सरकार ने भारत की विकास गाथा में ‘अपशिष्ट को संपत्ति के रूप में बदलने‘ के द्वारा टिकाऊ विकास हासिल करने का लक्ष्य रखा है
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। जहाजरानी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री मनसुख मंडाविया ने आज जहाजरानी मंत्रालय, भारतीय ड्रेजिंग निगम, भारतीय बंदरगाह संघ, भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण, प्रमुख बंदरगाह ट्रस्टों के अधिकारियों तथा क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ ड्रेजिंग सामग्री की रिसाइक्लिंग के लिए एक वीडियो कॉफ्रेंसिंग की अध्यक्षता की।
सुझावोंके प्रत्युत्तर में, श्री मंडाविया ने भारतीय ड्रेजिंग निगम को निर्देश दिया कि वह भारत के तटीय क्षेत्रों एवं नदी के तट पर बसे बंदरगाहों पर ड्रेजिंग सामग्री की रिसाइक्लिंग की संभावना की खोज करे। श्री मंडाविया ने जोर देकर कहा कि ड्रज्ड सामग्री की रिसाइक्लिंग का कार्यान्वयन इस प्रकार किया जाना चाहिए कि उससे ड्रेजिंग लागत में कमी आए क्योंकि ड्रेजिंग जहाजरानी ट्रैफिक की सुरक्षा एवं सुगमता तथा डिस्चार्ज हेतु जलमार्ग की धारा को बनाये रखने की एक नियमित गतिविधि है। उन्होंने निजी कंपनियों को सुझाव दिया कि वे पर्यावरण पर शून्य प्रभाव को ध्यान में रखते हुए ड्रेजिंग अपशिष्ट के परिवहन के लिए किफायती संभार तंत्र प्रणाली के साथ एक ड्रेजिंग माडल का निर्माण करें।
श्री मंडाविया ने यह भी कहा कि भारत सरकार ने टिकाऊ विकास का लक्ष्य निर्धारित किया है और ड्रेजिंग अपशिष्ट को पर्यावरण अनुकूल वस्तुओं के रूप में रिसाइक्लिंग करने के द्वारा यह भारत की विकास गाथा में ‘अपशिष्ट को संपत्ति के रूप में बदलने ‘ के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन को और सुदृढ़ बनायेगा।