Tuesday, November 26, 2024
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दूरदर्शी बजट का निकट दर्शन

2020-21 का आम बजट पारित हो चुका है| सरकार इस बजट को दूरदर्शी बता रही है तो विपक्ष इसे दिशाहीन बजट बताते हुए नहीं थक रहा है| सवाल उठता है कि सरकार के दावे को यदि सही मान लिया जाये तो क्या आम आदमी के दिन बहुरने वाले हैं? क्या बुनियादी सुविधाओं के लिए जद्दोजहद करते देश के नागरिकों का जीवन स्तर बदलने वाला है? क्या बेरोजगारी के लिए दर-दर भटकते युवाओं के सपने साकार होने वाले हैं? क्या देश के किसानों की दशा सुधरने वाली है, जो कभी अतिवृष्टि, कभी अनावृष्टि तो कभी ओलावृष्टि से बेहाल होते रहते हैं? क्या दिन प्रतिदिन बदहाल होती शिक्षा व्यवस्था में कोई आमूल चूल परिवर्तन देखने को मिलेगा? ऐसे अनेक सवालों के जवाब तलाशने के लिए आइये करते हैं सरकार के दूरदर्शी बजट का निकट से दर्शन|
वित्तमन्त्री सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा था कि यह बजट आकांक्षा, आर्थिक विकास और सर्वसमावेशी है| इससे लोगों की क्रय शक्ति बढ़ेगी| उन्होंने यह भी कहा कि इस बजट के बाद हमारे अनुमानित सकल घरेलू उत्पाद में 10 फीसदी की वृद्धि होगी| वित्तमन्त्री के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था बहुत मजबूत है और सरकार मंहगाई को रोकने में कामयाब हुई है| 2020-21 के बजट की प्रमुख बातें निम्न प्रकार हैं:
आयकर ढांचे में बदलाव: वित्तमन्त्री ने आयकर ढांचे में व्यापक बदलाव करते हुए नये स्लैब बना दिए हैं| लेकिन नये स्लैब के तहत टैक्स का भुगतान वही करदाता कर सकेंगे, जो पूर्व नियमों के तहत मिलने वाली छूट और कटौतियों को छोड़ देंगे| नये स्लैब के तहत अब भी पांच लाख रुपये तक कर योग्य आय वालों को पहले की ही तरह कोई टैक्स नहीं देना होगा| पांच लाख रुपये से साढ़े सात लाख रुपये तक की कर योग्य आय पर अब पहले चुकाये जाते रहे 20 प्रतिशत की तुलना में सिर्फ 10 फीसदी टैक्स अदा करना होगा| साढ़े सात लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक की राशि पर पहले चुकाये जाते रहे 20 प्रतिशत की तुलना में सिर्फ 15 फीसदी टैक्स अदा करना होगा| 10 लाख से 12.5 लाख रुपये तक की कर योग्य आय पर पहले चुकाये जाते रहे 30 प्रतिशत की तुलना में सिर्फ 20 फीसदी टैक्स अदा करना होगा| 12.5 लाख से 15 लाख रुपये तक की कर योग्य आय पर पहले चुकाये जाते रहे 30 प्रतिशत की तुलना में अब केवल 25 फीसदी टैक्स अदा करना होगा और 15 लाख रुपये से अधिक की कर योग्य आय पर पहले की ही तरह 30 फीसदी टैक्स देय होगा| नयी आयकर व्यवस्था वैकल्पिक होगी, करदाताओं के लिए पुरानी व्यवस्था या नयी व्यवस्था में से किसी एक को चुनने का विकल्प सदैव खुला रहेगा|
शिक्षा एवं कौशल विकास: नये बजट में शिक्षा क्षेत्र के लिए 9300 करोड़ तथा कौशल विकास के लिए 3000 करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं| देश के शीर्ष 100 शिक्षण संस्थानों में डिग्री स्तर का पूर्णकालिक ऑनलाइन शिक्षा कार्यक्रम प्रारम्भ किया जायेगा|
कुपोषित परिवारों को सुपोषण: सरकार अब महिलओं और बच्चों के लिए पोषण अभियान चलाएगी| इस हेतु 35600 करोड़ रुपये का प्रावधान बजट में रखा गया है| देश के करीब 10 करोड़ परिवारों को पोषण सम्बन्धी जानकारी प्रदान की जाएगी तथा गरीबों को उनके आवास के निकट निःशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी|
जन आरोग्य केन्द्र: प्रधानमन्त्री जन आरोग्य योजना के तहत टियर-2 और टियर-3 शहरों में पीपीपी मॉडल से जन आरोग्य केन्द्र खुलेंगे| प्रथम चरण में 112 जिलों में यह योजना शुरू की जाएगी| मिशन इन्द्रधनुष का दायरा बढ़ाया जायेगा|
बैंक में जमा धन की सुरक्षा: बैंक में जमा 5 लाख रुपये तक की धनराशि पर इंश्योरेन्श गारंटी मिलेगी| किसी कारण से बैंक यदि डूबता है तो 5 लाख रुपये तक की धनराशि आपको वापस मिल जाएगी| अभी तक यह सुरक्षा व्यवस्था मात्र एक लाख रुपये तक के लिए थी|
नारी सशक्तीकरण: नारी सशक्तीकरण के तहत 28600 करोड़ रुपये महिलाओं से जुड़े कार्यक्रम के निमित्त खर्च किये जाएंगे| लड़कियों की मातृत्व अवस्था निर्धारित करने के लिए एक टास्क-फ़ोर्स का गठन होगा| जो कि छै माह में अपनी रिपोर्ट सरकार के सामने प्रस्तुत करेगा| छै लाख से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को समार्ट फोन दिये जाएंगे|
2030 तक आठ करोड़ लोगों को मिलेगी नौकरी: 2025 तक चार करोड़ तथा 2030 तक आठ करोड़ अच्छे वेतन वाली नौकरियां उपलब्ध कराने का सरकार ने लक्ष्य रखा है| इसके साथ ही स्टार्टअप कंपनियों के लिए कर छूट की भी घोषणा हुई है| अराजपत्रित सरकारी नौकरियों के लिए ‘नेशनल रिक्रूटमेंट सेण्टर’ की स्थापना की जाएगी|
औद्योगिक विकास: इस बार के बजट में उद्योग जगत और कारोबारी विकास हेतु 27300 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है| छोटे और मझोले उद्योगों वैश्विक बाजार में उतारने का प्रयास किया जाएगा| मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहित किया जाएगा| 1480 करोड़ रुपये टेक्सटाइल मिशन के लिए तथा 22000 करोड़ रुपये पॉवर सेक्टर को देने का प्रस्ताव रखा गया है| डिविडेंड टैक्स को समाप्त किया जाएगा| जिससे विदेशी निवेश को बढ़ावा मिलेगा|
पर्यावरण संरक्षण: 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में साफ हवा के लिए बजट में 4400 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है| कोयले वाले पावर प्लांट जल्द ही बन्द कर दिए जाएंगे| इसके साथ ही जलवायु परिवर्तन पर इण्टरनेशनल सोलर एलायंस को मजबूत किया जाएगा|
जल संरक्षण: सरकार ने पीने योग्य पानी को संरक्षित करने के लिए प्रभावी कार्य योजना बनायी है| इसके लिए सबसे पहले पानी की कमी से जूझ रहे 100 जिलों को पानी की आपूर्ति करने के लिए हर सम्भव कदम उठाये जाएंगे| स्थानीय जल स्रोतों की संख्या बढ़ायी जाएगी और मौजूदा जल स्रोतों का पुनर्भरण एवं जल संचयन किया जाएगा|
इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर होगा मजबूत: अगले पांच वर्षों में इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को मजबूती प्रदान करने के लिए सरकार 100 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी| 2020-21 में 1.7 लाख करोड़ रुपये ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चरपर पर खर्च होंगे|
अल्पसंख्यक कल्याण मन्त्रालय का बजट 329 करोड़ रुपये बढ़ा: एक ओर जहाँ नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में मुस्लिम समुदाय का एक बड़ा तबका सड़कों पर है बैठा है, वहीँ दूसरी ओर बजट में मोदी सरकार ने अल्पसंख्यकों का खासा ध्यान रखा है| मोदी सरकार ने पिछली बार की तुलना में अल्पसंख्यक कल्याण मन्त्रालय का बजट 329 करोड़ रुपये बढ़ाया है| वित्तमन्त्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 में अल्पसंख्यक कार्य मन्त्रालय के लिए 5029 करोड़ का बजट दिया है| जबकि पिछले साल यह बजट 4700 करोड़ रुपये था| मोदी सरकार के 6 साल के कार्यकाल में अल्पसंख्यक मन्त्रालय का बजट 1500 करोड़ रुपये तक बढ़ चुका है| भाजपा सूत्रों का कहना है कि सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मूलमन्त्र के साथ काम कर रही है| ऐसे में अल्पसंख्यक मन्त्रालय के बजट में बढ़ोतरी पर किसी को हैरानी नहीं होनी चाहिए| अगर बजट के आंकड़ों की बात करें तो 2014 में मोदी सरकार से पहले यूपीए शासनकाल में पेश हुए 2013-14 के बजट में अल्पसंख्यक कार्य मन्त्रालय के लिए 3511 करोड़ की व्यवस्था की गई थी|
किसानो की आय दोगुनी करने के लिए सरकार ने 17 सूत्रीय योजना बनायी है| देश के एक लाख गाँवों को ब्रोड्बैंड से जोड़ा जाएगा| आने वाले समय में पूरे देश में प्रीपेड मीटर लगाये जाएंगे| जो कि स्मार्ट मीटर होंगे| इन मीटरों की मदद से आप अपने इलेक्ट्रिक सप्लायर और रेट का चुनाव स्वयं कर सकेंगे| निजी क्षेत्र की मदद से डाटा सेण्टर पार्कों की स्थापना की जाएगी| इस बार देश के रक्षा बजट में सरकार ने 5.83 फीसदी की मामूली बढ़ोत्तरी की है| इसके अलावा वित्तमन्त्री ने अपने वक्तव्य में अगले पांच वर्षों में भारत की अर्थ व्यवस्था को पांच ट्रिलियन डॉलर बनाने का सरकार का वादा भी याद दिलाया| जहाँ तक महंगाई का प्रश्न है तो बजट के अनुसार पंखा, मोबाइल फोन, लेखन सामग्री, विदेशी फुटवियर, फर्नीचर, घरेलू उपकरण, सिगरेट, तम्बाकू, आटो व् आटो पार्ट्स, आयातित मेडिकल उपकरण, रबड़, खिलौने, काजू, सोना, पीवीसी तथा टाइल्स आदि वस्तुवें महंगी होने की सम्भावना है| वहीँ तेल, सैम्पू, टूथपेस्ट, डिटर्जेंट, बिजली के घरेलू सामान, सैनेटरी वेयर, बैग, बोतल, कंटेनर, चश्में के फ्रेम, गद्दे, बांस के फर्नीचर, सूखा नारियल, अगरबत्ती, पास्ता, नमकीन, मायोनीज, चाकलेट, वेफर्स, कस्टर्ड पाउडर, लाइटर, ग्लासवेयर, पॉट, कुकर, चूल्हा और प्रिण्टर आदि सामान सस्ते हो जाएंगे| अब देखना यह है कि सस्ती वस्तुवें वास्तव में सस्ती होकर आम आदमी के सामने पहुंचेगी या फिर किसी न किसी बहाने से अपने वर्तमान मूल्य में ही बिकेंगी|
सरकार ने बजट के माध्यम से देशवासियों को विकास का जो विश्वास दिया है, उस पर वह कितनी खरी उतरेगी यह तो आने वाला समय ही बातएगा| क्योंकि देश का आम जन बजट के प्रावधानों का गुणा-भाग लगा पाने में सक्षम नही होता है| वह तो तभी कुछ समझ पाएगा जबकि उसके जीवन स्तर में कोई प्रभावशाली परिवर्तन दिखायी देगा| सरकार को यह भलीभांति समझना होगा कि योजनायें बनाने से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है उन योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन| भ्रष्टाचार जिस देश की रगों में रक्त बनकर दौड़ रहा हो उस देश में किसी भी उत्कृष्ट योजना को लागू करके उसके सकारात्मक परिणाम प्राप्त करना एक बहुत बड़ी चुनौती है| -डॉ. दीपकुमार शुक्ल (स्वतन्त्र टिप्पणीकार)