आरटीई योजना से स्कूल में दाखिला पाए मासूम को किया बाहर, अभिभावकों ने दिया धरना
कानपुर, अर्पण कश्यप। आज देशभर में चिल्ड्रन डे बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया तो वही आज ही के दिन एक ऐसा भी स्कूल था। जिसने एक मासूम बच्चे को पढ़ाने से ही मना कर स्कूल के गेट से बाहर कर दिया और अपनी तानाशाही का परिचय दे दिया। जिसके बाद नाराज अभिभावकों ने स्कूल के गेट पर ही बैठकर धरना देना शुरू कर दिया। आप को बताते चले कि बर्रा-2 इलाके में रहने वाले राजेश मिश्र जो कि प्राइवेट नौकरी करते है। राजेश की पत्नी आरती है और उनका बेटा वैभव जो कक्षा एक का छात्र है जो बर्रा-2 के नर्चर इंटर नेशनल स्कूल में पढ़ता है। आज सुबह राजेश अपने बच्चे को स्कूल छोड़ कर जैसे ही घर लौटे तो कुछ देर बाद उन्हें स्कूल से फोन कर बच्चे को ले जाने की बात कही गयी। जिस पर वैभव के माता-पिता स्कूल के बाहर पहुँचे तो उन्होंने देखा कि उनका मासूम बेटा वैभव स्कूल के बाहर खड़ा था। जिसके बाद जब वो अपने बच्चे को लेकर स्कूल के भीतर जाने लगे तो उन्हें अंदर जाने से मना कर दिया गया। जिसके बाद बच्चे के अभिभावक स्कूल की तानाशाही के खिलाफ गेट पर ही धरना देकर बैठ गए। राजेश ने बताया कि उनके बेटे का एडमिशन राइट टू एजूकेशन के अंतर्गत लिस्ट में नाम आया था। मगर स्कूल प्रबंधक उनके बेटे का दाखिला नहीं ले रहे थे। जिसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत बीएसए से की तब उसके बाद उनके बेटे का एडमिशन किया गया था। तब से लगातार उनके बच्चे को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि बच्चे को क्लास में भी नही बैठने दिया जाता है और तो और उसे किताबे तक नहीं लेने दी जा रही है। आज तो स्कूल वालों ने बच्चे को स्कूल से ही निकाल दिया। जिसके बाद उनका कहना है स्कूल की स्टाफ की तरफ से उनके बच्चे के साथ भेदभाव किया जा रहा है। वही उन्होंने कहा कि आज जब तक उनकी समस्या का हल नहीं निकल जाता तब तक अपने पूरे परिवार के साथ स्कूल के गेट से नहीं हटेंगे। बच्चे के साथ ये पूरा घटना क्रम उस दिन हुआ जिस दिन को बाल दिवस के रूप में जाना जाता है। वही पूरे मामले पर बीएसए प्रवीण मणि त्रिपाठी ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। टीम बना कर कर मामले की जाँच कराई जा रही है। अगर बच्चे के साथ स्कूल प्रबंधन बदसलूकी करता है तो कड़ी कार्यवाही की जाएगी।