्षा की बोर्ड परीक्षा सम्पादन एवं अन्य कार्यों में सुधार लाते हुए ऑनलाइन केन्द्र निर्धारण ऑनलाइन पंजीकरण, ऑनलाइन मान्यता एवं ऑनलाइन डुप्लीकेट अंक पत्र/प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने की व्यवस्था की है। प्रदेश में 2270 राजकीय 4512 सहायता प्राप्त एवं 20840 वित्तविहीन कुल 27622 माध्यमिक विद्यालयों के माध्यम से यू0पी0 बोर्ड के अन्तर्गत कक्षा 6 से 12 तक के छात्र.छात्राओं के पठन.पाठन की व्यवस्था की जा रही है। संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 973 सहायता प्राप्त एवं 178 वित्तविहीन कुल 1151 संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों के माध्यम से छात्र.छात्राओं को संस्कृत की शिक्षा प्रदान की जा रही है। विद्यार्थियों की शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण बनाने, उन्हें विद्यालयों में आकर पढ़ने और वास्तविक छात्र.छात्रा द्वारा ही बोर्ड की परीक्षा दी जाय। सरकार ने इस पर बल देते हुए कक्षा 9 और कक्षा 11 में पंजीकरण की व्यवस्था की गई है। इसके साथ.साथ छात्र.छात्राओं के शैक्षिक विवरणों के साथ ही उनके आधार नम्बर को भी आॅनलाइन अपलोड कराया है। प्रदेश सरकार की इस व्यवस्था से छात्र.छात्रा के फर्जीध्बोगस पंजीकरण का गलत उपयोग बन्द हो गया और इस पर प्रभावी अंकुश लगा है।परीक्षा केन्द्रों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने परीक्षा केन्द्रों के निर्धारण को ऑनलाइन कर दिया। इससे नकल कराने वाले केन्द्रों पर प्रभावी अंकुश लगा। नकल माफियाओं पर लगाम लगाने के लिए केन्द्र निर्धारण के समय पूर्ण विवरण भरना होता हैए इससे व्यवस्थाविहीन और अधोमानक के विद्यालय परीक्षा केन्द्र नहीं बन सके। मैनुअल तरीके से जहां 11414 परीक्षा केन्द्र बनाये गये थेए वहीं आॅनलाइन केन्द्र निर्धारण में वर्ष 2020 में 7784 ही रह गई। कम परीक्षा केन्द्र होने से प्रदेश सरकार की राजस्व की भी बचत हुई और सुव्यवस्थित ढंग से परीक्षा की समय सारिणी बनाते हुए नकलविहीन परीक्षा सम्पन्न कराई गई।
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