नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। जल जीवन मिशन का मुख्य उद्देश्य देश के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को दीर्घकालिक आधार पर पर्याप्त मात्रा में निर्धारित गुणवत्ता के पेयजल के लिए एक कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन प्रदान करना है। ग्रामीणों में परियोजना के प्रति स्वामित्व की भावना पैदा करने के लिए व समुदाय को आपस में जुटाने के लिए ग्राम पंचायतों/ ग्राम पेयजल और स्वच्छता समितियों/ पानी समितियों को पानी के योजना बनाने के असीमित अधिकार दिए गये हैं। गांवों को ग्राम कार्य योजना बना कर कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया गया है।
जम्मू-कश्मीर ने जल जीवन मिशन के तहत नल जल आपूर्ति के साथ हर घर के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपनी कार्ययोजना प्रस्तुत की है। यूटी में 18.17 लाख परिवारों हैं 5.75 लाख परिवारों के पास एफएचटीसी उपलब्ध है। इस में से वर्ष 2020-21 तक जम्मू-कश्मीर में 1.76 लाख परिवार को एफएचटीसी उपलब्ध कराने की योजना बनाई गयी है व चालू वर्ष में यूटी 3 जिले यानी गांधारबल, श्रीनगर और रायसी के सभी 5,000 गांवों को शत-प्रतिशत एफएचटीसी कवरेज की योजना है इस वित्त वर्ष में केंद्रीय हिस्सेदारी के रूप मैं 681 करोड़ रुपये यूटी सरकार को दिए गये हैं। यूटी 2024-25 तक राष्ट्रीय लक्ष्य से पहले दिसंबर 2022 तक 100% कवरेज की योजना बना रहा है। ऐसा करके, जम्मू-कश्मीर नल कनेक्शन प्रदान करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पूरा करने के लिए एक अग्रणी उदाहरण होगा।
सरकार का इरादा है कि समाज के गरीब और हाशिए पर पड़े वर्गों को अपने घरों में नल कनेक्शन के माध्यम से पानी मिले और CoVID-19 महामारी के बीच सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित करें, जिससे ग्रामीण समुदाय सुरक्षित रहें । पेयजल से संबंधित कार्यों को प्राथमिकता से शुरू करने के लिए राज्यों/केंद्रशासी प्रदेशों को एडवाइजरी जारी की गई ताकि ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन उपलब्ध कराने के साथ-साथ स्थानीय लोगों और प्रवासी कामगारों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के दोहरे उद्देश्य को प्राप्त किया जा सके।
98 जल परीक्षण प्रयोगशालाओं में से यूटी चालू वर्ष के दौरान 10 प्रयोगशालाओं की एनएबीएल मान्यता की योजना बनाई गयी है। सुधारात्मक उपाय करने के लिए पानी की गुणवत्ता की जांच के लिए सामुदायिक स्तर पर फील्ड टेस्टिंग किट उपलब्ध कराई जाएगी। यूटी ने गुणवत्ता प्रभावित सभी 4 बस्तियों को पेयजल उपलब्ध कराने की योजना बनाई है।
मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई देशव्यापी ‘जल जीवन मिशन’ योजना से जहां जम्मू-कश्मीर में पानी संकट से जूझ रहे दुर्गम इलाके, उधमपुर के घोरदी ब्लॉक के बरमीन इलाक़े में रहने वालों को कुछ राहत हुई है वहीं इस कोरोना काल में ये स्कीम यहाँ के स्थानीय लोगों को साफ़ पीने के पानी के साथ-साथ रोज़गार भी मुहैय्या करा रही है|
गौरतलब है कि ‘जल जीवन मिशन’ योजना को केंद्र सरकार ने 2019 में शुरू किया था। केंद्र सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत चलाई जा रही इस योजना के तहत देश के सभी घरों में 2024 तक पाइपलाइन द्वारा शुद्ध पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
उधमपुर के सुदूर, भूगोलीय दृष्टि से दुर्गम क्षेत्र, बरमीन के हर घर में, नल से जल पहुंचने की इस मुहिम के चलते, गावँ में तेज़ी से काम शुरू हो चुका है। बी॰सी॰डी॰ की अध्यक्षा आरती शर्मा ने अपनी ख़ुशी ज़ाहिर करते हुऐ प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया कि उन्होंने इस प्रकार की योजना की योजना बनाई व कार्य स्थल में उपलब्ध रह कर कार्य की देखभाल की।
बताते चलें, इस स्कीम से पहले बरमीन के लोगो को काफी दूर पैदल चल कर पानी लाना पड़ता था जिसमे कठिन पहाड़ी चट्टानों की चढ़ाई के चलते स्थानीय लोगो को क़ाफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। केंद्र के इस महत्वाकांक्षी ‘हर घर जल’ मिशन से यहाँ के लोगो को काफी राहत पहुंची है। इस अभियान के तहत हर घर के अंदर पानी के नलके लगाए जा रहे हैं जिससे लोगो की पीने के लिए साफ पानी की समस्या का भी समाधान तेजी से हो रहा है।
गौरतलब है कि जब विश्व कोरोना संकट से जूंझ रहा है और देश में लाखों मज़दूर शहरों से अपने घर ग्रामीण इलाकों की ओर पलायन कर रहे हैं, ऐसे में इस स्कीम के माध्यम से स्थानीय लोगों को रोज़गार के अवसर प्रदान किये जा रहे हैं। ‘जल जीवन मिशन’ में स्थानीय मज़दूरों को रोज़गार देने के केंद्र के इस फैसले से ना सिर्फ क्षेत्र में पानी के संकट का समाधान होगा बल्कि भविष्य में पलायन को रोकने में भी मदद मिलेगी।
कोरोना के प्रकोप को देखते हुए मज़दूरों को न सिर्फ इस महामारी से बचने के उपायों से अवगत कराया गया है बल्कि उन्हें मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के अंतर्गत कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।