चन्दौली, जन सामना ब्यूरो। राष्ट्रपिता महात्मा गाॅधी का 151 वाॅ तथा पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का 116 वाॅ जन्म दिवस जनपद में सादगी एवं हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर सभी सरकारी एवं अर्द्धसरकारी कार्यालय सहित विद्यालय भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज फहरानें के पश्चात सत्य एवं अंहिसा के पुजारी राष्ट्रपिता महात्मा गाॅधी एवं 1965 के युद्ध नायक माटी के लाल पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर माल्यापर्ण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया गया। जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल तथा अपर जिलाधिकारी बच्चा लाल ने कलेक्ट्रेट सभागार में महात्मा गाॅधी एवं लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर माल्यापर्ण किया। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित सभा में उपस्थित अधिकारियों,कर्मचारियों को संबोधित करते हुये जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गाॅधी व लाल बहादुर शास्त्री आज भी प्रांसगिक है। बापू सत्य व अंहिसा के पुजारी थें तथा उन्होनें इसी को हथियार बनाकर फिरंगियों से लोहा लेते हुए देश को गुलामी के जंजीर से आजाद कराया। यही सत्य अंहिसा देश की संस्कृति बन गयी और हमारी विचारधारा भी। उन्होनें जोर देते हुए कहा कि महात्मा गांधी आज अधिक प्रासंगिक है।
उन्होनें देश को गुलामी के जंजीर से आजाद कराने की बात उस समय सोची, जब लोग इस दिशा में सोच ही नही सकते थे। क्योंकि उस दौर में आजादी की परिकल्पना दिवास्वपन्न रहा। इतना ही नही महात्मा गाॅधी ने आजादी के लड़ाई को लडने के लिए सत्य अंहिसा को हथियार बनाया उन्होनें ’’ग्राम स्वराज’’ की परिकल्पना काफी पहले ही करते हुए ’’पंचायज राज’’ को लोकतंत्र की बुनियाद का इकाई माना था। उन्होनें कहाॅ कि कुछ व्यक्ति किसी भी तुलना के परे होते है। महात्मा गाॅधी एवं लाल बहादुर शास्त्री उनमें से एक थे। उन्होनें जोर देते हुए कहाॅ कि ऐसे महानुभाव युगो-युगो में ही पैदा होते है। देश के गाॅवों में जब आधुनिक अवस्थापनाओं का अभाव रहा तथा देश जाति और धर्म में बटा रहा। विदेशी हुकूमत का राज रहा। तब गाॅधी ने विचार किया कि लोगों को एक सूत्र में बाधा जाय, तभी देश को गुलामी से छूटकारा दिलाया जा सकेगा। उन्होनें देश को गुलामी के जंजीर से तो मुक्त कराया ही, देश के अन्दर की तमाम बुराईयों को भी दूर किया। श्री चहल ने जोर देते हुये कहाॅ कि महात्मा गाॅधी ने हिंसा के दौर में अंहिसा का रास्ता अख्तियार किया था। सत्य-अंहिसा हमेशा प्रासंगिक रहेगा तथा गाॅधीवाद कभी अप्रासंगिक हो ही नही सकता। उन्होनें माटी के लाल पूर्व प्रधानमंत्री एवं 1965 के युद्ध नायक लाल बहादुर शास्त्री के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहाॅ कि आदमी का आकार-प्रकार कोई महत्व नही रखता, ब्लकि उसका निर्णय लेने की क्षमता व इच्छाशक्ति ही उसे महान बनाती है। लाल बहादुर शास्त्री एक गरीब परिवार से रहे तथा देश के प्रधानमंत्री जैसे शीर्षस्थ पद पर आसीन हुए। उन्होनें कहाॅ कि प्रधानमंत्री के रूप में माटी के लाल के नाम से जाने वाले लाल बहादुर शास्त्री का कार्यकाल मात्र दो वर्षो का रहा, किन्तु इन्ही अल्प अवधि में उन्होनें बड़े-बड़े ऐतिहासिक कार्य किये, वे कुशल प्रशासन व मजबूत प्रधानमंत्री रहे। श्री चहल ने जोर देते हुये कहाॅ कि लाल बहादुर शास्त्री ने हरित क्रान्ति एवं श्वेत क्रान्ति लाकर देश को अन्न एवं दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया तथा ’’जय जवान -जय किसान’’ का नारा देकर उन्होनें किसानों को मजबूती प्रदान की।
इस मौके पर महेन्द्र टेक्निकल इण्टर कालेज चन्दौली में स्वच्छता ही सेवा के तहत विशेष स्वच्छता अभियान चलाया गया। साथ ही जिला चिकित्सालय में भर्ती मरीजों में फल वितरित कर उनके स्वस्थ्य होने की कामना की।
जिलाधिकारी ने कुष्ठ रोग जागरूकता वाहन रैली का हरी झण्डी दिखाकर कलेक्ट्रेट से रवाना किया। इस वाहन रैली में 21 चार पहिया वाहन शामिल थे। जो चन्दौली से आरम्भ होर बबुरी, पड़ाव, मुगलसराय होते हुये वापस चन्दौली लौटी। इस मौके पर जिला पर्यवेक्षक विवेक सिंह, जिला कुष्ठ अधिकारी के साथ काफी संख्या में स्वास्थ्य विभाग और एनएलआर के कर्मचारी मौजूद थे।