रायबरेली। रूस के द्वारा यूक्रेन के शहरों में लगातार हमले से वहां का मंजर भयानक होता चला जा रहा है, यहां तक कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में चल रही वीडियो और लोगों की राय से ऐसा लग रहा है कि यह हमला अब युद्ध में बदल रहा है और आसानी से यह रुकने वाला नहीं है। अब ऐसे में यूक्रेन में रह रहे भारतीयों को भी खतरा नजर आ रहा है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक लगभग 20000 भारतीय यूक्रेन के शहर में फंसे हुए हैं। इनमें अधिकतर भारत देश के युवा ही शामिल हैं जो कि वहां अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए गए हुए हैं। हालांकि यूक्रेन की सरकार के साथ-साथ भारत सरकार ने भी अपने अपने नागरिकों की सुरक्षा का जिम्मा ले लिया है और समय-समय पर एडवाइजरी भी जा रही हो रही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने तो वहां रह रहे भारतीयों की लिस्ट बनाना भी शुरू कर दिया है और जल्द ही उन्हें भारत वापस लाया जाएगा ऐसा सुनाई दे रहा है।
बताते चलें कि आज सुबह सोशल मीडिया के माध्यम से पता चला है कि रायबरेली जनपद के ऊंचाहार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला कोटरा बहादुरगंज गांव है। जिसमें उस व्यक्ति के द्वारा बताया गया कि कोटरा बहादुरगंज निवासी सत्यनारायण मौर्य का पुत्र अखिलेश मौर्य यहां से यूक्रेन एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए गया है। हालांकि सत्यनारायण मौर्य के दूसरे पुत्र सत्यप्रकाश मौर्य जो कि प्रयागराज में एडवोकेट हैं उन्होंने बताया कि अखिलेश से मेरी बराबर बात हो रही है अभी जिस क्षेत्र में वह है सुरक्षित है। उन्होंने बताया कि वहां के भारतीय एंबेसी द्वारा लगातार संपर्क जारी है, वहां से बताया गया कि हालत सामान्य होने पर जल्द ही सभी को भारत भेज दिया जाएगा। कोटरा बहादुरगंज निवासी सत्यनारायण मौर्य के पुत्र अखिलेश ने व्हाट्सएप पर अपनी डिटेल साझा करते हुए बताया कि यूक्रेन के सूमी शहर में अभी वह रह रहे हैं, वहां के एक मेडिकल कॉलेज में वह एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए यहां से गए थे। यूक्रेन के सूमी में रह रहे अखिलेश ने व्हाट्सएप पर वहां के कॉलेज का अपना मेडिकल स्टूडेंट कार्ड और वहां का लाइब्रेरी कार्ड भी साझा किया है। इसके साथ ही उसने अपने अन्य दोस्तों की फोटो और ऊंचाहार जंक्शन पर खींची गई परिवार की फोटो को साझा किया है। फिलहाल अखिलेश ने व्हाट्सएप पर वॉइस कॉल के माध्यम से बताने की कोशिश की है कि वह अभी सुरक्षित हैं।
गौरतलब यह है कि यूक्रेन शहर के हालात इस समय जिस प्रकार से दिन प्रतिदिन बदल रहे हैं ऐसे में यही उचित होगा की भारत सरकार को अपने भारतीय लोगों को वहां से बुला लेना चाहिए।
Reported by: Pawan Kumar Gupta