Tuesday, November 26, 2024
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संवैधानिक मूल्यों की रक्षा करना जरूरीः प्रमोद दीक्षित

अतर्रा, बांदा। देश के 70 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर बीआरसी के परिसर में स्थित प्राथमिक विद्यालय नरैनी प्राचीन में हर्षोल्लास के साथ मुख्य अतिथि साहित्यकार प्रमोद दीक्षित श्मलयश् (सह समन्वयक हिंदी, बीआरसी नरैनी) द्वारा तिरंगा ध्वज फहराया गया।समवेत स्वरों में राष्ट्रगान के पश्चात महापुरुषों के चित्रों पर माल्यार्पण किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित बच्चों, शिक्षकों, सभासदों एव अन्य कर्मचारियों को संबोधित करते हुए प्रमोद दीक्षित ने कहा के देश ने गणतंत्र की 70 वर्ष की यात्रा पूरी कर ली है। इस गणतंत्र को पाने के लिए देश के हजारों आबाल वृद्ध स्त्री-पुरुषों, युवक-युवतियों ने अपने प्राणों की आहुति दी है आजादी मिलने के बाद देश में अपना कानून नियम स्थापित हो अपना तंत्र विकसित हो इसलिए तत्कालीन नेताओं ने 26 जनवरी 1950 को देश में संविधान लागू कर गणतांत्रिक व्यवस्थाओं का संचालन शुरू किया। यह हम सब लोगों के लिए चुनौती है की गण तांत्रिक मूल्यों को बनाए रखते हुए हम गग की गरिमा मान-सम्मान और उसके कर्म एवं अभिव्यक्ति की आजादी को बनाए रखें । आज दुनिया के अंदर हिंसा अशांति नफरत का एक वातावरण बना हुआ है । यह हमारा सौभाग्य है कि हमने सदा सर्वदा पूरी दुनिया को शांति का संदेश दिया है । नानक, बुद्ध और महात्मा गांधी ने अपने जीवन एवं कर्म से पूरी दुनिया को सत्य अहिंसा शांति सद्भावना और परस्पर प्रेम का जो संदेश दिया है वह आज भी प्रासंगिक है। हमको उन महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा लेते हुए अपने समाज एवं राष्ट्र को इस प्रकार से विकसित करना है यह दुनिया के सामने शांति सद्भावना अहिंसा और मानवीय मूल्यों के रक्षक पोषक संरक्षक के रूप में पहचाना जाए जैसा कि हमारी सदियों से पहचान रही है। यह हमारे गणतंत्र की विशेषता है की यहां आमजन भी देश के शीर्ष पद पर पहुंच सकता है देश के निर्माण में अपने कर्म के माध्यम से विचार के माध्यम से योगदान दे सकता है । आज जरूरत है कि हम देश को समर्थ और सशक्त बनाए और उसका रास्ता महापुरुषों के जीवन से प्राप्त होगा । हम सभी की मान मर्यादा और आजादी की रक्षा करते हुए अपने आसपास स्वच्छता का परिवेश निर्मित करें । वृक्षारोपण के माध्यम से देश को हरा भरा करना है प्रकृति की रक्षा होगी तो हम सब रक्षित होंगे । जब जन-जन समर्थ होगा जब इकाई शक्ति संपन्न होगी तो देश का एक विराट स्वरूप भरेगा जो शक्ति संपन्न होगा और जिसके आधार में परस्पर प्रेम सद्भाव और विश्व कल्याण की भावना निहित होगी। आज मानवता कराह रही है यह हम सभीका कर्तव्य हो कि हम मानवता की रक्षा के लिए कमर कसें। बालिकाएं देश के विकास की एक सशक्त कड़ी है इसलिए बालिकाओं को भी को उचित पोषण शिक्षण और प्रशिक्षण दिया जाना बहुत जरूरी है ताकि देश के विकास पर वह भी अपना योगदान दे सकें। संविधान में प्राप्त अधिकार एवं कर्तव्यों का उत्सव मनाने का दिन है। देश ने हम को क्या दिया है यह सोचने की बजाय हम सब को यह सोचना है कि हमने देश के विकास के लिए क्या किया है। सभी प्रकार के मतभेदों से ऊपर उठकर हम सब भारतवासी हैं और भारत माता आराधक साधक हैं इस भावना के साथ काम करते हुए हम अपने कर्तव्य पर खरा उतरेंगे। भारत के कोने कोने में गांव शहरवासी, गिरिवासी-वनवासी, किसान, मजदूर, व्यापारी, छात्र सभी की सम्मिलित शक्ति से देश विश्व की एक महाशक्ति के रूप में उभरेगा, ऐसा मैं विश्वास करता हूं। इस अवसर पर विद्यालय की प्रधानाचार्य सरिता , एबीआरसी चंद शेखर सिंह एवं विनोद दीक्षित, सीता शरण मिश्रा ,रूबी सिंह , रीना , बख्तियार , राम लखन, एवं सभासद अवधेश तिवारी , सगीर अहमद तथा आंगनवाड़ी कार्यकत्रियां उपस्थित रहे । सभी को संविथान का संकल्प भी लिया। सभी को कार्यक्रम पश्चात मिष्ठान वितरण किया गया।