नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरेन रिजीजू ने आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के 14वें स्थापना दिवस का उद्घाटन किया। इस वर्ष के स्थापना दिवस का विषय है ’आपदाओं के लिए पूर्व चेतावनी’।
अपने उद्घाटन भाषण में किरेन रिजीजू ने कहा की एनडीएमए ने आपदा प्रबंधन को एक विषय के रूप में देखने का तरीका बदल दिया है यानी आपदा रोकी जा सकती है। उन्होंने कहा कि व्यापक भौगोलिक और जनसंख्या वाले लोकतांत्रिक देश भारत ने आपदाओं के प्रबंधन में लंबा रास्ता तय किया है। विश्व आपदा जोखिम कटौती में भारत की अनदेखी नही कर सकता। भारत आपदा प्रबंधन से संबंधित अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने बल देते हुए कहा कि आपदाओं के प्रति जागरूकता बढ़ा कर और पूर्व चेतावनी प्रणालियों में सुधार करके ही हम आपदाओं के खिलाफ आधी लड़ाई जीत सकेगें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश को आपदाओं का मजबूती से सामना करने में सक्षम बनाने के लिए विशेष रुचि ले रहे हैं।
इस अवसर पर एनडीएमए के सदस्य आर के जैन ने पिछले एक वर्ष में एनडीएमए द्वारा चलाई गई गतिविधियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने एनडीएमए के महत्व की चर्चा करते हुए कहा कि प्राधिकरण ने पिछले 13 वर्षों में न केवल आपदा से निपटने में योगदान किया है बल्कि समग्र रूप से जोखिम कटौती की दिशा में भी योगदान किया है।
श्री जैन ने आपदा क्षेत्र में योगदान करने वाले व्यक्तियों तथा संस्थानों के लिए वार्षिक रूप से पुरस्कृत करने के बारे में प्रधानमंत्री की पहल की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा की पुरस्कारों के लिए प्रविष्टियां शीघ्र आमंत्रित की जाएंगी।
इस अवसर पर एमडीएमए जोखिम रोधी निर्माण पर राजमिस्त्रियों के लिए प्रशिक्षण मैनुअल जारी किया। ’गुजरात बाढ़ 2018ः एक अध्ययन’ पर एक रिपोर्ट भी जारी कि जायेगी।
पूर्व चेतावनी आपदा जोखिम कटौती का प्रमुख तत्व है। यह जान.माल तथा आर्थिक नुकसान के प्रभावों को कम कर सकती है। यह ढ़ांचागत कार्रवाई की कुंजी है।
पूर्व चेतावनी प्रणाली को कारगर बनाने के लिए जोखिम वाले समुदाय़ों को शामिल करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम हमेशा तैयारी की स्थिति में हैं। भारत पिछले कई वर्षों से समय से और सटीक पूर्व चेतावनी जारी करने में सफल रहा है। विशेष कर चक्रवाती तूफानों के मामले में। इस महीने के प्रारम्भ में अधिकारियों ने चक्रवाती तूफान गज के आगमन से पहले ही हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा क्योंकि सटीक भविष्यवाणी की गई थी।