Wednesday, November 27, 2024
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नहीं रहें वरिष्ठ साहित्यकार शान्ति स्वरूप बौद्ध

देश के बड़े शीर्ष प्रकाशन सम्यक प्रकाशन के संस्थापक थे शान्ति स्वरूप बौद्ध
देश के नेताओं, शासन प्रशासन के लोगों न जताया शोक दी श्रद्धान्जलि
पंकज कुमार सिंह-
नई दिल्ली/कानपुर। देश विदेश के नामचीन साहित्यकार, चित्रकार, प्रकाशक और वक्ताओं में शुमार बौद्धाचार्य शान्ति स्वरूप बौद्ध ने शनिवार को सुबह तकरीबन सात बजे दिल्ली के एक अस्पताल में अन्तिम सांस ली। बेटे कपिल स्वरूप बौद्ध ने जन सामना को बताया कि उन्हें कुछ दिन पहले निमोनियां और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत थी। कोविड-19 के एहतियातन उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह अपने पीछे परिवार में एक बेटी और चार बेटों, बहुओं व पत्नी सहित भरापूरा परिवार छोङ गए हैं। 2 अक्टूबर 1949 को जन्में वह तकरीबन सत्तर वर्ष की उम्र के थे।
शान्ति स्वरूप बौद्ध के निधन की खबर सुनकर लोग अवाक रह गए। देश विदेश से लोगों ने उन्हें श्रद्धान्जलि दी। तमाम राजनेताओं शासन प्रशासन के लोगों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है उनका अन्तिम संस्कार शनिवार को सांय पांच बजे दिल्ली के निगम घाट पर किया गया। वह सत्तर की उम्र में भी युवाओं सा जोश लिए मुखर वक्ता भी थे। उन्होंने बौद्ध धम्म के आधार स्तम्भ माने जाने वाले साठ से अधिक पात्रों के जीवन बृतांत पर सचित्र पुस्तके प्रकाशित की। शान्ति स्वरूप बौद्ध को सैकङों राष्ट्रीय अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के अवार्डों से सम्मान्नित किया जा चुका है। केन्द्र सरकार के राजपत्रित पद से स्वेक्षिक सेवा निबृति लेकर उन्होंने कला,संस्कृति,साहित्य की दुनिंया में कदभ रखकर कीर्तिमान स्थापित किया। शान्ति स्वरूप पश्चिमपुरी दिल्ली में स्थापित एशिया के शीर्ष लीडिंग प्रकाशन में शुमार संम्यक प्रकाशन संस्थापक है।
“शान्ति स्वरूप बौद्ध सम्यक प्रकाशन के संस्थापक थे। बौद्ध धर्म पर उनका विशेष अध्यन था। उनकी आत्मा की शान्ति की प्रार्थना करते हैं। “
-अखिलेश यादव, पूर्व मुख्यमंत्री उ.प्र.
“अपूर्णीय क्षति हुई है। बैद्धाचार्य शान्ति स्वरूप जी एक बहुजन साहित्य के प्रकाशन में देश में उनका नाम शीर्ष पर था। आनेवाली पीढी उनको याद करेगी। उनका जीवन वंचितो के हक और बौद्ध धम्म के प्रचार में बीता। उनके परिजनों को दुख की घङी में संबल मिले। उनको मेरा नमन्।” -दद्दू प्रसाद, पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर उ.प्र.
“माननीय शान्ति स्वरूप बौद्ध जी दलित साहित्य व बौद्ध दर्शन की बहुत बङी शख्सियत थे। सभाज की बहुत बङी क्षति हुई है। विनम्र श्रद्धान्जलि ” -लालजी प्रसाद निर्मल, राज्यमंत्री उ.प्र.
“समाज की एक बङी शख्सियत इस दुनियां से विदा हो गए। मुझे गहरा शोक है। समाज के प्रति उनके योगदान को बुलाया नहीं जा सकता, मेरा नमन्” -राजेन्द्रपाल गौतम, कैबिनेट मंत्री, दिल्ली