हाथरस। 2 दिन की बैंक का हड़ताल का जनपद में व्यापक असर देखा गया बैंकों में हड़ताल के कारण ग्राहकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा तमाम एटीएम मशीनें खाली हो गई। आल इंडिया बैंक एम्प्लाइज एसो0 के दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल के दूसरे दिन भी बैंक कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर बुर्ज वाला कुआं स्थित केनरा बैंक की मुख्य शाखा पर प्रदर्शन कर आम जनता को यह बताया कि यह हड़ताल बैंक कर्मचारियों ने व्यापारियों आम जनता के हित में की है। हड़ताल के चलते बैंकों के ताले नहीं खुले प्रदर्शन के उपरांत बैंक के सभी कर्मचारी उन बैंकों में गए जहां अधिकारियों ने बैंक खोल रखी थी बैंकों के निजीकरण सहित अन्य मुद्दों को लेकर बैंक कर्मचारियों में भारी आक्रोश देखा गया। प्रदर्शन के दौरान बैंक कर्मियों ने केंद्र सरकार और आईबीए के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन किया। यूपी बैंक एम्पलाइज यूनियन के राष्ट्रीय नेतृत्व ने पांच दिवसीय बैंकिंग पूरी तरह लागू करने, पेंशन अपग्रेडशन, पेंशन नियमों में सुधार, स्टाफ वेलफेयर स्कीमों में सुधार करने, विकलांग कर्मचारियों के वाहन भत्तों में सुधार कर ने, सभी बैंकों में व्यावसायिक घंटे सामान करने, भूतपूर्व सैनिक बैंक कर्मचारियों के वेतन निर्धारण का स्पष्टीकरण करने आदि मांगों श्री बैंक कर्मियों को अवगत कराया गया।
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए यूपीबीईयू के जिला अध्यक्ष बीके शर्मा सयुंक्त मंत्री यतेश गर्ग ने कहा कि बैंक कर्मचारियों को नई पेंशन स्कीम से अवगत कराया और कहा कि सरकार की इस नई पेंशन से बैंक कर्मचारी अपना पेट भी नहीं कर पाएंगे सरकार ने ऐसे उद्योगपतियों को ऋण दे दिया है । करोड़ को लेकर भाग गए हैं बीके शर्मा ने कहा कि पूरे देश का कर्मचारी हड़ताल पर है । 2 दिन की हड़ताल पूरी तरह सफल रही है । उन्होंने जनपद के सभी बैंक कर्मियों को हड़ताल सफल बनाने पर धन्यवाद दिया और कहा कि यह तो अभी अंगड़ाई है आगे और लड़ाई है कर्मचारियों को आगे संघर्ष के लिए तैयार रहना होगा। केनरा बैंक एंप्लोई यूनियन प्रांतीय कार्यकारिणी सदस्य उमाशंकर जैन ने कहा कि बैंक कर्मचारी हड़ताल पर नहीं जाना चाहता है। बैंक कर्मचारी हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर हो गया है बैंक कर्मचारियों को हड़ताल करने का कोई शौक नहीं है उन्हें अपना वेतन कटाना पड़ता है। सरकार की कुछ ऐसी गलत नीतियां है जिनके कारण ग्राहकों के खाते से सविर्स चार्ज के रूप में करोड़ों रुपए काटे जा रहे हैं बैंकों में ब्याज दर काफी कम हो गयी है। सर्विस चार्ज के नाम पर रोज नये चार्ज लगाए जा रहे है । बैंक कर्मचारियों की मांगों का उद्योगपति और व्यापारी भी समर्थन कर रहे हैं जिस दिन व्यापारी बैंक कर्मचारियों के साथ सड़क पर आ गया उस दिन सरकार को अपनी गलत नीतियों का एहसास हो जाएगा ।