लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय ने कहा है कि गोवंश आश्रय स्थलों की स्थापना एवं संचालन के सम्बन्ध में आवश्यक निर्णय जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समिति द्वारा लिए जाएंगे। इस सम्बन्ध में की गयी कार्यवाही के अनुश्रवण का दायित्व मण्डलायुक्त द्वारा वहन किया जाएगा।
मुख्य सचिव आज लोक भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में गोवंश आश्रय स्थलों की स्थापना एवं संचालन विषयक राज्य स्तरीय अनुश्रवण एवं मूल्यांकन समिति की बैठक की अध्यक्षता कर आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि अस्थायी गोवंश आश्रय स्थलों पर गोवंश के संरक्षण, इन स्थलों को स्वावलम्बी बनाये जाने तथा निराश्रित एवं बेसहारा गोवंश को जन-मानस द्वारा अपनाये जाने हेतु जागरूकता अभियान चलाया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि विभागीय अधिकारी ऐसी संस्थाओं के नाम जिलाधिकारी को अवगत करा दें जो पशुओं को गोवंश के भरण-पोषण हेतु इच्छुक संस्थाओं के नाम जिलाधिकारियों को उपलब्ध करा दिये जाएं इससे इस सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही की जा सके।
डाॅ0 पाण्डेय ने निर्देश दिये कि गोवंश के संरक्षण एवं संर्वद्धन हेतु कार्पस फण्ड की व्यवस्था की जाए। आश्रय स्थलों पर संरक्षित पशुओं के भरण-पोषण, पेयजल, प्रकाश, चारा संरक्षित पशुओं के इलाज हेतु समुचित व्यवस्था की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि जो पशुपालक सड़क पर अपना पशु छुट्टा छोड़ देते हैं उनको चिन्हित कर उनके विरूद्ध नियमानुसार समुचित कार्यवाही की जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि मण्डी परिषद जिलाधिकारियों को अपेक्षित धनराशि उपलब्ध करा दें।
बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त श्री प्रभात कुमार, प्रमुख सचिव, पशुपालन श्री सुधीर एम. बोबडे़ सहित सम्बन्धित विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
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