सभी गरीब-मज़दूर परिवारों को तीन महीने का सूखा राशन और 10,000 रुपये गुजारा भत्ता मिले-खेग्रामस
चकिया/इलिया/चन्दौली, दीपनारायण यादव। अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मज़दूर सभा(खेग्रामस) और मनरेगा मज़दूर सभा के संयुक्त तत्वावधान में पूरे देश में मांग दिवस मनाया गया। इस दरम्यान पूरे जिले में मजदूरों ने लॉक डाउन व शारीरिक दूरी का पालन करते हुए मांग दिवस मनाया औरअपनी मांगों से सम्बंधित नारे लगाये।
खेग्रामस के राष्ट्रीय सचिव कामरेड अनिल पासवान ने कहा कि कोरोना लॉक डाउन ने ग्रामीण गरीबों-मज़दूरों को भुखमरी के कगार पर धकेल दिया है, वहीं मनरेगा मज़दूरों से न्यूनतम से भी कम मज़दूरी पर काम लेने का सरकारी आदेश निर्गत है।
खेग्रामस नेता ने कहा है कि राशन में महज़ चावल-गेहूं दिया जा रहा है जबकि भोजन के अन्य जरूरी सामान खरीदने की स्थिति में एक बड़ी आबादी नही है। उन्होंने कहा कि सभी गरीबों-मज़दूरों को तीन महीने का राशन और प्रति परिवार 10 हज़ार रुपये गुजारा भत्ता मिलना चाहिए। मनरेगा को कोरोना राहत अभियान सहित तमाम कृषि कार्यों से जोड़ना चाहिए और उन्हें 500 रुपये दैनिक मज़दूरी और 200 दिन काम मिलना चाहिए।
उत्तर प्रदेश के भी लाखों मजदूर दूसरे प्रदेशों में फंसे हुए हैं जिनमें चंदौली जिले के भी हजारों मजदूर हैं जबसे लाकडाउन हुआ है वे सभी मजदूर एक तरीके से कोरेनटाइन में ही है इसलिए सभी मजदूरों को वापस बुलाने की गारंटी प्रदेश सरकार को करनी चाहिए।
खेग्रामस नेता तथा भाकपा (माले) चंदौली जिला सचिव ने बताया कि आज राष्ट्रीय आह्वान पर जिले के सैकड़ों गांव में मांग दिवस मनाया गया जिसमें हजारों गरीब मजदूर शामिल हुए।
लाकडाउन का पालन करते हुए राष्ट्रीय सचिव कामरेड अनिल पासवान के साथ कलावती देवी, श्याम लाल पाल, रामेश्वर साहू, मंजू देवी, चारु पासवान, क्रांति पासवान ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया।