शिवली/कानपुर देहात, जितेन्द्र कुमार सविता। हर वर्ष बदलते मौसम सूर्य की तपिश के साथ अप्रैल मई माह में जब ग्रामीण किसानों की गेहूं की फसल पक कर तैयार होती है तब किसी न किसी कारणवश आग लगने से लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। इससे निपटने के लिए जिला प्रशासन के पास न तो पर्याप्त साधन है और ना जरूरत भर के लिए दमकल गाड़ियां। इसी कारण होने वाले अग्निकांडो में अपेक्षाकृत भारी धन हानी हर वर्ष होती है। इस समस्या का सबसे अधिक सामना शिवली क्षेत्रवासियों करना पड़ता है। शिवली क्षेत्र में स्थाई रूप से फायर स्टेशन स्थापित करवाए जाने की मांग क्षेत्रवासी करते चले आ रहे हैं लेकिन जिला प्रशासन फायर ब्रिगेड के अधिकारियों की लापरवाही पूर्ण कार्य शैली के चलते अब तक शिवली क्षेत्र में फायर स्टेशन नहीं बन सका है जिसका परिणाम है कि जहां कहीं भी आग लगती है जब तक गाड़ी पहुंचती है तब तक सब कुछ जलकर राख के ढेर में तब्दील हो चुका होता है। मैथा शिवली क्षेत्र के ग्रामीण अपने ही निजी साधनों से आग पर जितना काबू पा पाते हैं पाने का प्रयास करते हैं अन्यथा शासन प्रशासन को कोसते हुए अपने दुर्भाग्य पर आंसू बहा कर रह जाते हैं। मैथा एवं शिवली क्षेत्र के लोगों ने शिवली में फायर स्टेशन खोले जाने की मांग की है।
शासन-प्रशासन हर वर्ष अप्रैल मई-जून के महीनों में होने वाले अग्निकांडो को देखता है परंतु आश्चर्य है कि इस समस्या की ओर गंभीरता से निपटने के लिए कोई कारगर रूपरेखा अब तक तैयार नहीं की जा सकी है। दरअसल यह वह समय होता है जब कठोर परिश्रम कर बड़ी लागत लगाए जाने के बाद खेत खलियान में गेहूं की फसल पक कर तैयार खड़ी होती है ऐसे में कहीं खेतों के ऊपर से गुजरी बिजली लाइन के जर्जर तार टूट कर गिरते हैं या घरों के चूल्हों से चिंगारी उड़ती है या कोई और नादानी वश बीड़ी और सिगरेट पीकर फेंक देता है और साल भर मेहनत कर तैयार की गई फसल पलक झपकते ही स्वाहा जाती है। किसान माथा पकड़ कर अपने दुर्भाग्य पर आंसू बहा कर रह जाता है। हर वर्ष गर्मी के मौसम में मैथा तहसील क्षेत्र एवं शिवली क्षेत्र में आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं। लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते आग को नियंत्रण करने के लिए आज तक कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किया गया है। शिवली क्षेत्र में फायर स्टेशन खोले जाने की मांग क्षेत्रवासी लगातार करते चले आ रहे हैं लेकिन अब तक फायर स्टेशन नहीं बन सका है। रामचन्द्र गौतम, सभासद प्रतिनिधि साहुल दीक्षित, राधा कृष्ण श्रीवास्तव, युवा भाजपा नेता दीपक गुप्ता, चंदन तिवारी, आशीष शुक्ल, सनी शुक्ल, रामलखन ने बताया कि कुछ वर्ष पूर्व तक तो शिवली क्षेत्र में आग लगने पर भोगनीपुर फायर स्टेशन से गाड़ियां आती थी जो आग बुझाने की औपचारिकता मात्र पूरी कर चली जाती थी लेकिन क्षेत्रवासियों की मांग और समस्या को देखते हुए पिछले करीब चार वर्षों से शिवली कोतवाली में एक फ्लोट पंप तथा तहसील क्षेत्र में फायर ब्रिगेड की गाड़ी चार महीनों के लिए रखी जाती थी। लेकिन इस वर्ष शोभन में तो एक फायर ब्रिगेड की गाड़ी रहती है लेकिन शिवली कोतवाली में रहने वाली गाड़ी की व्यवस्था नहीं की गयी है जिसका परिणाम है कि मैथा तहसील एवं शिवली क्षेत्र में कहीं भी आग लग जाती है अगर क्षेत्र में फायर की गाड़ी मौजूद है तब तो ठीक है वरना ग्रामीणों को अपने साधनों से ही आग पर काबू पाना पड़ता है। अभी पिछले दिनों शिवली कस्बे के पास स्थित नहर कोठी के करीब गेहूं की फसल में आग लगने पर जब लोगों ने सूचना दी तो मालूम हुआ कि शोभन में रहने वाली फायर की गाड़ी रनिया क्षेत्र में है। वह जब तक वहां से लौटी तब तक करीब बीस बीघा गेहूं की फसल जलकर राख हो गयी। लोगों ने बताया कि मैथा तहसील बनने के बाद क्षेत्र में फायर स्टेशन खोले जाने का प्रस्ताव रखा गया था तहसील के अधिकारियों द्वारा विरतियाना शिवली में फायर स्टेशन खोलने के लिए जमीन का चयन कर फाइल फायर ब्रिगेड के अधिकारियों को भेज दी थी लेकिन उक्त जमीन के अधिग्रहण में कई कमियां निकाल कर फायर ब्रिगेड विभाग ने उक्त जमीन अनुप्रयुक्त बता दिया था। लेखपाल सुरेश कुमार ने बताया कि दूसरी जमीन का चयन कर लिया गया है जल्द ही प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा।
करीब सौ बीघा से अधिक गेहूं की फसल जल चुकी
लोकसभा चुनाव से पहले आम जनता के हर सुख दुख में हर समय खड़े होने का ढिंढोरा पीटने वाले लोग चुनाव बीत जाने के बाद अब कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। मैथा एवं शिवली क्षेत्र के किसानों के खेतों में खड़ी गेहूं की फसल में आग लग जाने से अब तक करीब सौ बीघा से अधिक गेहूं की फसल जल चुकी है। लेकिन किसी भी राजनीतिक दल के नेता ने शिवली क्षेत्र में फायर स्टेशन स्थापित करवाए जाने का प्रयास अब तक नहीं किया है। आग लगने से अब तक शिवली कस्बे के सनी दीक्षित, कर्ण कांत द्विवेदी, विजय मिश्रा, मीरा द्विवेदी, राम किशोर बाजपेई, राकेश त्रिवेदी, अनिल तिवारी, सरोजिनी द्विवेदी, बागपुर के लतीफ, केसरी नेवादा के मनेश एवं रामकिशन कैलई गांव के कृष्ण चंद्र तिवारी झल्लर कुशवाहा, दीपक कुशवाहा आदि की फसलें एवं बैरी सवाई गांव निवासी पंकज सोनकर की किराने की दुकान आग लगने से जलकर खाक हो चुकी है। इसी प्रकार हर वर्ष श्री क्षेत्र के लोगों को आग लगने से भारी नुकसान उठाना पड़ता है।