विभाग कर रहा उन पर अत्याचार।
योगी जी अब आप ही करो इस पर विचार।
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में 21 दिन का लॉकडाउन किया गया है। ऐसे में लोगों को आम जरूरत के साथ ही रूपये-पैसों की दिक्कत न हो इसके लिए शासन ने सभी शिक्षकों, अनुदेशकों, शिक्षामित्रों और अन्य कर्मचारियों के वेतन/मानदेय को देने के निर्देश दिए हैं किन्तु बेसिक शिक्षा विभाग कानपुर देहात संविदा कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है। नियमित शिक्षकों को तो समय से वेतन दिया जा रहा है परंतु संविदा पर कार्यरत अनुदेशकों, शिक्षामित्रों, कम्प्यूटर ऑपरेटरों आदि को जनवरी से मार्च माह (3 माह) तक का मानदेय अभी तक नहीं दिया गया है, जबकि इन सभी की मार्च माह तक की ग्रांट विभाग में आ चुकी है। इतना ही नहीं जूडो-कराटे प्रशिक्षण में लगे मास्टर ट्रेनरों के यात्रा भत्ता का भी अभी तक विभाग द्वारा भुगतान नहीं किया गया है। अभी हाल ही में अकबरपुर विकासखण्ड में तैनात एक अनुदेशिका ने आर्थिक तंगी की वजह से आत्महत्या करली थी।
सर्वविदित है कि इस संदर्भ में जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने भी 5 अप्रैल को आदेश जारी कर बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया था कि वह सभी नियमित एवं संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों के वेतन/मानदेय का भुगतान 7 अप्रैल तक अनिवार्यरूप से करना सुनिश्चित करें।