Saturday, November 30, 2024
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क्या वर्तमान हालातों से जीत पाएंगे ट्रम्प ? डॉo सत्यवान सौरभ

हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका में एक अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन संयुक्त राज्य अमेरिका सहित विश्व भर के कई अन्य देशों में भी देखने को मिले हैं। दुनिया में लोकतांत्रिक मूल्यों का डंका पीटने वाला संयुक्त राज्य अमेरिका अपने ही आंगन में गोरे पुलिसकर्मी के घुटने तले दम घुटने से अफ्रीकी अमेरिकी नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद समता, सामाजिक न्याय एवं मानवाधिकारों की रक्षा में नाकामी के कारण कठघरे में है।
क्षेत्रफल के हिसाब से महादेश कहलाने वाले तमाम जनसंस्कृतियों से युक्त इस देश के आधे से ज्यादा राज्य आजकल नस्लीय नफरत के विरोध की आग में जल रहे हैं। इस विरोध प्रदर्शन को अलग-थलग करने के लिये अमेरिकी सरकार ने भीड़ के ऊपर आँसू गैस के गोले, रबड़ की गोलियों का इस्तेमाल किया और अमेरिकी राष्ट्रपति ने प्रदर्शनकारियों को ‘ठग’ कहा एवं उन्हें गोली मारने और उनके खिलाफ सेना के इस्तेमाल करने की धमकी दी।

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लोक कला के संवाहकों के जीवन की अनिश्चतता

लोक कला ही जिनके जीवन का आधार एवं रोजगार है, कोविड-19 के चलते उनका जीवन आज अनिश्चतताओं से भर गया है| आधुनिक परिवेश में सांस्कृतिक मूल्यों को सहेजने का यदि कोई कार्य कर रहा है तो वह लोक कलाकार ही हैं| भौतिक प्रगति की अन्धी दौड़ में भागते समाज के वर्तमान स्वरुप को ध्यान में रखते हुए यदि लोक कलाओं को समाज से हटाकर विचार किया जाये तो हम देखेंगे कि समाज में ऐसा कुछ भी नहीं बचता है, जिसे हम अपना कह सकें| कहते हैं कि शिक्षा संस्कार देती है, पर क्या आधुनिक शिक्षा, जिसमें सांस्कृतिक मूल्यों का कहीं कोई स्थान ही नहीं है? वर्तमान शिक्षा व्यक्ति को यन्त्र तो बना सकती है| परन्तु मनुष्य कभी नहीं बना सकती है| ऐसे में मनुष्य को मनुष्यता का पाठ पढ़ाने वाली शिक्षा, जिसमें त्याग, बलिदान और अनुशासन के आदर्श निहित हैं, यदि कहीं संरक्षित है तो वह मात्र लोक कलाओं में ही है| इस तरह से वर्तमान परिवेश में लोक कलाएं ही भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता की सच्ची संवाहक हैं और लोक कलाकार उन लोक कलाओं के| समाज का सामान्य परन्तु एक बड़ा वर्ग इन कलाओं का सम्मान करते हुए, लोक कलाकारों को प्रस्तुति के अवसर देकर सांस्कृतिक मूल्यों का संरक्षण करने का प्रयास करता है| क्योंकि समाज का सामान्य वर्ग जहाँ एक ओर न चाहते हुए भी भौतिक प्रगति की दौड़ में भाग रहा है वहीँ स्वयं को नैतिक मूल्यों से जोड़े भी रखना चाहता है|

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अनलॉक फेस -1 कितना सुरक्षित..?

लॉकडाउन खुलने के बाद जो आवागमन कम था अब रफ्तार पकड़ने लगा है। कोरोना वायरस आपदा के चलते व्यापार, मजदूर वर्ग और जनजीवन बहुत प्रभावित हो रहा था इन सबके बीच इस वायरस से लड़ते हुए लाकडाउन का खुलना ठप्प पड़े व्यापारी वर्ग और आम जनजीवन को राहत दे सकता है। व्यापार या आर्थिक मंदी को फिर से रफ्तार में लाने के लिए लाकडाउन का  खुलना जरूरी था क्योंकि पापी पेट के लिए कब तक बंद रह कर जिया जा सकता है। हालांकि पूरे विश्व के मुकाबले हमारे देश में इस वायरस से संक्रमित आंकड़े कम है और महामारी को देखते हुए लॉकडाउन का फैसला लिया गया लेकिन लंबे समय तक ये फैसला नहीं लागू किया जा सकता।

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एसडीएम और सीओ ने तहसील परिसर में पौधरोपण किया

कौशाम्बी, जन सामना ब्यूरो। चायल एसडीएम ज्योति मौर्य ने पर्यावरण दिवस शुक्रवार को पेड़ रोपित कर मनाया। इस दौरान सीओ चायल भी मौजूद रहे। एसडीएम ने आम का पौधा लगा कर जन मानस को संदेश दिया कि पेड़ छाया शुद्ध हवा और फल भी देते है।
गौरतलब है कि विश्व पर्यावरण दिवस पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण हेतु पूरे विश्व में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र ने पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर राजनीतिक और सामाजिक जागृति लाने हेतु वर्ष 1972 में की थी। इसे 5 जून से 16 जून तक संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मेलन में चर्चा के बाद शुरू किया गया था। 5 जून 1974 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया।
परंपरा को आगे बढ़ाते हुए एसडीएम ने तहसील परिसर में पौध रोपण कर परिसर को हर भरा बनाये जाने की बात कही। इसके साथ ही पौध रोपण कर हरे-भरे पर्यावरण का सन्देश जन-मानस को दिया।

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शिवाजी इंटर काॅलेज के मैदान में किया पौधारोपण

कानपुर। कांग्रेस सेवादल यंग ब्रिगेड कानपुर नगर ग्रामीण द्वारा महाराजपुर विधानसभा के अंतर्गत वार्ड 82 जरौली फेस दो शिवाजी इंटर काॅलेज के मैदान में पौधारोपण किया गया। प्रदेश अध्यक्ष संगीत तिवारी ने गुड़हल, सागौन, अशोक, अर्जुन, कनेर, अमरूद, केला आदि के पौधे रोपित किये और बताया कि विश्व पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण हेतु पूरे विश्व में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र ने पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर राजनीतिक और सामाजिक जागृति लाने हेतु वर्ष 1972 में की थी 5 जून 1974 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। जिला अध्यक्ष सुशील सोनी ने बताया पर्यावरण को सुधारने हेतु यह दिवस महत्वपूर्ण है जिसमें पूरा विश्व रास्ते में खड़ी चुनौतियों को हल करने का रास्ता निकालता हैं। लोगों में पर्यावरण जागरूकता को जगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित विश्व पर्यावरण दिवस दुनिया का सबसे बड़ा वार्षिक आयोजन है इसका मुख्य उद्देश्य हमारी प्रकृति की रक्षा के लिए जागरूकता बढ़ाना है।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से जिला अध्यक्ष सुशील सोनी, जिला उपाध्यक्ष बिहारीलाल निषाद, प्रबंधक ननकऊ सिंह चंदेल, विष्णु कुशवाहा, रामू सोनी आदि लोग उपस्थित रहे।

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पर्यावरण दिवस पर प्राणि उद्यान में किया पौधारोपण

कानपुरः जन सामना संवाददाता। पर्यावरण दिवस के अवसर पर कानपुर प्राणि उद्यान में पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर अशोक के 11 पौधे रोपित किये गये। वरिष्ठ वन्य जीव सेवक वी के शर्मा ने कहा कि वृक्ष ही देवता हैं। ऐसा वेदों में कहा गया है। एक पुत्र दस पुत्रों के समान कहा जाता है। पौधारोपण कार्यक्रम में आजादनगर रामलीला कमेटी के अध्यक्ष शरद सेठ, प्राणि उद्यान के सहायक निदेशक अरविन्द्र कुमार सिंह, सहायक वन संरक्षक विनीता सिंह, क्षेत्रीय वन अधिकारी दिलीप कुमार गुप्ता, समाजसेवी विनोद अग्रवाल व मुकेश कुमार मौजूद रहे।

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पर्यावरण दिवस पर स्वयंसेवकों ने किया पौधारोपण

कानपुरः स्वप्निल तिवारी। पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कानपुर दक्षिण की हरदेव शाखा में स्वयंसेवकों ने एक अभियान के तहत घर घर जाकर 101 घरों में तुलसी का पौधा लगाया और घर की ग्रहणी से संकल्प लिया की वे इस पौधे को हमेंशा सुरक्षित रखने का प्रयास करेंगी डॉ दुर्गेश चौहान ने बताया की विज्ञान आज इतनी अधिक उन्नत अवस्था में है कि उसने अनेकों असंभव कार्य को संभव कर दिखाया है वर्तमान समय में किसी का कान खराब हो जाये,आंख खराब हो जाए,शरीर के अधिकतम भाग यहां तक ह्रदय को भी प्रत्यारोपित किया जआ सकता है लेकिन विज्ञान के द्वारा अभी सांसे कोई भी नही बढ़ा सकता और अगर कोई स्वच्छ जनजीवन दे सकता है तो वह हमारे वृक्ष है इस मौके पर डॉ दुर्गेश चौहान, शिव कुमार सिंह, विजय सिंह, मनीष ,प्रखर, धीरेंद्र ब्रह्मपाल, सुनील, कन्हैया एवं छोटू आदि स्वयंसेवक उपस्थित रहे।

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एनआईएफ ने पौधारोपण कर लिया पर्यावरण बचाने का संकल्प

प्रयागराज, जन सामना संवाददाता। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी नमस्ते इंडिया परिवार इलाहाबाद डिपो ने अपने कार्यालय में लाॅकडाउन का पालन करते हुए शारीरिक दूरी बनाकर विश्व पर्यावरण दिवस मनाया। इस दौरान सभी कर्मचारियों ने पौधरोपण कर धरती को हरा-भरा रखने का संकल्प लिया। इस दौरान मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार के सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग से मान्यता प्राप्त पत्रकार ब्रजेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि हर एक व्यक्ति को एक पेड़ अवश्य लगाना चाहिए उसकी सेवा घर के सदस्य की तरह ही करनी चाहिए। तभी हम सब मिलकर इस धरती को सही मायने में उसकी रक्षा कर पायेंगे।

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विश्व पर्यावरण दिवस पर श्री कृष्णा फाउंडेशन परिवार ने लगाये पौधे

लखनऊ। श्री कृष्णा फाउंडेशन (समाज सेवी संस्था) के बैनर तले विश्व पर्यावरण दिवस पर अलग अलग जगहों पर पौधारोपण कार्यक्रम किया गया है। संस्था के अध्यक्ष पवन कुमार सोनी ने कहा कि महामारी के इस दौर में संस्था के पदाधिकारीयों ने खाद डाल कर अलग अलग प्रजातियों के पौधे लगाये। श्री सोनी ने बताया कि देश मे खेतों को खत्म करके लोग प्राॅपर्टी का काम कर रहे है यदि ऐसा चलता रहा तो देश मे कहीं भी हरयाली नही मिलेगी। पेड़ों की कटान पर रोक लगाने से देश को हरियाली एवं शुद्ध आक्सीजन मिल सकेगी। कहा कि हर नागरिक यदि एक पेड़ लगाता है तो हमे हरियाली एवं शुद्ध वातावरण मिलेगा जिससे जीवन और सुगंधित हो जाएगा। संस्था द्वारा ‘सांसे हो रही है कम, आओ पेड़ लगाए हम’ के आधार पर एक विशाल अभियान चलाया जाएगा जिसमे देश मे 50 हजार पेड़ लगाने की लोगों को शपथ दिलाएगी। पर्यावरण को बचाने के लिए सभी को पौधारोपण अवश्य लगाना चाहिए। इस मौके पर संस्था के सचिव शिवम सोनी, उपाध्यक्ष शशांक सोनी, शिव सिंह, भानुप्रसाद प्रभात रंजन गुप्ता, विकास दीप सिंह एवं शिवम गुप्ता, दीपक जैसवाल, आयूष यादव शामिल रहे।

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जैव विविधता संरक्षण समय की सबसे बड़ी जरुरत है-ज्योति बाबा

कानपुर। जैव विविधता से हमारे रोजमर्रा की जरूरतों रोटी, कपड़ा, मकान, ईंधन, औषधियों आदि आवश्यकताओ की पूर्ति होती है, यह पारिस्थितकी संतुलन को बनाये रखने के साथ खाद्दान्न उत्पादक को बढ़ाने में भी सहायक होती है, उपरोक्त बात सोसायटी योग ज्योति इण्डिया व फैमिली हाॅस्पिटल, विमला नर्सिंग फार्मेसी काॅलेज के संयुक्त तत्वावधान में विश्व पर्यावरण दिवस पर फैमिली हाॅस्पिटल में आयोजित सोशल डिस्टेनसिंग के तहत राष्ट्रीय पर्यावरण गोष्ठी व कोरोना यो(ा पत्रकार-समाजसेवी के सम्मान समारोह के अवसर पर अन्तर्राष्ट्रीय नशा मुक्ति अभियान के प्रमुख योग गुरु ज्योति बाबा ने कही, ज्योति बाबा ने आगे कहा कि कोरोना व नशा के प्रसार को रोकने हेतु पेडों को बचाना मानव जीवन के लिए जरूरी है, मुख्य कार्यक्रम संयोजक डाॅ अजीत सिंह ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में वातावरण में भीषण बदलाव हुए है, जिसकी वजह से जैव विविधता को बनाये रखने में गिरावट आई है, इस तरह के बिगडते हालात मनुष्य जीवन के लिए किसी भयंकर खतरे से कम नहीं है कानपुर उद्योग व्यापार मण्डल के अध्यक्ष टीकम चंद सेठिया ने कहा कि बाढ़, सुखा, भू-श्खलन आदि से मुक्ति के लिए सम्पूर्ण जैव विविधता का संरक्षण आज समय कि सबसे बड़ी जरूरत है इससे पूर्व डाॅ अजीत सिंह, वरिष्ठ पत्रकार दुष्यंत सिंह, टीकम चंद सेठिया, जय नारायण कटियार (अपना दल प्रदेश महासचिव) व ज्योति बाबा ने दीप प्रज्जवलन कर विधिवत शुभारंभ किया।

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