इसके साथ ही अन्य आशा कार्यकर्ताओं की हौसला अफजाई की गयी। गर्भवती की घर पर पहुंचकर जांच करने तथा उसे प्रसव संबंधित उचित सलाह के साथ ही खानपान को लेकर जागरूकता का मंचन नाटक और गीत के माध्यम से किया गया। कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि नीलिमा कटियार, उच्च शिक्षा और विज्ञान प्रौद्योगिकी, राज्य मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को जन जन तक पहुंचाने में आशा अहम भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने कहा गर्भवती महिला अगर देवकी है तो आशा बहू भी यशोदा मईया है जो शिशु और माँ की सुरक्षा में अहम भूमिका अदा करती है उन्होने बताया प्रदेश में दो वर्षों में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में व्यापक सुधार आया है नियमित टीकाकरण और मिशन इंद्रधनुष में बच्चों का टीकाकरण 81 से बढ़कर 87 प्रतिशत हो गया है प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में लाभार्थियों का प्रतिशत भी 87 तक पहुँच गया है। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अशोक शुक्ल ने कहा कि कई गांवों में संसाधनों के अभाव के बाद भी आशाओं के अथक प्रयासों से स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाया जा सका उन्होंने कहा कि वर्तमान में जनपद में ग्रामीण क्षेत्र में 1616 आशा और शहरी क्षेत्र में 443 आशा कार्यरत हैं आशा वह कड़ी हैं जो पंक्ति में पीछे बैठे व्यक्ति को स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ती है। इस मौके पर मेडिकल कॉलेज की प्रधानाचार्य डॉ आरती लाल चंदानी, स्वास्थ्य विभाग के समस्त अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला क्षयरोग अधिकारी, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी, डीपीएम, डीसीपीएम व सभी एमओआईसी, बीपीएम, बीसीपीएम, डीएचईआईओ समेत बड़ी संख्या में आशा कार्यकर्ता मौजूद रही। कार्यक्रम का संचालन अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश कटियार के द्वारा किया गया। प्रथम पुरस्कार पाने वाली आशा
रीता देवी : जिले के पिछड़े इलाके ककवन की आशा रीता को इस वर्ष ककवन ब्लॉक में प्रथम पुरस्कार मिला। वह बताती हैं कि बीहड़ इलाका होने से यहां जागरुकता बहुत कम थी। ग्रामीणों पर भ्रांतियां हावी थीं। इससे उबारना बहुत मुश्किल था,लेकिन अब उनकी बात हर ग्रामीण मानता है।
शिवरती : बिंधनू ब्लॉक के मगरसा की आशा शिवरती बताती हैं कि उनके क्षेत्र की एक महिला सविता को 4 वर्ष से कोई बच्चा नही था, कमला ने उनकी जांच कराई और एक वर्ष के बाद सविता गर्भवती हुई। जांच में कमला को पता चला कि सविता को जुड़वा बच्चे हैं। सविता का प्रसव सफल रहा। कुछ ही समय बाद सविता को रक्तश्राव होने लगा। इससे उसकी हालत बहुत बिगड़ गई। दिनरात प्रयास का परिणाम है कि आज सविता और उनकी दोनों बेटियाँ स्वस्थ हैं।
आयोजन में भीतरगांव के हाज़ीपुर कदीम गाँव की ईला, कल्याणपुर के लोधवाखेड़ा गाँव की आशा निषाद, चौबेपुर के उदैत्पुर गाँव की गायत्रीदेवी, सरसौल के नागपुर गाँव की नीतू त्रिपाठी, पतारा के बरनाव गाँव की सुशीलादेवी, बिल्हौर के अनेई गाँव की नीलम, घाटमपुर के रेवना गाँव की रानी और शिवराजपुर के मक्कापुरवा गाँव की शशिकला को भी प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
स्वास्थ्य सेवाएं घर-घर पहुंचाने में आशा कार्यकर्ता अहम कड़ी
गर्भवती है अगर देवकी तो आशा बहू यशोदा मईया – राज्य मंत्री
हर ब्लॉक की बेहतर काम करने वाली तीन-तीन आशा को किया सम्मानित
सम्मेलन में सांसद, राज्य मंत्री और सीएमओ रहे मौजूद
कानपुर, लक्ष्मी तिवारी। आशा बहुएं स्वास्थ्य की पहली सीढ़ी हैं स्वास्थ्य विभाग की महत्वपूर्ण कड़ी होने के साथ ही वह महिलाओं के गर्भधारण से लेकर बच्चे के सम्पूर्ण टीकाकरण तक में अहम जिम्मेदारी निभाती हैं मातृत्व स्वास्थ्य,परिवार कल्याण, बाल स्वास्थ्य, टीकाकरण में आशा कार्यकर्ताओं का व्यापक सहयोग मिल रहा है। यह बात मुख्य अतिथि सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने शुक्रवार को जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज सभागार में आयोजित आशा सम्मेलन में कही। इस मौके पर जिले के विकास खंडों से आई आशा बहुओं और आशा संगिनियों को ब्लाक स्तर पर सराहनीय कार्य करने के लिये प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पाने पर क्रमशः पांच हजार, दो हजार और एक हजार रुपये का पुरस्कार और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया।