विभिन्न शिक्षक संघों व सचिवालय संघ का कहना है कि राष्ट्रीय आपदा में कर्मचारी आर्थिक सहयोग प्रदान करने में पीछे नहीं हैं फिर ऐसा कदम क्यों उठाया गया। जानकारों की माने तो अलग-अलग पे ग्रेड में अलग-अलग कटौती होगी इससे सरकार को भारी राजस्व मिलेगा।
ये हैं 6 भत्ते जिसको किया गया हैं रद्द-
1- नगर प्रतिकर भत्ता- यह भत्ता 1300 से 1800 ग्रेड-पे के कर्मचारियों को लेवल-1, 1900 से 2000 तक के ग्रेड पे वाले कर्मचारियों को लेवल-2 से लेवल-5 तक, 4200 से 4800 ग्रेड-पे वाले कर्मचारियों को लेवल-6 से लेवल-8 और 5400 से अधिक ग्रेड-पे वाले कर्मचारियों को लेवल-9 और ऊपर के लेवल में रखा गया है। इसमें शहर के हिसाब से 300 रुपये से लेकर 800 रुपये भत्ता मिलता हैं। अनुमान के मुताबिक करीब 80 करोड़ रुपये प्रत्येक माह यूपी में खर्च होते हैं।
2 – सचिवालय भत्ता- करीब 10 हजार से ज्यादा कर्मचारियों को यह भत्ता मिलता है इसमें 500 रुपये प्रति माह मिलते हैं।
3 – पुलिस विभाग में अपराध शाखा, अनुसंधान विभाग, भ्रष्टाचार निवारण, सतर्कता अधिष्ठान, सुरक्षा शाखा एवं विशेष जांच शाखा में तैनात अधिकारियों व पुलिस कर्मियों को मिलने वाले विशेष वेतन में कटौती।
4 – अवर अभियन्ता को मिलने वाला अनुमान्य भत्ता जोकि 400 रुपये मिलता है।
5 – लोक निर्माण विभाग में तैनात अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अनुमान्य रिसर्च भत्ता, अर्दली भत्ता और डिजाइन भत्ता पर रोक।
6 – सिचांई विभाग में तैनात अधिकारियों एवं कर्मचारियों को मिलने वाले आईएंडपी भत्ता एवं अर्दली भत्ता पर रोक।
सरकारी कर्मचारियों पर कोरोना का सबसे अधिक प्रकोप
सरकार ने महँगाई भत्ता के साथ-साथ सभी भत्तों पर लगाई रोक, सभी सरकारी कर्मचारियों में आक्रोश।
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। कोरोना वायरस की लड़ाई में धन की कमी आड़े न आये इस गंभीर मसले को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्र की तर्ज पर यूपी कर्मियों का जनवरी से प्रस्तावित महंगाई भत्ता व पेंशनरों के महंगाई राहत रोकने का ऐलान किया है। यूपी सरकार ने राज्य कर्मचारियों के 6 तरह के भत्तों पर रोक लगाई हैं। इससे करीब 16 लाख कर्मचारी व 11.82 लाख पेंशनर प्रभावित होंगे। यदि डेढ़ वर्ष का डीए व डीआर रोका जाता है तो करीब 25 हजार करोड़ रुपये की बचत हो सकती है। वित्त विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक 6 भत्तों और महंगाई भत्ते में बढ़ोत्तरी पर रोक लगाने से सरकार को कुल 25,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की बचत होगी। 16,000 करोड़ रुपये तो महंगाई भत्ते और महंगाई राहत में बढ़ोत्तरी पर रोक लगने से बचेंगे जबकि 9,000 करोड़ रुपये 6 भत्तों पर रोक से बचेंगे।