कानपुर देहात, जन सामना संवाददाता। अपर प्राइमरी स्कूलों में कार्यरत अंशकालिक अनुदेशक भी अब अपने जनपद के अंदर गृह विकासखण्ड में स्थानांतरण करा सकेंगें। इसके लिए शासनादेश जारी किया जा चुका है। जिन उच्च प्राथमिक विद्यालयों में नामांकन 100 से अधिक होगा उन्हीं विद्यालयों में सम्बन्धित विषयों के मध्य पारस्परिक स्थानांतरण किया जायेगा। इसके अलावा जिन विद्यालयों में जिन विषयों के रिक्त पद होंगे वहाँ उसी विषय के अनुदेशक का स्थानांतरण हो सकेगा। स्थानांतरण में निम्न क्रमानुसार वरीयता दी जाएगी विकलांग (महिला/पुरूष), विधवा/तलाकशुदा महिला, महिला अभ्यर्थी, उम्र में वरिष्ठ अभ्यर्थी।अंशकालिक अनुदेशकों का पारस्परिक स्थानांतरण, विद्यालय परिवर्तन प्रत्येक दशा में एक माह के अंदर (दिसंबर) पूर्ण करना है। पारस्परिक विद्यालय परिवर्तन जनपदीय समिति द्वारा किया जायेगा। समिति के अध्यक्ष मुख्य विकास अधिकारी, सचिव जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, सदस्य सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी होंगे। उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत अनुदेशकों का नवीनीकरण प्रत्येक वर्ष संविदा समाप्त होने के एक माह पहले ही करने के निर्देश दिये गए हैं। अनुदेशकों का कार्यकाल जुलाई से 31 मई तक होता है। अगर निर्धारित समय अवधि के अंतर्गत अनुदेशकों का नवीनीकरण नहीं किया गया तो उनका स्वतः नवीनीकरण माना जायेगा। साथ ही सभी बीएसए को यह भी निर्देश दिये गए हैं कि अंशकालिक अनुदेशकों की सेवा समाप्ति जैसा फैसला करने से पहले बीईओ पहले खूब सोच विचार करें। गंभीर आरोप होने पर सुझाव/चेतावनी या नोटिस जारी करेंगे उसके बाद ही सेवा समाप्ति की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके लिए डीएम की अनुमति प्राप्त करनी होगी। अंशकालिक अनुदेशकों पर आरोप हैं तो इसके पुष्ट प्रमाण भी उपलब्ध कराना होगा ताकि किसी के साथ अन्याय न होने पाये। किसी अनुदेशक की शिकायत है तो उसे सुधरने के लिए मौका देना होगा। सेवा समाप्ति प्रकरण में बीएसए द्वारा भी एक महीना पहले सम्बन्धित अनुदेशक को नोटिस भेजी जाएगी। संविदा समाप्ति हेतु निर्गत आदेश जिलाधिकारी के अनुमोदन के उपरांत ही मान्य होगा। राजेश बाबू कटियार, धर्मेन्द्र कुमार, अनुराग गुप्ता, पुष्पेन्द्र यादव, ऋषभ बाजपेई, हेमंत राव, प्रबल आदि ने इस फैसले मेंं खुशी ज़ाहिर की।