जिन्दगी हर कदम एक नई जंग हैं और इस जंग में एक प्रवासी अपनी जिन्दगी की जंग हार गया
मुम्बई से चला था अपने घर को कानपुर में आकर जिन्दगी ने छोड़ा साथ
कानपुर नगर, अर्पण कश्यप। कानपुर के रामादेवी चौराहे पर प्रवासियों की भीड़ में एक प्रवासी ने दम तोड़ दिया। चिलचिलाती धूप में बैठे एक प्रवासी के अचानक मौत होने से हड़कंप मच गया। वही कोरोना पीड़ित जान कर प्रवासी का शव घंटों वही पर पड़ा रहा जिसका कोरोना प्रशिक्षण के लिए ब्लड सैंपल लिया गया।
प्रवासी के साथ में आ रहे लोगों से जानकारी करने पर पता चला की बहराइच के मकसूदपूर गाॅव से खुशबुद्दीन अपने चाचा इकबाल व भाई सलाउद्दीन के साथ मुम्बई काम कर कुछ पैसे कमाने गया था पर घर वालो को क्या पता था कि वापसी मे खुशबुद्दीन के मरने की खबर आयेगी। लाॅकडाउन में फंसे दोनो भाई व चाचा को जैसे ही घर जाने का साधन मिला तीनो चल दिये।
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रास्ते में खुशबूद्दीन को बुखार आने पर दर्द निवारण दवा खाकर बस जैसे तैसे घर को पहुंचने की आस लिये चलता चला जा रहा था क्या पता था की कानपुर में आकर जिन्दगी उसका साथ छोड़ देगी। कानपुर सीमा पर पुलिस द्वारा रोकने पर अपने भाई व चाचा के साथ खुशबूद्दीन भी रूक गया। थोड़ी देर बाद उसके सीने में दर्द उठा आनन-फानन पुलिस उसे अस्पताल पहुंचा पाती पर तब तक उसकी साॅसे थम चूकी थी। वही पुलिस ने शव को पुल के नीचे रखवा कर चाचा व भाई के साथ ई-रिक्शे वाले को भी क्वारंटाईन के लिये रोक रखा हैं।
क्या कहा जिम्मेदारों ने
इस पूरे प्रकरण में एसपी पूर्वी राजकुमार अग्रवाल ने बताया की प्रवासी मुम्बई से बहराइच जा रहा था। कानपुर पहुंचने पर उसने अपने सीने में दर्द बताया जिसे डयूटी पर मौजूद सिपाही इलाज के लिये अस्पताल ले जा रहे थे। जिसकी रास्ते में ही मौत हो गयी जिसकी कोरोना प्रोटोकाल के तहत जाॅच कर अंतिम संस्कार कराया जायेगा।