प्रयागराज, मिथलेश वर्मा। आज ग्राम सेख सरवां एवं लाहुर पार ग्राम पंचायत बमरौली कौड़िहार-2 में होम क्वारन्टीन से फैल सकती है महामारी ग्राम वासियों में दहशत का माहौल है। प्रशासन उठाए उचित कदम आपको स्मरण करा दें की कोरोना जैसे महामारी ना फैले इसके लिए भारत सरकार ने समूचे भारत वर्ष में लगभग 2 महीने से लाॅकडाउन लगा रखा है। लाॅकडाउन सफल बनाने में अहम भूमिका पुलिस विभाग की थी पुलिस विभाग ने पूरी ईमानदारी के साथ लाकडाउन को सफल बनाने की कोशिश की लेकिन सरकार द्वारा पहले निर्देश हुआ था जो लोग बाहर से आ रहे हैं उन लोगों को 14 दिन के लिए गांव में बने स्कूल या ग्राम पंचायत में क्वारंटाइन किया जाये। लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है अब बाहर से आ रहे लोग अपने आप होम क्वारंटाइन हो रहे हैं।
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जिसका पालन पूर्ण रूप से नहीं कर पा रहे है। इनका कहना है कि हम लोग बब्लू कुमार पुत्र राम सजीवन, सोनू पुत्र राम सजीवन, संजू पुत्र राम सजीवन, सुमित पुत्र तिवारी लाल, जितेंद्र कुमार पुत्र रामकुमार, धर्मेंद्र कुमार पुत्र रामकुमार, विजय कुमार पुत्र रामकुमार, छोटेलाल पुत्र छेदीलाल, पूनम पत्नी जितेन्द, महाराष्ट्र से 08 मई से 12 मई को प्रयागराज सभी आए हैं। इनका आरोप है कि हम लोगों की किसी ने सुध तक नहीं ली तो हम लोग क्या करें प्रशासन को यह सोचना चाहिए की होम क्वारंटाइन हो रहे लोगों के यहां उसके घर में कितने कमरे हैं क्या व्यवस्था है और यह होम क्वारंटाइन का पालन कर सकता है या नहीं। आपको बता दें कि जब तक लोग सेंटरो में क्वारन्टीन होते थे तब कोरोना महामारी का प्रकोप बहुत धीमी गति से बढ़ रहा था। लेकिन अब बहुत तेजी से बढ़ रहा है। दूसरी तरफ अब ग्रामीणों में दहशत का माहौल पैदा हो रहा है क्योंकि बाहर से आए हुए लोग होम क्वारंटाइन का पालन सही ढंग से नहीं कर पा रहे हैं। दिन-ब-दिन बाहर से आने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है अभी भी वक्त है शासन व प्रशासन बाहर से आए हुए लोगों को सेंटरो पर क्वारंटाइन नहीं करता तो आने वाले दिनों में इस जानलेवा बीमारी की चपेट में अधिक लोग आ जाएंगे। जिससे और भयावह स्थिति पैदा हो जाएगी लोगों की मांग है कि जैसे पहले बाहर से आए हुए लोगों को सेंटरों में 14 दिन के लिए क्वारन्टीन किया जाता था फिर उसी तरीके से किया जाए जिससे कि इस जानलेवा बीमारी से लोगों को बचाया जा सके।