जैसा कि हम सब जानते हैं कि अभी तक कोविड -19 रूपी खतरनाक वायरस का पूरी दुनिया में कोई मान्यता प्राप्त इलाज नहीं मिल पाया है। यह वैश्विक महामारी दिन-प्रतिदिन प्रचण्ड रूप धारण करती जा रही है। एक के बाद एक नये और बड़े आंकड़े इस बीमारी के परिपेक्ष में देखने को मिल रहे हैं। लोगों के मन में इस बीमारी को लेकर एक अजीब सा खौफ घर कर चुका है लोग बेहद डरे हुए हैं। इस वैश्विक महामारी ने जहाँ एक तरफ लोगों के मुँह से निवाला छीना तो दूसरी तरफ लोगों की जिंदगियों से भयानक खेल भी खेलती जा रही है। दुनिया भर के डॉक्टर वैद्य इसका इलाज तलाशने में लगे हैं मगर अब तक असफलता ही हाथ लगी है। इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह वायरस कितना खतरनाक व जानलेवा है।
अगर डब्ल्यू एच ओ की रिपोर्ट पर गौर करें तो यह कहा गया है कि यह वायरस उन लोगों पर आम लोगों से ज्यादा प्रभावी होता है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है। ऐसा देखा भी गया है कि यह वायरस बच्चों और बुजुर्गों पर ज्यादा प्रभावी हुआ और जिससे कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या में बच्चे बुजुर्गों व महिलाओं की अधिकता देखी जा रही है। लोगों की नासमझी व नादानी ने भी कोरोना को बढ़ाने में भरपूर योगदान दिया जिसके चलते आज कोरोना का विकराल रूप इस समय लोगों के सामने है।
जब तक इस कोविड -19 वायरस का मान्यता प्राप्त इलाज नहीं मिल जाता तब तक हमें अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना होगा और इसमें सबसे ज्यादा प्रभावी “योग” को माना जा रहा है। यह सच भी है कि इस भागदौड़ भरी जिंदगी में हमें स्वस्थ रहने के लिए इस महामारी काल में ही नहीं बल्कि हमेशा के लिए “योग” को अपनाना होगा, क्योंकि योग हमारी समस्त इंद्रियों को शांत रखने में सबसे ज्यादा प्रभावी है। योग आदिकाल से प्रचलित एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है जिसमें शरीर, मन व आत्मा को संयुक्त करने का प्रयास किया जाता है। पतंजलि के योग दर्शन में योग की परिभाषा में कहा गया है कि “योगश्चित्वृत्तिनिरोधः” जिसका अर्थ है कि योग चित्त की वृत्तियों का निरोधक है।
आज के दौर की यह व्यस्त जीवन शैली के मद्देनजर वर्तमान समय में योग का महत्व और भी बढ़ जाता है। योग से न केवल व्यक्ति का तनाव दूर होता है बल्कि मन और मस्तिष्क को भी शांति मिलती है। योग बहुत ही लाभकारी प्रक्रिया है जो न केवल हमारे मन व मस्तिष्क को ताकत प्रदान करता है बल्कि यह हमारी आत्मा का भी सम्यक शोधन करता है। योग में तो इतनी क्षमता है कि वह हमारी घटी हुई रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाने में बहुत ही कारगर साबित हो रही है। यही कारण है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योग को सराहा और अपनाया जा रहा है लोगों का झुकाव योग की ओर अधिकाधिक देखा जा रहा है।
योग महज शारीरिक व्यायाम तक ही सीमित नहीं बल्कि योग आंतरिक शक्तियों को बढ़ाने का सबसे कारगर व किफायती जरिया है। जिसको व्यक्ति महज कुछ क्षण पसीना बहाकर हासिल कर सकता है और उसका लाभ भी उठा सकता है। इस कोरोना काल में तो यह न चाहते हुए भी जरूरी बन चुका है क्योंकि कोरोना वायरस का अब तक कोई भी इलाज नहीं मिल पाया है इसलिए प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने हेतु योग को अपनाना बेहद ही जरूरी हो चला है। वैसे योग कोरोना में तो जरूरी है ही मगर इसका एक दूरगामी परिणाम होता है जिससे व्यक्ति हमेशा स्वस्थ व सुदृढ़ बना रहता है। हालांकि यह बात देश के प्रधानमंत्री मोदी जी ने अपने भाषणों में कई बार जोर देकर कहा है कि हमें योग को अपनाना चाहिए सूत्रों के मुताबिक वह खुद भी इसको प्रतिदिन किया करते हैं जिसके उन्हें अनेकों फायदे प्राप्त हुए। आइए इस कोरोना से जंग में योग को अहम हथियार बनाए ताकि हमारी स्वस्थता को देख कोरोना खुद घबराए।
– मिथलेश सिंह ‘मिलिंद’