कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत तैनात संविदा कर्मचारी अब मुख्यमंत्री से स्थायीकरण की मांग कर रहें हैं। उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष मयंक प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री को सम्बोधित मांगपत्र में सभी एनएचएम संविदा कर्मचारियों को स्थाई करने की मांग की है। पत्र में लिखा है कि कोविड-19 वैश्विक महामारी की लड़ाई में हम सभी अपनी अग्रणी भूमिका निभाते हुए अपने दायित्वों का पूर्णतया पालन कर रहे हैं।एनआरएचएम के तहत बहुत से कर्मचारी आउटसोर्सिंग और राज्य एवं जिला स्वास्थ्य समितियों के माध्यम से अल्प मानदेय पर पिछले 15 वर्षों से स्वास्थ्य विभाग में कार्य कर रहे हैं। अतः इस वैश्विक महामारी के संकट काल में समस्त संविदा कर्मचारियों के कार्यों एवं समस्याओं को ध्यान में रखते हुये स्थायीकरण करने की कृपा करें। उनका कहना है कि इसके पहले भी उ०प्र० राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संघ, रिजवी कमेटी की संस्तुतियों को लागू करने, ग्रेड पे व पे बैण्ड पे देने, आउटसोर्सिंग नियुक्ति प्रक्रिया को खत्म करने, आउटासोर्सिंग से रखे गए कर्मचारियों को नियमित करने की मांग कर चुके हैं। उनका कहना है कि कई बार प्रमुख सचिव स्तर से वार्ता के बाद भी अभी तक मांगों को पूरा नहीं किया गया है जिसको लेकर कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। उनका यह भी कहना है कि संविदा कर्मचारियों के म्युचुअल स्थानान्तरण की व्यवस्था लागू की जानी चाहिए। आउटसोर्सिंग व्यवस्था समाप्त कर कर्मचारियों का शोषण बन्द होना चाहिये। अगर सरकार ने मांगों को पूरा नहीं किया तो वृहद स्तर पर आन्दोलन की शुरूआत की जायेगी। संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि एनएचएम के तहत पूरे प्रदेश में 75 हजार से अधिक संविदा कर्मचारी तैनात है। जिनके बारे में प्रदेश सरकार को विचार करना होगा।