मथुरा। बरसाना की प्रसिद्ध लठामार होली के लिए नंदगांव के हुरियारे इन दिनों जोर-शोर से तैयारी में जुट गए हैं। वह लाठियों के वार से बचने के लिए विशेष प्रशिक्षण ले रहे हैं और इस दौरान पौष्टिक आहार के साथ-साथ ड्राईफ्रूट का सेवन भी कर रहे हैं। 8 मार्च को बरसाना में और 9 मार्च को नंदगांव में लठामार होली की धूम मचेगी। यह होली अपने आप में अनूठी मानी जाती है, जिसमें बरसाना की महिलाएं हुरियारों पर चमचमाती लाठियों से वार करती हैं, लेकिन इन लाठियों में नफरत नहीं, बल्कि प्रेम और श्रद्धा का भाव होता है। हुरियारे लाठियां खाने वाले स्वयं को श्री कृष्ण के सखा और महिलाएं राधारानी की सखियां मानती हैं। वसंत पंचमी से ही दोनों गांवों के लोग लठामार होली की तैयारियों में जुट जाते हैं। महाशिवरात्रि के बाद इस कार्यक्रम की शुरुआत हो जाती है। परमानंद गोस्वामी ने बताया कि विशेष रूप से ढाल को आकर्षक ढंग से तैयार किया जा रहा है, जिसका इस्तेमाल लाठियों से बचाव के लिए किया जाएगा। बांके बिहारी गोस्वामी ने कहा कि नंदगांव के लोग बड़ी संख्या में बरसाना में होली खेलने के लिए आते हैं और हर कोई अपनी-अपनी ढाल लेकर पहुंचता है। हुरियारे इस समय लाठियों से बचने के विभिन्न तरीके सीख रहे हैं। गोपाल गोस्वामी ने बताया कि ढाल को खास आदेश पर तैयार किया जाता है और यह चमड़े से बनाई जाती है। ढाल का सही तरीके से उपयोग करना भी एक कला है, जिसे हुरियारे सीख रहे हैं, साथ ही अपनी सेहत भी बनाए रख रहे हैं।
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