परिजनों की आस में पैदल तय करने निकले 1186 किलोमीटर का रास्ता
कानपुर, अर्पण कश्यप। कानपुर दूर राज्यों में रह कर दिहाड़ी मजदूरी करने वाले आस्थाई तौर रहने वाले मजदूरों की कोरोना ने पहले रोटी छीन ली संक्रमण फैलने के डर से मजदूरों से मालिको ने छत छीन ली लाकडाउन ने घर जाने का साधन छीन लिया ऐसे में रास्ता बचता है चलो या मरो खाली जेब खाली पेट निकल पड़े घरो को मरेंगे या पहुचेंगे पथ पर पैदल चलने को एक दर्जन से ज्यादा लोग दूरी 1186 किलोमीटर समय 22 घंटे से ज्यादा (गूगल मैप के हिसाब से) तय करने में।
गुरूवार को करीब एक दर्जन से ज्यादा लोग कानपुर के नौबस्ता बाईपास पर पैदल जा रहे थे पूछने पर उन्होंने अपना नाम अजय, विनय, आशीष, डब्लू, जय प्रकाश, शिवप्रकाश, जितेन्द्र, संदीप कोसरे, निकिल, शान्तिलाल, नेथलाल सहित अन्य लोग थे। जिनमे से कुछ लोग जयपुर से बलिया, आजमगण, लखनऊ से नागपुर सहित कई जगहों के लोग थे जो घर जाने के लिये पैदल ही निकल पडे थे। चलते-चलते कही कोई कुछ दूरी के लिये साधन मिल गया तो ठीक वरना पैदल ही चल दिये कानपुर के नौबस्ता हाईवे पर खड़े इन लोगों को स्थानीय पुलिस ने खाना खिलाया तब जाकर इनकी जान में जान आई उसके बाद फिर से निकल पड़े अपने गंतव्य के लिये।