कानपुर: प्रभात गुप्ता। उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने कार्यालय में समय पर अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने और जनता की शिकायतों को प्रभावी ढंग से निराकरण करने के निर्देश दिये हैं। साथ ही शासन द्वारा भी समय समय पर औचक रूप से कार्यालयों में अधिकारियों व कर्मचारियों की समय से उपस्थिति, साफ-सफाई एवं पत्रावलियों व जनता की शिकायतों के समय से निष्पादन की जांच कर दोषी अधिकारी, कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये हैं।
इसी क्रम में मण्डलायुक्त/श्रमायुक्त, उ0प्र0 द्वारा पूर्वान्ह 10ः10 से 10ः30 बजे के बीच श्रमायुक्त कार्यालय का औचक निरीक्षण किया गया। इसमें फैसल आफताब, अपर श्रमायुक्त एवं अंजूलता, अपर श्रमायुक्त उपस्थित रही।
आज श्रमायुक्त, निदेशक कारखाना उ0प्र0 कार्यालय के 23 अनुभागों का औचक निरीक्षण किया गया तथा इन अनुभागों में कार्यरत कुल 215 कर्मचारियों के प्रभागवार उपस्थित एवं अनुपस्थित कर्मचारियों की जांच की गयी। पाया गया कि इन अनुभागों में कार्यरत कुल 215 कर्मचारियों के सापेक्ष 188 कर्मचारी उपस्थित तथा 27 कर्मचारी अनुपस्थित मिलें। श्रमायुक्त ने इसे गंभीरता से लेते हुए सभी अनुपस्थित कर्मचारियों को कारण बताओं नोटिस जारी कर अग्रिम आदेशों तक के लिए वेतन रोके जाने के निर्देश दिए।
निरीक्षण में पाया गया कि नोडल/सेक्शन अधिकारी द्वारा कर्मचारियों की उपस्थिति पंजिका को नियमित रूप से सीन नहीं किया जा रहा है। इस पर श्रमायुक्त ने सभी सम्बन्धित अधिकारियों को इस निर्देश के साथ कारण कारण बताओं नोटिस जारी किया कि उनके द्वारा प्रत्येक कार्य दिवस में नियमित रूप से प्रातः 10 बजे उपस्थिति पंजिका को सीन कर उस पर टिप्पणी के साथ हस्ताक्षर अंकित किये जाए।
निरीक्षण के समय यह पाया गया कि कर्मचारियो के बैठने के स्थान पर उनके नाम व पदनाम की पटिटका नहीं पायी गयी। इस सम्बन्ध में अपर श्रमायुक्त को निर्देशित किया कि वे सम्बन्धित अधिकारी के माध्यम से दिनांक 08.04.2022 तक सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों का नाम व पदनाम की पटिटका बनवाकर उन्हें प्रत्येक पटल पर रक्षित कराया जाना सुनिश्चित करें।
प्रायः देखा जा रहा है कि क्षेत्रीय निरीक्षण एवं शासकीय कार्य से मुख्यालय से बाहर जाने वाले अधिकारी अपनी सूचना लिखित रूप से उपलब्ध नहीं करायी जा रही है। निर्देशित किया गया कि समस्त अधिकारीगण मुख्यालय छोड़ने से पूर्व कार्य एवं गन्तव्य स्थल की सूचना अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराकर/अनुमति प्राप्त कर ही मुख्यालय छोड़ेंगे।
निरीक्षण के दौरान निर्देशित किया गया कि जन समस्याओं का प्रभावी निराकरण और उसके नियमित समीक्षा के साथ-साथ श्रम विभाग के कार्याे में और तेजी लाने तथा जन सामान्य को उसका लाभ देने के उद्देश्य से कार्य किया जाय एवं कार्यशैली को पारदर्शी बनाया जाए।
निर्देश दिये गये कि कार्यालय के प्रवेश द्वार पर कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना नोडल अधिकारी नजारत द्वारा की जायेगी तथा परिसर में बाहर से आने वाले आगन्तुकों एवं कर्मचारियों का पूर्ण विवरण संकलित करते हुए कोविड प्रोटोकॉल (थर्मल स्कैनर, पल्स-आक्सीमीटर एवं हैण्ड-सेनेटाइजर) का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाय।
प्रत्येक प्रभाग द्वारा समस्त पत्रावलियों को सूचीबद्ध करते हुए 03.04.2022 तक पत्रावलियों की पंजिका तैयार करने एवं इन पत्रावलियों के कवर पेज पर पत्रावली से सम्बन्धित विषय को टाइप कर चस्पा किये जाए।
प्रभागों में कर्मचारियों की अवकाश पंजिका अद्यतन रखी जाय, ताकि अधिकारियों के निरीक्षण में मांग जाने पर प्रस्तुत की जा सके।
परिसर के बाहर अन्दर सहित कक्ष में साफ-सफाई का विषेष ध्यान रखा जाये। साफ-सफाई हेतु गठित टीम द्वारा प्रत्येक सप्ताह में 02 बार साफ-सफाई का निरीक्षण किया जाय।
उपरोक्त निर्देशों का अनुपालन कड़ाई से सुनिश्चित कराये जाने के निर्देश दिये गये।
उक्त के अतिरिक्त शासन के निर्देशों के क्रम में महत्वपूर्ण विभागों यथा- कानपुर विकास प्राधिकरण कार्यालय का उपाध्यक्ष, के0डी0ए0 के माध्यम से व नगर निगम कार्यालय का नगर आयुक्त के माध्यम से औचक निरीक्षण कराया गया औैर पाया गया कि कानपुर विकास प्राधिकरण कार्यालय में कार्यरत कुल 706 अधिकारियों/कर्मचारियों के सापेक्ष 77 अधिकारी/कर्मचारी अनुपस्थित पाये गये। इनमें से 6 कर्मचारी ऐसे पाये गये जो विगत 3 दिनों से अधिक समय से कार्यालय में अनुपस्थित पाये गये। इन कर्मचारियों को कारण बताओं नोटिस जारी कर अग्रिम आदेशों तक के लिए इनका 1 दिन का वेतन रोक दिये जाने के निर्देश दिये गये।
नगर निगम कार्यालय में कार्यरत कुल अधिकारियों/कर्मचारियों के सापेक्ष 20 अधिकारी/कर्मचारी अनुपस्थित पाये गये। इन समस्त अनुपस्थित अधिकारियों/कर्मचारियों को भी कारण बताओं नोटिस जारी कर एक दिन का वेतन तत्काल प्रभाव से रोके जाने के निर्देश दिये।