हाथरस, नीरज चक्रपाणि। बीड़ी, सिगरेट और शराब, जीवन को करते खराब, सर्वश्रेष्ठ नशा, नारायणी नशा, ढाई इंच की बीड़ी है यही मौत की सीढ़ी है आदि प्रेरणादायक स्लोगनों से सुशोभित, हम बदलेंगे, जग बदलेगा की भावनाओं से ओतप्रोत शिवदर्शन एवं व्यसन मुक्ति आध्यात्मिक शिविर प्रदर्शनी का आयोजन प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के अलीगढ़ रोड स्थित आनन्दपुरी कालोनी की राजयोग शिक्षिका बीके शान्ता तथा इगलास स्थित इन्द्रप्रस्थ सेवा केन्द्र की बीके हेमलता के सानिध्य में इगलास अलीगढ मार्ग पर किया गया। जिसका शुभारम्भ बीके हेमलता, राजेश कुमार, पूर्व प्रधानाचार्य बी.एल. भागीरथ, ओडम्बरा सिमरधरी के प्रधान ओमप्रकाश आदि ने किया।
इस अवसर पर प्रदर्शनी का अवलोकन कराते हुए बीके शान्ता ने मेरा भारत व्यसन मुक्त भारत अभियान के अन्तर्गत चलाये जा रहे नशामुक्ति आन्दोलन की जानकारी से अवगत कराया तथा तम्बाकू, शराब आदि नशे से होने वाली बीमारियों की जानकारी देते हुए कहा कि तम्बाकू आदि का नशा धीमे जहर की तरह होता है जिसे खाते रहते हुए व्यक्ति धीरे-धीरे मृत्यु की ओर अग्रसर होता जाता है। तम्बाकू में 40 प्रकार के हानिकारक रसायन जिसमें निकोटीन, सल्फरडाई ऑक्साइड, ऐसीटोन आदि जहर के रूप में प्रमुख होते हैं। इसे चबाने से मुख, गला, फैंफडे़ के कैंसर होने की संभावना होती है। शराब से लीवर और किडनी खराब हो जाती हैं जिससे हैपीटाइटिस बी तथा लीवर कैंसर हो सकता है।
बीके हेमलता ने परमपिता परमात्मा शिव के संदेश से अवगत कराते हुए कहा कि परमात्मा शिव निराकार ज्योति स्वरूप हैं जिनकी यादगार 12 ज्योर्तिलिंगम के रूप में भारत के चारों दिशाओं सहित संसार के विभिन्न देशों में भी होती है। परमात्मा शिव प्रजापिता ब्रह्मा द्वारा वर्तमान के कलिकाल के अन्त और दैवयुग सतयुग की आदि के इस कल्याणकारी पुरूषोत्तम संगम युग पर फिर से दैवीय दुनिया की स्थापना का कत्र्तव्य करा रहे हैं। भारत ही परमात्मा शिव के अवतरण का स्थान है जिसकी यादगार महाशिवरात्रि के रूप में उत्सव मनाया जाता है।
प्रदर्शनी में परमात्मा शिव के स्थापना, पालना, संहार के तीन कत्र्तव्य, सृष्टि चक्र दर्शन, राजयोग दर्शन, मनुष्यात्माओं की 94 जन्मों की कहानी आदि गंभीर विषयों पर ब्रह्मावत्सों द्वारा व्याख्या की जा रही थी। कार्यक्रम में बीके उमा, केशवदेव, गजेन्द्र, रामेश्वर दयाल, रश्मि, सीमा, अम्बिका, डाॅली, सविता, कान्ता आदि का सहयोग सराहनीय रहा।