कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। आगरा एवं झांसी मण्डल के कुछ जनपदों में टिड्डी दल के प्रकोप को दृष्टिगत जनपद टिड्डी के प्रकोप की सम्भावना बढ़ गयी है। टिड्डी दल का प्रकोप फसलों में महामारी का स्वरूप ग्रहण कर लेता है। अतः आवश्यक है कि जनपद में निरन्तर टिड्डी दल के आक्रमण की निगरानी की जायें, ताकि किसी भी स्तर के प्रकोप की दशा में ससमय टिड्डी दल पर नियन्त्रण पाया जा सकें।
उपरोक्त जानकारी देते हुए मुख्य विकास अधिकारी जोगिन्दर सिंह ने बताया कि जनपद में टिड्डी दल पर नियन्त्रण पाया जा सकें। जनपद में टिड्डी दल के प्रकोप की दशा में उसके नियन्त्रण हेतु उपाये टिड्डी दल के प्रकोप की सूचना ग्राम प्रधान, लेखपाल, कृषि विभाग के प्राविधिक सहायकों एवं ग्राम विकास/पंचायत अधिकारी के माध्यम से कृषकों तक तत्काल पहुँचायें। टिड्डी दल प्रायः दिन डूबने के समय किसी न किसी पेड़/पौधे पर दिन निकलने तक आश्रय लेती है। टिड्डी के प्रकोप की दशा में एक साथ इकट्ठा होकर टीन के डब्बों, थालिया आदि को बजाते हुये शोर मचाये। शोर से टिड्डी दल आस-पास के खेतों में आक्रमण नहीं कर पायेगें। बलुई मिट्टी टिड्डी के प्रजनन एवं अण्डे देने हेतु सर्वाधिक अनुकूल होता है। अतः टिड्डी दल के आक्रमण से सम्भावित ऐसी मिट्टी वाले क्षेत्रों में जुताई करवा दे एवं जल का भराव करवा दे। ऐसी दशा में टिड्डी के विकास की सम्भावना कम हो जाती है। टिड्डी दल के न्यून/मध्यम प्रकोप की दशा में कृषक भाई एक साथ मिलकर क्लोरोपाइरीफाॅस 20 प्रतिशत ई0सी0 अथवा लैमडासाईहैलोथ्रिन 5 प्रतिशत ई0सी0 का तीव्र छिड़काव करें। कीटनाशक रसायन मैलाथियान 5 प्रतिशत धूल की 25 किग्रा मात्रा का बुरकाव या क्यूनालफाॅस 25 प्रतिशत ई0सी0 की 1.5 ली0 मात्रा को 500-600 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति हेक्टेयर की दर से फसल पर छिड़काव करे। नीमआॅयल की 40 एम0एल0 मात्रा को 10 ग्राम कपड़े धोने के पाउडर के साथ मिलाकर प्रति टंकी पानी में डालकर छिड़काव करने से टिड्डी फसलों को नहीं खा पाती है। फसल की कटाई के बाद मई, जून में खेतों में गहरी जुताई करने से सूर्य की तेज किरणों से भूमि में पड़े टिड्डियों एवं अन्य कीटों के अण्डे व प्यूपा को नष्ट किया जा सकता है। कृषक भाई टिड्डी दल के प्रकोप से सम्बंधित किसी भी प्रकार की सहायता हेतु -जिला स्तर पर- जिला कृषि रक्षा अधिकारी सुमित कुमार, 9454945011, वरि0प्राविधिक सहायक महेश चन्द्र सचान 6386491400 मोबाइल नं0/व्हाट्सएप पर सम्पर्क कर सकते हैं।